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सर्दियों में होने वाले स्मॉग से खुद को कैसे बचाएं, इन स्टेप्स को फॉलो करें
सर्दियां आ चुकी हैं, ठंड के साथ स्मॉग भी आ गया है। दिल्ली में जहां पर प्रदूषण अपने चरम पर है, यहां के लोगों को अब स्मॉग को भी झेलना पड़ेगा। क्योंकि प्रदूषण और स्मॉग एक दूसरे के साथी हैं। WHO ने एयर पॉल्यूशन को मौत के टॉप 10 रोकथाम योग्य कारणों में से एक बताया है। वहीं भारत के कई सारे शहर दुर्भाग्य से सर्दियों के स्मॉग के मामले में दुनिया की सबसे खराब वायु गुणवत्ता की लिस्ट में है। स्मॉग से आपके फेफड़ों की बीमारियां और ब्रीथिंग इनफेक्शन का खतरा है, लेकिन स्ट्रोक, हृदय रोग और अन्य स्थितियों सहित भी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज की वजह स्मॉग हो सकता है।
स्मॉग क्या है?
"स्मॉग" को स्पेसफिक क्लाइमेट कंडीशन में एमिशन्स के मिश्रण के रूप में बताया जाता है। इंडस्ट्रियल पोल्यूटेंट, कार और अन्य वेहिकल पोल्यूटेंट, खुले में आग लगाना।
विंटर स्मॉग आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?
कई लोग दूसरों की तुलना में स्मॉग और वायु प्रदूषण के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जिनमें मौजूदा छाती, फेफड़े या दिल की शिकायत भी शामिल है। स्मॉग के पहले स्वास्थ्य संकेतों में गले, नाक, आंखों या फेफड़ों में जलन हो सकती है और सांस लेना प्रभावित हो सकता है
ज्यादा स्मॉग में सांस लेना खतरनाक हो सकता है। स्मॉग में ओजोन नामक एक प्रदूषक होता है। बढ़े हुए ओजोन स्तर आपके फेफड़ों पर कई तरह के निगेटिव इंपेक्ट डाल सकते हैं। स्मॉग से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
सर्दियों में स्मॉग के कारण
एयर पॉल्यूशन स्मॉग का प्रमुख कारण है।
कंट्रक्शन और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन आमतौर पर मौसम में बदलाव के कारण सर्दियों के दौरान बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण में अधिक धूल प्रवेश करती है।
गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ स्मॉग का एक अन्य प्रमुख कारण है क्योंकि सर्दियों के दौरान हवा की गति कम होने के कारण वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी पर्यावरण में फंसा रहता है।
सर्दियों के आने का मतलब नई फसल के मौसम की शुरुआत भी है, इसलिए किसानों द्वारा पिछली उपज के लाखों टन धान को जला दिया जाता है, जो अनजाने में वायु प्रदूषण में वृद्धि का कारण बनता है।
विंटर स्मॉग से बचाव के उपाय
अपनी बाहर जाने की गतिविधियों को कम करें
घर के अंदर की हवा को साफ रखे, एयर प्यूरीफायर या ऐसे इनडोर प्लांट्स का यूज करें जो हवा को साफ करते हैं, जैसे एलो वेरा, इंडियन बेसिल और स्पाइडर प्लांट, स्नेक प्लांट।
बाहर जानें पर फेस मास्क लगाए, या किसी औ तरह का फेस प्रोटेक्शन चुनें।
धुंध की स्थिति में व्यायाम करने से बचें और खुद को हाइड्रेटेड रखें
अगर आपको सांस की समस्या है और धुंध के दिनों में यात्रा करना जरूरी है तो भीड़भाड़ वाले एरिया से बचें जहां आप ट्रैफिक जाम में फंस सकते हैं
अपने खुद के उत्सर्जन को कम से कम रखें जैसे एक नियमित प्रकाश बल्ब को कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लाइट बल्ब के साथ बदलने से एक साल में लगभग 136 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड खत्म हो जाता है।
लकड़ी या कचरा न जलाएं।