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मानसून में बढ़ सकता है दमा का खतरा, घर में भी रहें सम्‍भलकर

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गर्मी की तपन के बाद मानसून लोगों के ल‍िए राहत की बौंछारें साथ लेकर आता है। लेकिन ये मौसम अस्‍थमा मरीजों के ल‍िए दमे के अटैक का खतरा बढ़ा देता है। हालांकि वातावरण में मौजूद नमी और तापमान अस्थमा के मरीज़ों को कई प्रकार से प्रभवित करता है।

इस मौसम में अतिरिक्‍त सावधानी बरतकर आप इस समस्‍या से बचाव कर सकते हैं। आइए जानें अस्थमा के रोगी इस मौसम में कौन सी सावधानियां पहले से बरतनी चाह‍िए।

अस्थमा अटैक के कुछ सामान्य लक्षण

अस्थमा अटैक के कुछ सामान्य लक्षण

- सांस लेने में समस्या होना।

- बच्चों में होने वाली खांसी भी समस्या बढ़ा सकती है।

- बुखार के साथ थकान का होना।

- सीने में जकड़न महसूस होना।

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 अस्थमा अटैक से बचने के टिप्स

अस्थमा अटैक से बचने के टिप्स

ज्या‍दा गर्म और ज्यादा नम वातावरण से बचें क्योंकि ऐसे में मोल्ड स्पोर्स के फैलने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। आंधी और तूफान के समय घर से बाहर ना निकलें ।

अस्थमा को नियंत्रित रखें और अपनी दवाएं हमेशा साथ रखें । अगर आपका बच्चा अस्थमैटिक है तो उसके दोस्तों व अध्यापक को बता दें कि अटैक की स्थिति में क्या करें। हो सके तो अपने पास स्कार्फ रखें जिससे आप हवा के साथ आने वाले पालेन से बच सें। घर के अंदर किसी प्रकार के धुंए से बचें और रात को खिड़कियां खोलकर सोने के बजाय ए सी चला दें ।

इन बातों का रखें विशेष ध्‍यान

इन बातों का रखें विशेष ध्‍यान

कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखकर भी मानसून में अस्‍थमा के रोग को नियंत्रण में रखा जा सकता है। दमा की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए। अस्थमा से पीड़ित अधिकांश लोग दवाएं (सामान्यत: यह एक इन्हेल करने वाली कोर्टिकोस्टरॉयड है) लेते हैं, क्योंकि यह सांस लेने की प्रक्रिया में प्रॉब्लम खड़ी करती है। स्टडीज से पता चला है कि नियमित रूप से दवाओं के सेवन से दमा का खतरा कम हो जाता है।

 नमी का रखें ध्‍यान

नमी का रखें ध्‍यान

नमी और उमस भरे क्षेत्र को नियमित रूप से सुखाएं। उमस खत्म करने वाले इक्यूपमेंट्स के प्रयोग से ह्यूमिटी को 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच रखें। यदि संभव हो तो एसी का उपयोग करें। हीटर्स और एयर कंडिशनर्स के फिल्टर्स को नियमित रूप से बदलें।

फंगल को साफ करें

फंगल को साफ करें

मानसून के दौरान पौधों को बेडरूम से बाहर रखें। पेंटिंग करते समय पेंट में फंगल खत्म करने वाले केमिकल का उपयोग करें, जिससे फंगल को बढ़ने से रोका जा सकता है। दिखाई देने वाले फंगल को साफ करें और ब्लीच तथा डिटर्जेंट जैसे पदार्थों से युक्त क्लीनिंग सोल्युशंस का उपयोग करें।

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 घर की साफ-सफाई के दौरान रखें ध्‍यान

घर की साफ-सफाई के दौरान रखें ध्‍यान

ह्यूमिड या तेज हवा वाले दिन अंदर रहें, क्योंकि इस दिन पॉलेन ग्रेन की मात्रा वातावरण में काफी हाई होती है। पॉलेन ग्रेन को रोकने के लिए खिड़कियों को बंद रखें। पिलो व बेड को पंखों से दूर रखें। अपने बेड को सप्ताह में एक बार गर्म पानी से धोएं। कालीन का प्रयोग न करें क्‍योंकि धूल और आंधी के वजह से इनमें धूल जम सकती है और कालीन की वैक्यूमिंग करते समय चेहरे पर मास्क लगाएं। अगर आपके घर में किसी को दमा की प्रॉब्लम है, तो उनकी मौजदूगी में वैक्यूम न करें। भीगे कपड़े से फर्श के धूल को साफ करें और साथ ही लैंपशेड्स तथा विंडोंसिल्स की भी सफाई करें।

 खानपान का भी रखें ध्‍यान

खानपान का भी रखें ध्‍यान

अस्थमा के मरीज को खुली और फ्रेश हवा में ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताना चाहिए। फ्रेश और साफ पानी का भी भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। शरीर में एसिड पैदा करने वाली चीजें जैसे कार्बोहाइड्रेट, फैट्स और प्रोटीन का इस्तेमाल कम करें। हफ्ते में एक बार फास्ट रखना भी आपके लिए बेहद फायदेमंद होगा।

बाथरुम की रखें सफाई

बाथरुम की रखें सफाई

बाथरूम की नियमित रूप से सफाई करें और इसमें ऐसे प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करें, जो बैक्टीरिया को खत्म करने में सक्षम हों। एक्जॉस्ट फैन का उपयोग करें और घर में नमी न रहने दें।

English summary

How to Tackle Asthma During Monsoon Season

let's see why and how mansoon season affects your asthma.
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