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अगर आप भी एक किडनी पर जी रहें हैं?, रखें इन बातों का खास ख्याल
जब हम पैदा होते हैं तो हमें स्वस्थ और कामकाजी दो गुर्दे मिलते हैं, लेकिन कई कारणों से कुछ लोगों के पास केवल एक ही गुर्दा होता है। यदि आप स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाते हैं तो आप एक किडनी से भी स्वस्थ रह सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर परेशान नहीं होते हैं, वही दूसरी ओर अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से तो स्वस्थ की़डनी पर भी गहरा असर पड़ता है। किसी व्यक्ति के पास केवल एक कार्यरत किडनी होने के तीन कारण हो सकते हैं।
1. रेनल एजेंसिस
2. रेनल डिस्प्लेसिया
3. नेफेक्टोमी
4. दान
रेनल एजेंसिस- यह वह स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति केवल एक किडनी लेकर ही पैदा होता है। आमतौर पर लोगों के दाएं ओर पर होती, लेकिन बाएं में गायब रहती है। 750 लोगों में से एक इंसान इससे पीड़ित रहता है, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह केस अधिक पाया जाता है।
लेकिन इस मामले में लोगों को पता ही नहीं चल पाता है। जब तक कि उनका एक्स-रे नहीं होता, क्योंकि एक किडनी के सहारे आपका जीवन अल्पायु का कारण बन सकता है।
रेनल डिस्प्लेसिया- यह वह स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति पैदा तो दो किडनियों के साथ होता है लेकिन दोनों में से केवल एक किडनी ही काम करती है। वहीं दूसरी किडनी बहुत खराब काम या काम ही नहीं करती है।
नेफेक्टोमी- कई बार कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण किडनी की सर्जरी करके उसे हटा दिया जाता है। नहीं तो क्षतिग्रस्त किडनी से कैंसर जैसी बीमारियां होने की संभावना रहती है।
दान- दुनियाभर में हजारों लोगों ऐसे हैं, जो दूसरों की मदद के लिये अपनी कार्यरत किडनी को दान कर देते हैं। अधिकांशत:, लोग अपने सगे-संबंधियों को ही अपनी किडनी दान में देते हैं।
क्या होता है जब कोई केवल एक कार्यात्मक किडनी के साथ पैदा होता है?
जिन लोगों के जन्म से ही एक किडनी होती है उन्हें अपने जीवन में स्वास्थ्य समस्याओं को सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन जो लोग जन्म के बाद अपनी किडनी हटवा देते हैं, ऐसे में संभावना यह रहती है कि उनकी 25 साल के बाद किडनी कम करना कम कर देती है।
लेकिन यह उनकी उम्र को प्रभावित नहीं करती है। ऐसे लोगों को हाईब्लड प्रेशर की भी समस्या पैदा हो सकती है। कुल मिलाकर, यह कहा जा सकता है कि यदि आप एक अच्छी लाइफस्टाइल को अपनाते हैं तो यह फर्क नहीं पड़ता है कि आपके पास एक किडनी है या दो।
एक ट्रांसप्लांटेड किडनी कितनी अच्छी है?
एक ट्रांसप्लांटेड किडनी वैसे ही काम करती है जैसे कि सामान्य गुर्दे काम करते हैं। यहां तक की बदली हुई किडनी युवावस्था में सामान्य रूप से काम करती है।इसलिये चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती।
यह सलाह दी जाती है कि आप एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं ताकि आपके गुर्दे पर वर्कलोड जितना संभव हो सके उतना कम पड़े। स्वस्थ्य किडनी के लिये हेल्दी फूड, पर्याप्त पानी, व्यायाम करना और अपने डॉक्टर से नियमित जांच करवाना और सलाह लेना शामिल है।
आपको क्यों और कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए?
यह अत्यंत जरूरी है कि आप अपनी किडनी की जांच साल में कम से कम एक बार जरूर करवाएं। जब आप डॉक्टर के पास चेकअप के लिये जाते हैं तो वह आपको ब्लड और यूरिन टेस्ट करवाने को कहता है, जिससे वह पता लगा सके कि क्या आपके गुर्दे सामान्य रूप से काम कर रहे हैं या नहीं।
यदि आपकी केवल एक किडनी है तो आपको नियमित डॉक्टर के पास क्यों जाना चाहिए? इसके 3 कारण हैं जिनको हम नीचे बता रहे हैं...
ब्लड प्रेशर चेकअप- जैसा कि उपर्युक्त बताया गया है कि जिन लोगों के एक किडनी होती है उन्हे हाइबीपी की संभावना रहती है, अगर इसकी जांच न कराई जाए तो और भी कई अन्य समस्याएं पैदा हो सकती है। यही कारण है कि आपको नियमित डॉक्टर से अपने ब्लडप्रेशर की जांच करवाते रहना चाहिए। यदि आप किसी नये डॉक्टर से दवा ले रहे हैं तो उन्हें पहले अपनी स्थिति के बारे में बता देना उचित रहता है। ऐसा इसलिये है क्योंकि कुछ दवाएं किडनी पर सही असर नहीं डालती हैं और उनके वर्कलोड को काफी बढ़ा देती हैं।
प्रोटीन्यूरिया जांच- यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड से यूरिन में प्रोटीन रिसाव होता है। रक्त से प्रोटीन के अत्यधिक रिसाव के परिणामस्वरूप, शरीर में अधिक सोडियम और तरल पदार्थ की मात्रा मौजूद हो जाती है। जिससे पेट या एड़ियों में सूजन की समस्या होने की संभावना रहती है।
वहीं दूसरी ओर एक किडनी वाले लोगों को नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर द्वारा निर्धारित डाइटचार्ट को फॉलो करना चाहिए।
GRF क्षमता- GRF ( Glomerular Filtration Rate) के द्वारा यह पता लगाया जाता है कि किडनी रक्त प्रवाह से अपशिष्ट उत्पादों को कितनी अच्छी तरह से हटाता है। GRF की गणना करते समय, डॉक्टर रोगी की आयु, लिंग,जाति को ध्यान में रखते हैं। GRF के आधार पर, डॉक्टर अपने मरीजों की किडनी की बीमारी के बारे में पता लगाते हैं। इससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि मरीज की बीमारी का कौन सा चरण है, ताकि आप आवश्यक सावधानी बरत सकें। इसके अलावा, खाने में कुछ ऐसी चीजें निषेध हैं, जो समय के साथ बदलते रहते हैं। डॉक्टर्स की रिपोटर्स के हिसाब से नियमित चेकअप करवाते रहना चाहिए।
क्या एक सिंगल किडनी वाले लोग खेल में भाग ले सकते हैं?
अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिये एक किडनी वाले लोगों को व्यायाम करना अति आवश्यक है। हालांकि खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना अलग बात है, इससे आपकी किडनी पर वर्कलोड बढ़ता है। यहां तक कि यदि आपके पास एक गुर्दा है या ट्रांसप्लांटेड किडनी है तो आप ऐसे खेल न खेलें जिसकी वजह से आप खुद को चोटिल कर लें। जैसे- मुक्केबाजी, कुश्ती, मार्शल आर्ट्स, फुटबॉल, हॉकी आदि को खेलने से बचें।यदि आप खेल में भाग लेना चाहते हैं तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें कि क्या आप जोखिम उठा सकते हैं या नहीं?
क्या करें जब आपकी किडनी सुचारू रूप से काम न कर रही हो?
जब आपकी किडनी कम कार्य करना शुरू कर देती है, तो यह किडनी फेल होने का संकेत हो सकता है। ऐसे कई लक्षण है जिनके साथ इसकी पहचान की जा सकती है। जैसे कि उल्टी आना, अत्यधिक थकान और खाने के स्वाद में परिवर्तन लगना, अंगूठे और उंगलियों सुन्न पड़ जाना, गुर्दे या चेहरे पर सूजन आ जाना, यूरिन का रंग बदल जाना या यूरिन की स्पीड में परिवर्तन होना आदि। यदि आपको या आपके किसी रिलेटिव्स को यह लक्षण समझ में आते हैं तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जब दोनों किडनियां गंभीर रूप से काम करना बदं कर देती हैं तो रोगी को रोजाना डायलिसिस करवाना पड़ता है या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ती है। एक किडनी या ट्रांसप्लांटेड किडनी वाले लोग कोई खतरनाक जीवन नहीं जीते हैं और न ही अनदेखा कर सकते हैं। इसलिए आप अपने डॉक्टर से अपनी किसी भी परेशानी पर चर्चा कर सकते हैं और वो भी आपकी बीमारी को बताने में सक्षम होगा।