Just In
- 18 min ago खूबसूरत स्किन की मल्लिका होती हैं ईरानी महिलाएं, ये हैं इनकी खूबसूरती के 6 राज
- 1 hr ago उन बाहरी खिड़कियों को कैसे करें साफ, जो है आपकी पहुंच से दूर
- 5 hrs ago Aaj Ka Rashifal 24th April: इन राशि वालों को मिलेगा आज भाग्य का पूरा सपोर्ट, बदलेगी इनकी जिंदगी
- 11 hrs ago Happy Birthday Sachin Tendulkar Wishes: अपने फेवरेट सचिन के 51वें जन्मदिन के मौके पर शेयर करें ये संदेश
Don't Miss
- News Ujjain News: नाले के पानी में डुबकी लगाने लगे कांग्रेस प्रत्याशी, कुछ ऐसा है पूरा मामला
- Finance Stock Market News: जबरदस्त उछाल के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 73,900 पॉइंट्स के पार निफ्टी भी 50 अंक बढ़ा
- Technology Xiaomi ने भारतीय ग्राहकों के लिए लॉन्च किए Redmi Buds 5A, AI फीचर्स की मिलेगी सुविधा
- Movies युविका चौधरी की प्रेग्नेंसी पर प्रिंस नरूला ने लगाई मुहर? अफवाह है या सच, कर डाला खुलासा!
- Automobiles Hyundai की इस धांसू सेडान पर मिल रहा बंपर डिस्काउंट, शानदार फीचर्स और पावरफुल इंजन से है लैस
- Education MP Board Result 2024 Live: एमपीबीएसई 10वीं, 12वीं रिजल्ट शाम 4 बजे, कैसे करें रिजल्ट चेक
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
केरल में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का मामला आया सामने, जानें इस बीमारी के बारे मे
जुलाई की शुरुआत में उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के राज्य असम, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा में भी अफ्रीकन फीवर के मामले सामने आने के बाद केरल के वायनाड जिले में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever) का मामला सामने आया है। केरल के अधिकारियों ने बताया है कि प्रदेश के वायनाड जिले के मनंतावडी में दो फार्म से अफ्रीकी स्वाइन फीवर की सूचना मिली है। हालांकि इंसानों को इससे बहुत ज्यादा खतरा नहीं है। भोपाल स्थित 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज' में नमूनों की जांच के बाद जिले के दो फार्म के सूअरों में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी। यह काफी संक्रामक बीमारी है. सरकार ने लोगों से पोर्क खाने से मना किया है।
लक्षण
अफ्रीकन स्वाइन फीवर विषाणु जनित बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित अधिकांश सुअरों की मौत हो जाती है। इसमें सुअर को बुखार आने के साथ ही जुकाम, आंखों से पानी भी आता है। यह बीमारी पशुओं की नाक, लार, मुंह, खून, मल और मृत पशुओं के टिश्यू से फैलती है।
हाथ जरुर धोएं
कोरोना वायरस की तरह अफ्रीकन स्वाइन फीवर पर भी लिपिड लेयर होती है। वायरस के धुलने पर उसकी मौत हो जाती है। यह संक्रमित सुअरों के फार्म के आसपास जाने वाले वाहनों के टायरों, मनुष्यों के कपड़ों आदि में चिपककर दूसरे स्थान पर सुअरों के संपर्क में आने से फैल जाता है। इसलिए बाहर से आने पर हाथ जरुर धोएं।
क्या इस वायरस का है इंसानों पर भी खतरा?
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस संक्रमण से इंसानों को खतरा नहीं है। लेकिन संक्रमित सुअरों के संपर्क में आने से पशुपालकों या कर्मचारियों के जरिए ये संक्रमण दूसरे पशुओं में भी फैल सकता है।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर के लक्षण
अफ्रीकन स्वाइन फीवर विषाणु जनित बीमारी है। इसका इलाज लक्षणों के अनुरूप किया जाता है। इस बीमारी से ग्रसित अधिकांश सुअरों की मौत हो जाती है। इसमें सुअर को बुखार आने के साथ ही जुकाम, आंखों से पानी भी आता है। यह बीमारी पशुओं की नाक, लार, मुंह, खून, मल और मृत पशुओं के टिश्यू से फैलती है।
बचाव
संक्रमित सुअरों के फार्म को कंटेन्मेंट जोन बनाते हुए आसपास एक किलोमीटर क्षेत्र को प्रतिबंधित करें।
संक्रमित सुअरों को क्वारंटाइन में रखे।
संक्रमित सुअर का शव खुले में या फिर नदी नाले में न बहायें।
संक्रमित सुअर को मारकर तीन फीट गहरे गड्ढे में चूना और नमक के साथ दफना दें।
संक्रमित सुअरों को फार्म के बाहर न निकालें और बाहरी सुअर अंदर न आने दें।
फार्म के अंदर और बाहर चूने का छिड़काव करें और बाहर चूने का घोल रखें।
आने-जाने वाले लोग पैरों को चूने के घोल में भिगोकर जाएं।
पशु पालकों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक करें।
अब तकइस बीमारी की बनी वैक्सीन, इसलिए जागरुक रहें।