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स्वाइन फ्लू के लक्षण पहचानिये
स्वाइन फ्लू 2009 में पूरी दुनिया में कहर बन कर बरपा था। यह H1N1 का वायरस अमेरिका से आया था जिसका अभी तक खात्मा नहीं हो पाया है। आमतौर पर पशुओं और पालतू जानवरों को होने वाले वायरस के हमले कभी इंसानों तक नहीं पहुँचते। इसकी वजह यह है कि जीव विज्ञान की दृष्टि से इंसानों और जानवरों की बनावट में फर्क है। अभी देखा यह गया था कि जो लोग सूअर पालन के व्यवसाय में हैं और लंबे समय तक सूअरों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें स्वाइन फ्लू होने का जोखिम अधिक रहता है।
MUST READ: स्वाइन फ्लू के बारे में जानिए 15 तथ्य
उस समय तो इसका टीका भारत में उपलब्ध नहीं था पर अब इसके टीके का इस्तेमाल सफलतम रूप में किया जा रहा है और इसकी मदद से वर्तमान में एच1एन1 फ्लू से बचाव संभव है।
स्वाइन फ्लू कैसे व किसे हो सकता है?
यदि हम थोडी सी सावधानी बरते तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। स्वाइन फ्लू के टीका का नाम नैसोवैक है जिसे नाक के जरिए दिया जाता है। इस टीके की 0.5 मिली लीटर की एक बूंद किसी भी व्यक्ति को इस रोग से करीब दो साल तक दूर रखती है।
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए 10 घरेलू उपचार
ज्वर:
इस बीमारी में रोगी को बड़ी तेजी का बुखार हो जाता है।
थकान:
रोगी को हर वक्त थकान का एहसास होता है और उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता।
भूख न लगना
रोगी को भूख लगना बंद हो जाती है और उसे हर वक्त पेट भरे रहने का एहसास होता है।
गले मे खरांश
रोगी को इस बीमारी में गले की खरांश, गले में दर्द और कभी तो गला भी पक जाता है।
जुकाम
जुकाम होने की संभावना बढ जाती है।
खाँसी
अगर रोगी को लगातार खांसी आए तो समझ जाएं कि उन्हें स्वाइन फ्लू का लक्षण है।
सिर व बदन दर्द
स्वाइन फ्लू के रोगी के बदल में लगातार दर्द तथा सिरदर्द बना ही रहता है।
जोड़ों में कठोरता
रोगी के जोड़ों में दर्द तथा कठोरता आना आम सी बात होती है।
उल्टी
रोगी को लगातार उल्टी की शिकायत होती है।
ठंड लगना
सिरदर्द, बदनदर्द, खांस-जुकाम के अलावा रोगी को खूब ज्यादा ठंड भी लगती है।
मासपेशियों में दर्द
स्वाइन फ्लू में बदन दर्द के साथ साथ मासपेशियों में भी दर्द होने लगता है।
क्या करें?
यदि आपको यह लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं तो, अच्छा होगा कि आप अपने घर पर ही रहें और ढेर सारा आराम करें। अगर लक्षण बढ गया है तो डॉक्टर से संपर्क करें। स्वाइन फ्लू को पहचानने के लिये एक लैब टेस्ट होता है जिससे इसकी पहचान संभव है।