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तुलसी, लहसुन और नमक से दूर करें कान में होने वाले दर्द को
कानों में चोट लगने, कानों में गंदगी जमा होने और धूल मिट्टी चले जाने के वजह से कानों में फंगस जम जाती है, जिस वजह से कानों में कान में कई बार पानी या धूल मिट्टी चले जाने से फंगस जमनी शुरू हो जाती है। जो धीरे-धीरे इंफेक्शन का कारण बनती है। इससे सिर दर्द,बेचैनी,और कान में असहनीय दर्द होने लगता है।
इसके अलावा जिन लोगों का ज्यादा जुखाम की शिकायत रहती है वो लोग भी अक्सर कान के दर्द की शिकायत से परेशान रहते हैं। कई बार तो रात के समय यह दर्द अचानक उठ जाता है, जिससे सहन करना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे में कुछ घरेलू उपायों के बारे में बता रहें है जिसकी मदद से आप कानों के दर्द से राहत पा सकते हैं।
सरसों
का
तेल
कान के भीतर सरसों का तेल डालना अच्छा रहता है, तेल को थोड़ा गर्म करना और लाभ पहुंचाएगा।
गर्म
पानी
से
सेंक
करें
एक साफ तौलिये को गर्म पानी में भिगोकर कान के उस भाग पर लगाएं जहां आपको दर्द हो रहा है। आप राहत महसूस करेंगे।
तुलसी का रस
तुलसी की ताजी पत्तियों से निकला हुआ रस कान में डालने से कान दर्द कम होता है।
विटामिन सी का सेवन
विटामिन सी युक्त बोजन का सेवन अधिक से अधिक करें। इसमें नींबू, आंवला, संतरा और पपीते का सेवन कान के दर्द को कम करने के लिए करें।
लहसून
लहसून के एंटी बैक्टिरियल गुण संक्रमण से बचाव करने में मददगार है। सरसों के तेल में लहसून की 1-2 कली डाल कर इसे भूरा होने तक गर्म करें। इसके बाद जब तेल हल्का गुनगुना हो जाए तो इसकी 1 बूंद कान में डाल लें।
अलसी का तेल
अगर कान में दर्द है तो, अलसी के तेल को गुनगुना करके कान में 1-2 बूंदे डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है।
यूकेलीप्टस का तेल
एक कटोरे में उबाला हुआ पानी लें,इसमें यूकेलीप्टस के तेल की कुछ बूंदें और एक चम्मच विक्स मिला दें अब एक तौलिए से अपने सिर को अच्छी तरह से ढक लें और नाक से सांस के माध्यम से वाष्प को जितना हो सके अन्दर खींचें,यह अन्दर के दबाव को कम कर कर्णस्राव को बाहर निकालने में मदद करता है।
सोंठ
300 मिलीलीटर सरसों के तेल में 50-50 ग्राम सोंठ, हींग और तुंबरू डालकर पका लें। फिर इस तेल को छानकर बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
जैतून
जैतून के पत्तों के रस को गर्म करके बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
नमक से सिंकाई
चार या पांच चम्मच नमक को सौस्पेन तबतक धीमी आंच पर भुनें जब तक की यह भूरे रंग का न हो जाए ,अब इस गर्म किये हुए भुने नमक को एक साफ कपडे पर अच्छी तरह से लपेट लें और इसे कान के प्रभावित हिस्से में दो से पांच मिनट तक रखें आप सूजन और दर्द में आराम महसूस करेंगे।
मेथी
पांच ग्राम मेथी के बीज एक बड़ा चम्मच तिल के तेल में गरम करें। इसे छानकर शीशी में भर लें। हर रोज सुबह-शाम दो बूंद इसे कान में डालें। इसे कान पीप का उम्दा इलाज माना गया है।