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सर्दी में डिप्रेशन के कारण बढ़ जाता है सुसाइड रेट, समय रहते ऐसे पहचानें लक्षण
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। लोग अपनी स्किन केयर और फैशन को लेकर अभी से तैयारी करने लगे है। लेकिन ठंड के मौसम में लोगों को हेल्थ की प्रॉब्लम भी काफी हो जाती है। लेकिन इस समय डिप्रेशन के केस भी लोगों में बढ़ने लगते हैं। सर्दी के मौसम में सुसाइड के केस में भी काफी बढ़ोत्तरी होती है। जिसका सबसे बड़ा डिप्रेशन है। लेकिन सर्दी के मौसम में लोग डिप्रेशन में क्यों जाते हैं। इसका कारण क्या है, और कौन-से घरेलू तरीके अपनाकर आप इस परेशानी से बाहर निकल सकते हैं।
सर्दी में बढ़ जाता है डिप्रेशन
डॉक्टरों के मुताबिक सर्दियों में डिप्रेशन बढ़ने का कारण मौसम से जुड़ा होता है। डिप्रेशन बढ़ने की एक वजह सुरज की रोशनी की टाइमिंग घटना है। इस कारण ब्रेन में सेरेटोनिन हॉर्मोन का सीक्रेशन प्रभावित होने लगता है। यह एक मूड लाइटनिंग हॉर्मोन है, जिसे हैपी हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रेन के लिए न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में भी काम करता है। जो आपके मूड को सीधे तौर पर अफेक्ट करता है। सर्दियों में इसका स्तर कम होने से मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ता है, जिसके कारण लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं। इसे आप रोज एक्सरसाइज और सूरज की रोशनी में बैठने से कंट्रोल किया जाता है।
थकान भी है वजह
सर्दियों में दिन छोटे और रातें बड़ी होती है। इस समय आपको थकान ज्यादा होने लगती है। स्लीप हॉर्मोन का सीधा रिश्ता रोशनी और अंधेरे से होता है। सर्दियों में सूरज जल्दी छिप जाता है जिसके कारण दिमाग मेलैटोनिन बनाने लगता है। जिसके कारण नींद बढ़ जाती है। और आप थका-थका महसूस करते हैं। जिसके कारण आप डिप्रेशन में चले जाते हैं।
सर्दीयों में डिप्रेशन के लक्षण
- ज्यादातर मन उदास रहता है, किसी भी काम में मन नहीं लगता। क्या करें, क्या न करें इसे लेकर लोग काफी कंफ्यूज रहते हैं।
- अपने पसंद का काम करने का भी मन नहीं करता।
- आपको आलस बहुत आएगा। हर वक्त आप थका हुआ फिल करेंगे।
- इस दौरान आपको बहुत ज्यादा नींद आएगी।
- आपको क्रेविंग बहुत ज्यादा होगी। कार्बोहाइड्रेट वाला खाना खाने का मन आपको ज्यादा होगा।
- इस दौरान आप में आत्मविश्वास की कमी महसूस होगी। आप हर चीज के लिए खुद को दोषी मानेंगे।
- बार-बार मन में सुसाइड करने का विचार आएगा।
डिप्रेशन से बचने के लिए क्या करें?
- सर्दी में आप ज्यादा समय सूरज की रोशनी में अधिकतर बैठे। नेचुरल लाइट आपके लिए फायदेमंद साबित होगी।
- अपना एक शेड्यूल बनाएं, सोने और जागने का समय तय कर लें।
डिप्रेशन के दौरान नेगेटिव विचारों से बचने के लिए मेडिटेशन और एक्सरसाइज करें।
- कोशिश करें की अपने मन का ज्यादा से ज्यादा काम करें।
- हफ्ते में कम से कम एक दिन पार्क जरूर जाएं। या फिर किसी ऐसी जगह घूमने जाएं जहां जाना आपको अच्छा लगता है।
- नेगेटिव विचारों को दूरीं बना कर रखें।
- डिप्रेशन पर कंट्रोल न कर पाने का पर आप सायकाइट्रिस्ट से एक बार जरूर मिलें। इस कंडिशन में हॉर्मोनल सीक्रेशन को बैलंस करने के लिए दवाइयों की जरूरत होती है।