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कैल्सिफिकेशन ऑफ शोल्डर से जूझ रहे है अनिल कपूर, जाने क्या है ये बीमारी
62 साल के एक्टर अनिल कपूर पिछले दो सालों से 'कैल्सिफिकेशन ऑफ शोल्डर' नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का खुलासा किया। इस बीमारी के इलाज के लिए वो अप्रैल में जर्मनी जाएंगे। जहां सेलिब्रेटी डॉक्टर मुलर वॉल्फहार्ट उनका ट्रीटमेंट करेंगे।
अनिल ने कहा कि फिल्मों में अपने स्टंट सीन खुद करने के कारण उनके कंधे में समस्या होने लगी। कैल्शियम के जमाव से उनके कंधे सख्त होते जा रहे हैं। डॉक्टर इस बीमारी को कैल्सीस टेंडोनाइटिस कहते है। आइए जानते है कि आखिर क्या है ये बीमारी और इसके लक्षणों के बारे में।
ये होती है समस्या ?
कैल्सिफिकेशन की स्थिति तब बनती है जब शरीर के टिश्यू, धमनियों या किसी अंग में कैल्शियम जमने लगता है। पूरे शरीर में कैल्शियम रक्त के माध्यम से सर्कुलेट होता है। यह हर कोशिका में पाया जाता है इसलिए शरीर के किसी भी अंग में कैल्शियम जमने की स्थिति बन सकती है। जिस जगह कैल्शियम जमने लगता है वह जगह सख्त होने लगती है और मूवमेंट में दिक्कत आती है।
रक्त में 1 फीसदी होता है कैल्शियम
रिसर्च के मुताबिक, 99 फीसदी कैल्शियम दांतों और हड्डियों में पाया जाता है। 1 फीसदी ही रक्त, मांसपेशी, कोशिकाओं और टिश्यू में पाया जाता है। शरीर में कई डिसऑर्डर होते हैं जिसके कारण धीरे-धीरे एक खास हिस्से में कैल्शियम जमा होता रहता है जो आगे चलकर कैल्सिफिकेशन का कारण बनता है।
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टखने और कलाई को भी कर सकता है प्रभावित
यह स्थिति अक्सर कंधे को ज्यादा प्रभावित करती है। कैल्शियम ज्यादात्तर रोटेटर कफ (कंधों के जोड़ के पास मौजूद मांसपेशियों और नसों का समूह ) के चारों ओर जमा होता है। इस स्थिति के वजह से आपके ऊपरी बांह की हड्डी, कंधे के सॉकेट के भीतर से लॉक हो जाती है। इसके आपके टखने, घुटने, नितंबों, कलाई और एड़ियों को भी प्रभावित करता है।
कैल्शियम जमना कब होता है गंभीर
कैल्शियम शरीर के कई हिस्सों में जमा हो सकता है जैसे छोटी-बड़ी धमनी, हार्ट वाल्व, ब्रेन, जोड़, ब्रेस्ट, मांसपेशी, किडनी और ब्लैडर। शरीर के किसी भी हिस्से में कैल्शियम का जमना खतरनाक नहीं होता है जैसे सूजन और इंजरी। वहीं धमनियों और ऑर्गन में इसका जमना गंभीर स्थिति है।
लक्षण?
कैल्शिफिकेशन के कई कारण हो सकते हैं। जैसे बढ़ती उम्र, संक्रमण, कैल्शियम मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर यानी हायपरकैल्शिमिया और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर। ये बीमारियां शरीर के कंकाल तंत्र और हड्डियों को जोड़ने वाली टिश्यू को प्रभावित करती हैं।
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ज्यादा कैल्शियम खाने पर भी होता है?
ज्यादातर लोगों को भ्रम है कि डाइट में कैल्शियम अधिक लेने पर ऐसा होता है जबकि ऐसा नहीं है। हालांकि ऐसे मामलों में किडनी स्टोन की स्थिति बन सकती है। शरीर से कैल्शियम ऑक्जलेट बाहर न निकल पाने पर स्टोन हो सकता है।
जांच से इलाज सम्भव
ब्लड टेस्ट और एक्स-रे की मदद से इसका पता लगाया जाता है। इलाज के लिए सूजन दूर करने वाली दवाएं और आइस थैरेपी की जाती है। कैल्शियम के कारण डैमेज अधिक होने पर सर्जरी की जाती है।