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ना लीजिये टेंशन नहीं तो बढ़ जाएगा दिल का खतरा

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(आईएएनएस)| एक अध्ययन में पाया गया है कि बचपन के अवसाद का यदि जल्द इलाज और रोकथाम कर लिया जाए, तो वयस्क होने पर दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है। अवसादग्रस्त बच्चों के मोटे, निष्क्रिय होने तथा धूम्रपान करने की संभावना होती है जो किशोरावस्था में ही दिल की बीमारियों के कारण बन सकते हैं।

इसके अलावा शोधकर्ताओं ने उन किशोरों के माता-पिता में दिल की बीमारियों का ऊंचा स्तर पाया, जो बचपन में अवसादग्रस्त रह चुके थे।

Depression may fuel heart disease risk

अमेरिका की युनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा में मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर जोनाथन रोटेनबर्ग ने कहा, "हम पूरी तरह हैरान थे कि प्रभावित किशोरों के बच्चों के माता-पिता दिल के दौरों और अन्य गंभीर घटनाओं के बारे में बता रहे थे।"

रोटेनबर्ग और उनकी टीम ने किशोरों के तीन वर्गों में धूम्रपान, मोटापा, शारीरिक गतिविधि स्तर और माता-पिता के इतिहास जैसी दिल की बीमारियों की तुलना की। शोधकर्ताओं ने पूर्व में अवसाद की चिकित्सा करा चुके 200 बच्चों के साथ उनके वर्तमान में अवसादग्रस्त उनके 200 सहोदरों का सर्वे किया।

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इसी क्रम में शोधकर्ताओं ने इसी उम्र के 150 से ज्यादा ऐसे बच्चों की जानकारी भी एकत्र की, जिन्हें अवसाद नहीं था। शुरुआती जीवन का अवसाद, दिल की बीमारियों का खतरा क्यों बढ़ा देता है, इसका कारण जानने के लिए रोटेनबर्ग एक अतिरिक्त अनुसंधान करने की योजना बना रहे हैं।

हृदय रोग विशेषज्ञ जानते हैं कि अवसाद और दिल की बीमारियों के बीच गहरा संबंध है। अवसादग्रस्त वयस्कों में दिल के दौरे की संभावना ज्यादा होती है और अगर उन्हें दिल का दौरा होता है तो यह और घातक होने की संभावना होती है। यह शोध, साइकोसोमेटिक मेडिसिन शोधपत्र में प्रकाशित हुआ है।

English summary

Depression may fuel heart disease risk

An early prevention and treatment of childhood depression can reduce adult cardiovascular disease, shows a study. Depressed children are likely to be obese, smoke and be inactive that can lead to heart disease as early as their teen years.
Story first published: Saturday, February 1, 2014, 11:21 [IST]
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