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प्‍लास्टिक में खाने को माइक्रोवेव में गर्म करके बना सकता है आपको नपुंसक और बांझ

By Aditi Pathak
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इन दिनों की बिजी लाइफ में लोगों के पास अक्‍सर तीनों पहर का खाना बनाने का समय नहीं होता है। ऐसे में किचेन हो या ऑफिस की कैंटीन, आपको हर जगह माईक्रोवेव रखा हुआ जरूर मिल जाएगा ताकि आप अपने ठंडे खाने को गर्म कर सकें। माईक्रोवेव की मदद से खाना दो मिनट में ही ताजे के समान गर्म हो जाता है और आप बासे खाने को भी स्‍वाद से खा लेते हैं।

लेकिन हम में से अधिकतर लोगों के पास प्‍लास्टिक वाले टिफिन या घरों में प्‍लास्टिक वाले कटोरे होते हैं जिनमें खाने को गर्म किया जाता है। क्‍या ये प्‍लास्टिक के टिफिन या बतर्न स्‍वास्‍थ्‍य पर कोई नकारात्‍मक असर डालते हैं? क्‍या ये भोजन की गुणवत्‍ता को बिगाड़ देते हैं? हां, ये भोजन की क्‍वालिटी को खराब कर देते हैं जिसका सीधा असर आपके स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है और इस वजह से कई प्रकार की समस्‍याएं हो जाती हैं।

is it safe to microwave food in plastic

प्‍लास्टिक कंटेनर, मनुष्‍य के शरीर के लिए खतरनाक होता है। वैज्ञानिकों ने हाल ही में बताया है कि प्‍लास्टिक में खाना गर्म करने से नपुंसकता, बांझपन, कैंसर, मोटापा और हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, माइक्रोवेव प्लास्टिक में भोजन गर्म करने पर डाइऑक्साइन नामक एक रसायन स्‍त्रावित होता है। 'डाइऑक्साइन' एक रसायन होता है जो कचरा, प्लास्टिक, लकड़ी, धातुओं जैसे पदार्थ जला देने पर निकलता है, अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि ये कितना नुकसानदायक होगा।

इसलिए, जब के बर्तन में भोजन को माइक्रोवेव में गरम किया जाता है, तो भोजन में डाइऑक्साइन पैदा होता है, जो कैंसर होने के मूल कारणों में से एक है। स्वास्थ्य को पहुँचने वाले खतरे को कम करने के लिए प्लास्टिक के उपयोग को कम करना वास्तव में आवश्यक है।

प्‍लास्टिक में 95 प्रतिशत तक कैमिकल तब निकलते हैं जब उन्‍हें गर्म किया जाता है। ये हाइपरटेंशन, डायबटीज, मोटापा या अन्‍य गंभीर रोगों के कारण बनते हैं। डायटीशियन भी इसे सेहत के लिए बुरा मानते हैं।

माइक्रोवेव में खाना गर्म करने के लिए प्लास्टिक कंटेनर का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए?

प्लास्टिक मूल रूप से कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों की एक सरणी से बना मिश्रण होते हैं। अधिकांश प्लास्टिक, कार्बन परमाणु पर आधारित होते हैं। कार्बन परमाणु जुड़े आपस में होते हैं और अन्‍य पदार्थों को अक्सर इसे आकार देने और मिश्रण को स्थिर करने के लिए प्लास्टिक में मिला दिया जाता है।

प्‍लास्टिक के निर्माण के लिए दो यौगिकों को मिलाया जाता है जोकि निम्‍न प्रकार हैं:

1. बिस्फेनॉल (बीपीए)

2. थैलेट

बिस्फेनॉल ए को आमतौर पर हार्ड प्लास्टिक कहा जाता है और इसे प्लास्टिक को स्पष्ट बनाने के लिए जोड़ा जाता है। थैलेट, प्लास्टिक को नरम और आसान बनाने के लिए मिलाया जाने वाला एक पदार्थ है। ये दोनों ही रसायन बेहद खतरनाक हैं और उन्हें मानव उपभोग से दूर रखा जाना चाहिए।

साथ ही यह भी साबित हो चुका है कि प्‍लास्टिक के बर्तनों में खाना गर्म करने से हारमोन परिवर्तित हो जाते हैं और बांझपन की समस्‍या होती है। यहां तककि भोजन को प्‍लास्टिक में बंद करके रखने से भी भोजन पर असर पड़ता है।

माईक्रोवेव के लिए कई प्रकार के कंटेनर बाजार में उपलब्‍ध होते हैं। चूंकि अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने माईक्रोवेव में भोजन को गर्म करने के लिए कुछ मानक निर्धारित किये हैं ऐसे में स्‍वीकृत कंटेनरों में ही भोजन को गर्म करना स्‍वीकार्य है।

अगर कोई कंटेनर माईक्रोवेव सेफ नहीं है तो कभी भी उसका इस्‍तेमाल न करें। माईक्रोवेव सेफ कंटेनर में इसके लिए एक प्रतीक चिन्‍ह् बना हुआ होता है। जिसे एफडीए के द्वारा स्‍वीकृत किया जाता है।

प्रजनन स्वास्थ्य के अमेरिकी समाज ने अध्ययन किया और सुझाव दिया कि बीपीए, भ्रूण प्रत्यारोपण को भी रोकता है, और इसलिए यह उच्च स्तर के इन-विट्रो निषेचन (आईवीएफ) विफलता का कारण बनता है और इससे अक्सर गर्भपात हो जाता है या हो सकता है। इसके अलावा, एफडीए की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये रसायन, ज्यादातर बीपीए, नर और मादा दोनों के प्रजनन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।

एफडीए द्वारा किए गए परीक्षण में समय और तापमान को भी मापा जाता है। इसके अलावा, इसके द्वारा देखा जाता है कि एक प्‍लास्टिक के बर्तन में कितनी बार भोजन को गर्म करने पर आपकी सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुँचेगा। इस प्रकार, प्‍लास्टिक के बर्तनों का माईक्रोवेव में इस्‍तेमाल करने के लिए मानक निर्धारित किये जाते हैं।

वे उन रसायनों का भी अनुमान लगाते हैं जो विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में माईग्रेट करते हैं या अधिकतम सीमा तक माईग्रेट कर सकते हैं। परीक्षण प्रयोगशाला में जानवरों पर किया गया था और औसत परिणाम की उम्मीद की जा सकती है जो शरीर के वजन के प्रति पौंड 100-1000 गुना था।

इसलिए माईक्रोवेव में प्‍लास्टिक के बर्तनों का इस्‍तेमाल करने से बचें और अगर करते हैं तो उनके मानकों का ध्‍यान रखें।

अपने भोजन को गर्म करने के लिए माइक्रोवेव का उपयोग करते समय निम्‍न बातों का ध्‍यान रखना चाहिए:

1) ओवन में भोजन को गर्म करने के लिए केवल माइक्रोवेव-स्‍वीकृत कंटेनरों का उपयोग करें।

2) प्लास्टिक की शीट या प्लास्टिक के कंटेनर को माइक्रोवेविंग के दौरान भोजन के संपर्क में न आने दें, क्योंकि यह पिघल सकता है और उपभोक्ता के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

3) वैक्‍स पेपर या व्‍हाइट पेपर टॉव्‍ल में फूड को रखकर गर्म करना भी अच्‍छा विकल्‍प होता है।

4) माइक्रोवेव डिनर ट्रे एक बार उपयोग के लिए हैं। एक बार के उपयोग के बाद उन्हें हटा देना सुनिश्चित करें।

5) टूटे हुए प्लास्टिक माइक्रोवेवबल कंटेनर का उपयोग न करें, क्‍योंकि वो आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं।

6) प्लास्टिक बैग के साथ माइक्रोवेव कंटेनर मत रखें।

7) भोजन को माइक्रोवेव करते समय ढक्कन को थोड़ा खोल दें।

उपर्युक्त लेख का यह मतलब नहीं है कि माइक्रोवेव में पकाया खाना असुरक्षित है। इस लेख का मतलब यह है कि गैर-माइक्रोवेव कंटेनर या प्लास्टिक का उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है और नियमित माइक्रोवेव उपयोग में लाये जाने वाले प्लास्टिक कंटेनर को बदलने की आवश्‍यकता समय-समय पर होती है।

English summary

Microwaving Food In Plastic Container Can Trigger Infertility, Scientists Reveal

According to the latest survey, heating food in plastic containers can trigger infertility.
Story first published: Monday, May 28, 2018, 18:24 [IST]
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