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केरल में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का मामला आया सामने, जानें इस बीमारी के बारे मे

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जुलाई की शुरुआत में उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के राज्य असम, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा में भी अफ्रीकन फीवर के मामले सामने आने के बाद केरल के वायनाड जिले में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever) का मामला सामने आया है। केरल के अधिकारियों ने बताया है कि प्रदेश के वायनाड जिले के मनंतावडी में दो फार्म से अफ्रीकी स्वाइन फीवर की सूचना मिली है। हालांकि इंसानों को इससे बहुत ज्यादा खतरा नहीं है। भोपाल स्थित 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज' में नमूनों की जांच के बाद जिले के दो फार्म के सूअरों में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी। यह काफी संक्रामक बीमारी है. सरकार ने लोगों से पोर्क खाने से मना किया है।

लक्षण

लक्षण

अफ्रीकन स्वाइन फीवर विषाणु जनित बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित अधिकांश सुअरों की मौत हो जाती है। इसमें सुअर को बुखार आने के साथ ही जुकाम, आंखों से पानी भी आता है। यह बीमारी पशुओं की नाक, लार, मुंह, खून, मल और मृत पशुओं के टिश्यू से फैलती है।

हाथ जरुर धोएं

हाथ जरुर धोएं

कोरोना वायरस की तरह अफ्रीकन स्वाइन फीवर पर भी लिपिड लेयर होती है। वायरस के धुलने पर उसकी मौत हो जाती है। यह संक्रमित सुअरों के फार्म के आसपास जाने वाले वाहनों के टायरों, मनुष्यों के कपड़ों आदि में चिपककर दूसरे स्थान पर सुअरों के संपर्क में आने से फैल जाता है। इसल‍िए बाहर से आने पर हाथ जरुर धोएं।

क्‍या इस वायरस का है इंसानों पर भी खतरा?

क्‍या इस वायरस का है इंसानों पर भी खतरा?

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस संक्रमण से इंसानों को खतरा नहीं है। लेक‍िन संक्रमित सुअरों के संपर्क में आने से पशुपालकों या कर्मचारियों के जरिए ये संक्रमण दूसरे पशुओं में भी फैल सकता है।

 अफ्रीकन स्वाइन फीवर के लक्षण

अफ्रीकन स्वाइन फीवर के लक्षण

अफ्रीकन स्वाइन फीवर विषाणु जनित बीमारी है। इसका इलाज लक्षणों के अनुरूप किया जाता है। इस बीमारी से ग्रसित अधिकांश सुअरों की मौत हो जाती है। इसमें सुअर को बुखार आने के साथ ही जुकाम, आंखों से पानी भी आता है। यह बीमारी पशुओं की नाक, लार, मुंह, खून, मल और मृत पशुओं के टिश्यू से फैलती है।

बचाव

बचाव

संक्रमित सुअरों के फार्म को कंटेन्मेंट जोन बनाते हुए आसपास एक किलोमीटर क्षेत्र को प्रतिबंधित करें।

संक्रमित सुअरों को क्वारंटाइन में रखे।

संक्रमित सुअर का शव खुले में या फिर नदी नाले में न बहायें।

संक्रमित सुअर को मारकर तीन फीट गहरे गड्ढे में चूना और नमक के साथ दफना दें।

संक्रमित सुअरों को फार्म के बाहर न निकालें और बाहरी सुअर अंदर न आने दें।

फार्म के अंदर और बाहर चूने का छिड़काव करें और बाहर चूने का घोल रखें।

आने-जाने वाले लोग पैरों को चूने के घोल में भिगोकर जाएं।

पशु पालकों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक करें।

अब तकइस बीमारी की बनी वैक्सीन, इसल‍िए जागरुक रहें।

English summary

African swine fever reported in Kerala's Wayanad; Know Signs, Symptoms and Prevention in Hindi

African swine fever is a highly contagious and fatal viral disease affecting domestic pigs, here we talk about symptoms and cause.
Story first published: Friday, July 22, 2022, 17:19 [IST]
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