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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मरीजों का होगा इलाज, जानें इसके बारें में विस्तार से
MIT के कंप्यूटर साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेबोरेटरी और मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने नई तकनीक विकसित की है। जिसकी मदद से पीटी के बिना भी मरीजों को राहत मिल पाएगी। इसे मसल्स एक्टिविटी मेजरमेंट इमेजिंग टेक्नोलॉजी जिसे इलेक्ट्रिकल इंपिडेंस टोमोग्राफी (ईआईटी) कहा जाता है। थेरेपी वर्चुअल रिएलिटी (वीआर) की मदद से ये पूरी होगी।
फिजिकल रिहैबिलिटेशन सिस्टम
फिजिकल थेरेपी कई पुरानी पुरानी बीमारियों के लिए यूजफुल हो सकती है। जिस तरह से रोगियों की संख्या उम्र बढ़ने के समान दर से बढ़ रही है। और उतने तेजी से थेरेपिस्ट नहीं आ पा रहे हैं। इसलिए एक फिजिकल रिहैबिलिटेशन सिस्टम जो आज के टाइम में यूजफुल है। मसल्स मोशन ट्रीटमेंट प्लान में कमी के परिणामस्वरूप इसको विकसित किया गया है। जिसे आम भाषा में फिजिकल थेरेपिस्ट (पीटी) को समझना सिखाया जाता है।
MuscleRehab प्रोग्राम
MIT के कंप्यूटर साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेबोरेटरी (CSAIL) और मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (MGH) के शोधकर्ताओं ने MuscleRehab नाम का एक प्रोग्राम तैयार किया है। जिसका उद्देश्य पीटी के बिना भी मरीजों को राहत पाने में मदद करना है, जैसा कि पहले इंट्रेस्टिंग इंजीनियरिंग द्वारा रिपोर्ट किया गया था।
मसल्स एक्टिविटी मेजरमेंट इमेजिंग टेक्नोलॉजी
इसमें तीन प्रकार के कैप्चर का यूज किया गया है। स्पीड को रिकॉर्ड करने के लिए स्पीड ट्रैकिंग, एक मसल्स एक्टिविटी मेजरमेंट इमेजिंग टेक्नोलॉजी जिसे इलेक्ट्रेकल इंपिडेंस टोमोग्राफी (ईआईटी) कहा जाता है, और एक आभासी वास्तविकता (वीआर) हेडसेट और ट्रैकिंग सूट द्वारा होता है। वीआर और एक विशेष सूट की बदौलत रोगी एक भौतिक चिकित्सक के साथ अपने प्रदर्शन को देख सकता है।
कार्यक्रम के दौरानमसल्स एक्टिविटी और स्पीड डेटा दोनों के विज़ुअलाइज़ेशन के साथ वर्कआउट की कुल सटीकता में 15% की वृद्धि हुई।