Just In
- 1 hr ago Watermelon in Uric Acid : तरबूज खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है या घटता, जानें खाएं या न खाएं?
- 3 hrs ago Rash Under Breast: ब्रेस्ट के नीचे रैशेज ने कर दिया हाल बुरा, इन घरेलू इलाज से छुटकारा पाए
- 4 hrs ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 6 hrs ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
Don't Miss
- News Lok Sabha Elections 2024: पूर्वोत्तर में दोपहर तक मतदान का हाल, जानिए कहां- कितने प्रतिशत हुई वोटिंग
- Movies घर पर गोलीबारी होने के बाद इस कारण विदेश रवाना हुए Salman Khan, टाइट सिक्योरिटी के साथ एयरपोर्ट में आए नजर
- Finance Everest Masala News: ‘बेहद खतरनाक’ सिंगापुर फूड एजेंसी ने एवरेस्ट फिश करी मसाला को बाजार से हटाने का दिया आदेश
- Automobiles खुशखबरी! 32 शहरों में मेगा सर्विस कैंप लगाने जा रही है Jawa Yezdi, मिलेंगे ये फायदे, जानें डिटेल्स
- Education ग्राफिक डिजाइन कोर्स
- Technology UPI Payment को लेकर भारत सरकार की योजना, ला सकती है नए भारतीय पेमेंट ऐप्स
- Travel दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कौन से स्टेशनों से होकर गुजरेगी? और कौन से रूट्स हैं प्रस्तावित?
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
डॉग्स भी देखते हैं इंसानों की तरह सपने, जानें उनसे जुड़े और कई रोचक जानकारियां
इंसान के सबसे अच्छे दोस्त की लिस्ट में डॉग्स को शामिल किया जाता है। इसके पीछे कई कारण भी हैं। ये कमाल के स्ट्रेस बस्टर्स होते हैं और आपका साथ कभी नहीं छोड़ते हैं। लेकिन आप डॉग्स के बारे में कितना जानते हैं? इंसानों की तरह कुत्तों के भी बाल सफ़ेद होते हैं और वो भी इंसानों की तरह सपने देखते हैं। इस लेख में डॉग से जुड़ी कुछ ऐसी ही रोचक जानकारियां दी गयी हैं।
याद्दाश्त:
कुत्तों की याद्दाश्त बहुत तेज होती है। ‘डू एज़ आई डू' में ये बात साबित भी हो चुकी है जिसमें एक कुत्ता टीवी पर इंसान से कोई एक्शन सीखता है। उदाहरण के लिए, पैरेंट्स अपने बच्चे को कूदना सिखाने के लिए खुद भी हवा में कूदते हैं, वैसे ही कुत्ते भी आपको देखकर वही करने लगते हैं। लेकिन अगर एक्शन और कुछ करने के लिए दिए गए निर्देश में लंबा अंतराल हो तो कुत्ते उस एक्शन को भूल जाते हैं।
देखते हैं सपने:
जी हां, हैरान होने की जरूरत नहीं है। इंसानों की तरह कुत्ते भी सपने देखते हैं। नींद के दौरान अलग-अलग समय पर कुत्ते हिलते हैं या उनके पैर फड़फड़ाने लगते हैं। ये सब नींद में सपने देखने की वजह से होता है। पालतू डॉग अपने मालिक और उनके साथ की गई एक्टिविटी के सपने देख सकते हैं।
सफेद बाल आना:
इंसान ही नहीं बल्कि कुत्तों के भी बाल सफेद होते हैं। चिंता, तेज आवाज से डरने और किसी अजीब या नए जानवर या इंसान के दिखने पर तनाव होने के कारण कुत्तों के बाल सफेद हो सकते हैं।
तनाव करते हैं कम:
पेट डॉग रखने वाले घर में बच्चों को तनाव उन बच्चों की तुलना में कम होता है, जहां उन्हें माता-पिता से सोशल सपोर्ट मिलता है या नहीं मिल पाता है। जो बच्चे पेट डॉग के साथ खेलते हैं उनमें कोर्टिसोल की मात्रा कम देखी जाती है।
मिर्गी की बीमारी:
मायोक्लोनिक मिर्गी एक मांसपेशी या मांसपेशियों के समूह से संबंधित बीमारी है जिसमें झटका-सा महसूस होता है। नसों से संबंधित ये विकार कुत्तों और इंसानों में एक जैसा है और इंसान में पाए जाने वाले मायोक्लीनिक एपिलेप्टिक जींस कुत्तों में भी होते हैं।
अटेंशन चाहते हैं:
अगर आप कुत्तों पर थोड़ा भी ध्यान देने लगें तो वो आपके पास खिंचे चले आते हैं। उनकी तरफ आपके देखने पर वो जीभ बाहर निकानलने या भौंकने लगते हैं।
समय को समझते हैं:
कुत्तों को भी ये बात समझ आती है कि उन्हें कब पार्क जाना है और कब उनके खाने का समय है। इंसान सेकेंड, मिनट और घंटों में समय को मापता है लेकिन कुत्ते ऐसा नहीं करते हैं। वो अपने पिछले कामों और शेड्यूल को देखकर ही समय का पता लगाते हैं।
डर को सूंघ लेते हैं:
जब आप कुत्तों को देखकर डर जाते हैं तो उन्हें भी ये बात पता चल जाती है। कुत्ते डर को सूंघ लेते हैं। कुत्ते इंसान की मूवमेंट और पोस्चर से डर, चिंता एवं घबराहट का पता लगाते हैं।
दिल को खुश रखते हैं:
पेट डॉग रखने वाले लोगों को कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का खतरा कम होता है। ऐसे लोग शारीरिक रूप से ज्यादा गतिशील होते हैं जो कि उन्हें ह्रदय रोगों से दूर रखने का प्रमुख कारण है।
आपकी बात समझते हैं:
अगर आपके पास भी पेट डॉग है तो आप जानते ही होंगे कि कुत्ते आपके शब्दों को समझते हैं। जब कोई ओनर अपने पेट डॉग को कोई कमांड देता है तो वो फट से उसे समझकर वैसा ही करने लगते हैं।
जींस में समानता:
चूहों या सूअरों की तुलना में डॉग माइक्रोबायोम और इंसान के गट माइक्रोबायोम में बहुत समानता होती है। इससे पता चलता है कि अनुवांशिक रूप से कुत्ते इंसान के ज्यादा करीब हैं और उसके अच्छे दोस्त बन सकते हैं।
एलर्जी-प्रूफ बचपन:
जो बच्चे पैदा होते ही पेट डॉग के साथ रहते हैं उनमें आगे चलकर एलर्जी और अन्य बीमारियों का खतरा कम होता है।