For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

ब्रेस्ट इंप्लांट से होते हैं कई नुकसान

By Shakeel Jamshedpuri
|

ब्रेस्ट इंप्लांट एक तरह की सर्जरी है जिसके जरिए ब्रेस्ट की शेप और साइज को ठीक किया जाता है या फिर बेहतर बनाया जाता है। इस सर्जरी में ब्रेस्ट के अंदर आर्टिफिशियल मटीरीअल की एक परत लगाई जाती है। आर्टिफिशियल मेटीरीअल के इस्तेमाल के आधार पर ब्रेस्ट इंप्लांट दो तरह के होते हैं। परत या तो सिलिकॉन की होती है या फिर सेलाइन की।

सिलिकॉन आधारित ब्रेस्ट इंप्लांट में आर्टिफिशियल मेटीरीअल के रूप में सिलिकॉन जेल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे सिलिकॉन शेल्स में भरा जाता है। वहीं सेलाइन आधारित ब्रेस्ट इंप्लांट में आर्टिफिशियल मेटीरीअल के रूप में सेलाइन वाटर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे सिलिकॉन शेल्स में भरा जाता है।

महिलाएं अपने ब्रेस्ट की त्रुटियों को दूर करने के लिए कोई भी एक सर्जरी चुन सकती हैं। सिलिकॉन आधारित ब्रेस्ट इंप्लांटेशन की तुलना में सेलाइन आधारित ब्रेस्ट इंप्लांटेशन को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। सेलाइन आधारित ब्रेस्ट इंप्लांट में खतरा जरूर कम हो जाता है पर इसमें दूसरे तरह के जोखिम बरकरार रहते हैं। हालांकि ब्रेस्ट इंप्लांट महिलाओं को ब्रेस्ट से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है, पर इसके कई नुकसान भी हैं। आइए हम आपको ब्रेस्ट इंप्लांट के कुछ ऐसे सामान्य साइड इफैक्ट के बारे में बताते हैं, जिनका सामना महिलाओं को करना पड़ता है।

Ill effects of breast implants

1. महिलाओं में ब्रेस्ट इंप्लांट का सबसे बड़ा खतरा लीकेज का होता है। अगर छाती पर किसी तरह का धक्का लगता है तो सिलिकॉन जेल या सेलाइन का शरीर से लीकेज होने की संभावना रहती है। सिलिकॉन जेल जब लीक करने लगता है तो इससे चक्कर आना, घबराहट और जी मतलाने जैसी समस्या होने लगती है। वहीं सेलाइन के लीकेज से शरीर पर बैक्टीरिआ और फफूंद की समस्या आ सकती है।

2. ब्रेस्ट इंप्लांट में आर्टिफिशियल मेटीरीअल का इस्तेमाल किया जाता है। हमारे शरीर की यह प्रवृत्ति होती है कि वह बाहर की चीजों को नकार देता है। हो सकता है शरीर इंप्लांट को स्वीकार न करे और ऐसे में ब्रेस्ट के आसपास दर्द हो सकता है। साथ ही ब्रेस्ट में सूजन और फूंसी भी हो सकता है।

3. ब्रेस्ट इंप्लांट का एक और नाकारात्मक प्रभाव यह है कि इससे ब्रेस्ट के आकार में असमानता आ सकती है। इस बात की काफी संभावना रहती है कि सर्जरी के बाद ब्रेस्ट के शेप और साइज में अंतर आ जाए। साथ ही अगर ब्रेस्ट इंप्लांट सही ढंग से नहीं हुआ तो ब्रेस्ट की प्राकृतिक सुंदरता भी खत्म हो सकती है।

4. हर ब्रेस्ट इंप्लांट को 7-8 साल में रिप्लेसमेंट या रीपेयर की जरूरत होती है। इंप्लांट कभी भी स्थाई नहीं होता है और इसमें परिर्वतन आ सकता है। कुछ समय बाद इसमें लीकेज का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

5. ब्रेस्ट इंप्लांट का फटना सबसे बड़ा खतरा होता है। फटे हुए शेल्स से सिलिकॉन जेल या सेलाइन वाटर निकलता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

6. ब्रेस्ट इंप्लाट के बाद आसपास की धमनियां फूल जाती है। ब्रेस्ट इंप्लाट से धमनियों पर असर पड़ता है और सिलिकॉन जेल से यह फूलने लगती है।

7. ब्रेस्ट इंप्लांस से सर्जरी के आसपास के हिस्सों में निशान बन जाते हैं। ये निशान आजीवन बने रहते हैं।

8. ब्रेस्ट इंप्लांट में ऐसे मेटीरीअल का इस्तेमाल होता है जो प्रकृति से न्युरोटॉक्सिन होता है। सिलिकॉन जेल में कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो लीकेज की स्थिति में नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

9. ब्रेस्ट इंप्लांट में इस्तेमाल किए जाने वाले सिलिकॉन जेल में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जो प्रकृति से कैंसरकारी होते हैं। ब्रेस्ट इंप्लांट से भले ही ब्रेस्ट कैंसर न होता हो पर पेट का कैंसर और लंग कैंसर हो सकता है। साथ ही सिलिकॉन के लीकेज से भी शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचता है।

10. ब्रेस्ट इंप्लांस से ब्रेस्ट का साइज और शेप भी बढ़ जाता है, जो बेहद बनावटी लगता है। खासतौर से सलाइन आधारित ब्रेस्ट इंप्लांट में तो ब्रेस्ट काफी नकली और अवास्तविक दिखने लगता है।

English summary

Ill effects of breast implants

Though breast implant has helped women for breast related disorders and physical impairments, there are many ill effects of breast implants. A few notable side effects and ill effects of breast implants that women often face are listed below:-
Desktop Bottom Promotion