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Baisakhi 2021: घर पर परिवार के साथ मनाएं ये त्योहार, आप कर सकते हैं ये काम

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बैसाखी का त्योहार मुख्यतः उत्तर भारत में मनाया जाता है। बैसाखी का उत्सव पंजाब, हरियाणा और आसपास के इलाकों के किसानों द्वारा मनाया जाता है। किसान रबी की फसल काटने के बाद नए साल का जश्न मनाते हैं। बैसाखी के दिन ही सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है। इस मौके पर लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और छोटे बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

Baisakhi 2021

मगर देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस दौरान पड़ने वाले तीज-त्योहारों पर भी भारी असर पड़ा है। भारत में लॉकडाउन लगा दिया गया है और नागरिकों को घर में ही रहने की हिदायत दी गयी है। बैसाखी के इस पर्व के मौके पर आप घर में ही रहें और दोस्तों तथा रिश्तेदारों को फोन या मैसेज के जरिए शुभकामनाएं दें। यदि संभव हो तो इस मौके पर आप जरूरतमंदों की मदद करके पुण्य कमा सकते हैं।

बैसाखी की तिथि

बैसाखी की तिथि

ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक हर वर्ष अप्रैल माह में बैसाखी का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 13 अप्रैल को है।

खालसा पंथ की स्थापना

खालसा पंथ की स्थापना

गौरतलब है कि 1699 में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह जी ने बैसाखी के ही दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख धर्म के मानने वाले लोगों के लिए ये नए वर्ष का पहला दिन है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखी थी। तत्कालीन मुगल शासकों के अत्याचारों से लोगों को मुक्त कराकर उनके जीवन को बेहतर बनाने के मकसद से इस पंथ की शुरुआत की गयी थी।

बैसाखी पर्व का महत्व

बैसाखी पर्व का महत्व

उत्तर भारत में फसलों से जुड़ा ये पर्व बैसाखी के नाम से मनाया जाता है। वहीं देश के दूसरे हिस्सों में भी बैसाखी अलग अलग नामों से मनाया जाता है। बंगाल में इसे पोइला बैसाख, केरल में विशु तो असम में इसे बिहू कहा जाता है। हर जगह इस समय तक रबी की फसल काटकर किसान निश्चिंत हो जाते हैं और फिर ये पर्व मनाते हैं जिसमें वो अपनी फसल के लिए प्रभु का धन्यवाद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि मेष संक्रांति के समय गंगा धरती पर उतरी थीं। इस वजह से इस मौके पर पवित्र नदी का स्नान और मां गंगा की आरती करना शुभ माना गया है।

ऐसे मनाएं बैसाखी का पर्व

ऐसे मनाएं बैसाखी का पर्व

यूं तो देशभर में अलग अलग तरीकों से इस दिन जश्न मनाया जाता है। कहीं ढोल-नगाड़े बजते हैं तो कहीं लोक नृत्य और गीतों की धुन गूंजती है। गुरुद्वारों में विशेष इंतजाम किये जाते हैं। भजन कीर्तन के साथ घर घर में पकवान बनते हैं।

इस वर्ष जब लॉकडाउन के कारण देश में स्थिति ठीक नहीं है तो आपको भी इसका अनुसरण करना चाहिए। सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करें। आप दोस्तों और रिश्तेदारों को संदेशों के जरिए बधाई दें। घर पर ही कुछ अच्छा बनाएं। जरूरतमंदों की मदद करें।

English summary

Baisakhi 2021: Date, Significance, History, Khalsa Panth, How To Celebrate In Lockdown

Celebrated among the Hindus and Sikhs, Vaisakhi is a spring harvest festival that’s celebrated on the 13th or 14th of April (Gregorian calendar) every year.
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