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कैसे पता करें कि सामान्‍य बुखार नहीं टाइफाइड हुआ है, जानिए इसके लक्षण

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मौसम बदलने के साथ ही कई तरह की मौसमी बीमार‍ियां भी हमला करने लग जाती है, जिसमें से टाइफाइड भी एक है। इसमें मरीज को तेज़ बुखार आता है, वैसे बुखार मलेरिया, डेंगू और वायरल इंफेक्शन के कारण भी हो सकता है, लेकिन टाइफाइड का बुखार इनसे अलग होता है। इसलिए यदि 1-2 दिन में बुखार नहीं उतर रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाएं, क्योंकि बुखार के सही कारणों का पता चलने के बाद ही आपका सही इलाज संभव है।

टाइफाइड कैसे होता है?

टाइफाइड कैसे होता है?

पहले तो आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि टाइफाइड का बुखार आखिर होता कैसे है। डेंगू और मलेरिया तो जैसा की सब जानते हैं मच्छर के काटने से होता है और टाइफाइड का मुख्य कारण है दूषित पानी या भोजन। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी (एस टाइफी) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। भारत में यह बीमारी बहुत आम है इस कई जगहों पर मोतीझरा या मियादी बुखार भी कहा जाता है। समय पर इलाज न करवाया जाए तो टाइफाइड जानलेवा हो सकता है।

टाइफाइड बुखार के लक्षण

टाइफाइड बुखार के लक्षण

चिकित्सकों के अनुसार, किसी भी बीमारी का पता उसके लक्षणों के आधार पर ही लगाया जाता है, इसलिए आपको लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। यदि आपको कई दिनों से बुखार आ रहा है तो आपके लिए यह समझना ज़रूरी है कि क्या यह सामान्य है या टाइफाइड बुखार है? चलिए आपको इसके कुछ लक्षणों के बारे में बताते हैं ताकि आप सामान्य और टाइफाइड बुखार में अंतर कर सकें।

- सिरदर्द

- बहुत अधिक बुखार 104 डिग्री तक

- शरीर में दर्द

- भूख न लगना

- जी मिचलाना

- दस्त और कब्ज की शिकायत

- पेट में दर्द

- कफ की समस्या

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि आपका बुखार 2-3 दिनों में भी नहीं उतरता है और आपको बुखार के साथ ही उपरोक्त बताई गई समस्याओं में से कुछ समस्याएं हैं तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए और खुद ही दवाई लेने की बजाय डॉक्टर से सलाह लेने की ज़रूरत है। वह ब्लड या यूरीन टेस्ट की सालह देगा जिससे टाइफाइड है या नहीं इस बात की पुष्टि होगी।

खानपान का रखें खास ध्यान

खानपान का रखें खास ध्यान

टाइफाइड में बैक्टीरियां आंतों को प्रभावित करते हैं इसलिए इसमें खानपान का खास ध्यान रखें। भारी, तला-भुना, मसालेदार खाने से परहेज करना चाहिए और अधिक से अधिक तरल पदार्थ और फलों का सेवन करना चाहिए।

खाएं यह चीज़ें

खाएं यह चीज़ें

- ताज़े फल जैसे सेब, मौसम्बी, अनार, अंगूर, पपीता आदि खाएं।

- हरी सब्ज़ियां जैसे पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर, कच्चा पपीता, लौकी, करेला आदि फायदेमंद होता है।

- यदि आपको सर्दी-खांसी की समस्या नहीं है तो डायट में दही को भी ज़रूर शामिल करें यह बहुत लाभदायी होता है।

- इसमें तरल पदार्थ का अधिक सेवन करना चाहिए इसलिए दूध, नारियल पानी, फलों का जूस आदि पीते रहें।

- पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए आप गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं। ध्यान रहे पूरे दिन सिर्फ उबाला हुआ पानी ही पीएं।

- बुखार उतर जाने के बाद भी कुछ दिनों तक कमजोरी महसूस होती है इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेते रहें। फल, किशमिश, मुनक्का, मूंग दाल खिचड़ी, दलिया आदि खाएं।

इन चीजों से रहें दूर

इन चीजों से रहें दूर

- चाय/कॉफी और अन्य कैफीन युक्त चीजों से परहेज करें, क्योंकि इनसे गैस की समस्या हो सकती है।

- रिफाइंड, प्रोसेस फूड और ज़्यादा तेल मसाले वाला खाना न खाएं।

- घी, तेल, बेसन, मक्का, शक्करकंद, कटहल, ब्राउन राइस आदि का सेवन न करें।

- लालमिर्च, चिली सॉस, विनेगर, गरम मसाला, अचार आदि के साथ ही गर्म तासीर वाली चीज़ें न खाएं।

- मांसाहार से परहेज़ करें।

- पनीर और डेयरी प्रोडक्ट का सेवन भी न करें।

English summary

Which Symptoms Develop During the First Two Weeks of Typhoid

What are the signs and symptoms of typhoid fever and paratyphoid fever?
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