Just In
- 2 hrs ago प्रेगनेंसी के First Trimester में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? कैसी होनी चाहिए हेल्दी डाइट
- 3 hrs ago OMG! भारत के इस गांव में प्रेगनेंट होने आती हैं विदेशी महिलाएं, आखिर यहां के मर्दों में क्या हैं खास बात
- 6 hrs ago Curd Benefits For Skin: रोजाना चेहरे पर दही मलने से पिग्मेंटेशन और मुंहासे की हो जाएगी छुट्टी, खिल उठेगा चेहरा
- 8 hrs ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
Don't Miss
- News JDU नेता की बेटी को LJP का टिकट, कौन है शांभवी चौधरी जिसे समस्तीपुर से लॉन्च करेंगे चिराग पासवान?
- Movies पत्नी को तलाक देकर करण जौहर के घर में किराए पर गर्लफ्रेंड के साथ लिव इन में रह रहा है ये एक्टर! मचा बवाल
- Travel अप्रैल की गर्मी में सैर करें कश्मीर की ठंडी वादियों में, IRCTC का 'कश्मीर-धरती पर स्वर्ग' पैकेज
- Finance Haryana News: हरियाणा में रबी फसलों की खरीद की सभी तैयारियां पूरी, 1 अप्रैल से 417 केंद्रों पर होगी खरीद
- Education Job Alert: बैंक ऑफ इंडिया ने निकाली 143 ऑफिसर पदों पर भर्ती 2024, देखें चयन प्रक्रिया
- Technology अप्रैल में OnePlus, Samsung, Motorola समेत इन ब्रांड्स के Smartphones होंगे लॉन्च, जानिए कीमत व स्पेक्स
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Baisakhi 2021: घर पर परिवार के साथ मनाएं ये त्योहार, आप कर सकते हैं ये काम
बैसाखी का त्योहार मुख्यतः उत्तर भारत में मनाया जाता है। बैसाखी का उत्सव पंजाब, हरियाणा और आसपास के इलाकों के किसानों द्वारा मनाया जाता है। किसान रबी की फसल काटने के बाद नए साल का जश्न मनाते हैं। बैसाखी के दिन ही सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है। इस मौके पर लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और छोटे बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मगर देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस दौरान पड़ने वाले तीज-त्योहारों पर भी भारी असर पड़ा है। भारत में लॉकडाउन लगा दिया गया है और नागरिकों को घर में ही रहने की हिदायत दी गयी है। बैसाखी के इस पर्व के मौके पर आप घर में ही रहें और दोस्तों तथा रिश्तेदारों को फोन या मैसेज के जरिए शुभकामनाएं दें। यदि संभव हो तो इस मौके पर आप जरूरतमंदों की मदद करके पुण्य कमा सकते हैं।
बैसाखी की तिथि
ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक हर वर्ष अप्रैल माह में बैसाखी का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 13 अप्रैल को है।
खालसा पंथ की स्थापना
गौरतलब है कि 1699 में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह जी ने बैसाखी के ही दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख धर्म के मानने वाले लोगों के लिए ये नए वर्ष का पहला दिन है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखी थी। तत्कालीन मुगल शासकों के अत्याचारों से लोगों को मुक्त कराकर उनके जीवन को बेहतर बनाने के मकसद से इस पंथ की शुरुआत की गयी थी।
बैसाखी पर्व का महत्व
उत्तर भारत में फसलों से जुड़ा ये पर्व बैसाखी के नाम से मनाया जाता है। वहीं देश के दूसरे हिस्सों में भी बैसाखी अलग अलग नामों से मनाया जाता है। बंगाल में इसे पोइला बैसाख, केरल में विशु तो असम में इसे बिहू कहा जाता है। हर जगह इस समय तक रबी की फसल काटकर किसान निश्चिंत हो जाते हैं और फिर ये पर्व मनाते हैं जिसमें वो अपनी फसल के लिए प्रभु का धन्यवाद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि मेष संक्रांति के समय गंगा धरती पर उतरी थीं। इस वजह से इस मौके पर पवित्र नदी का स्नान और मां गंगा की आरती करना शुभ माना गया है।
ऐसे मनाएं बैसाखी का पर्व
यूं तो देशभर में अलग अलग तरीकों से इस दिन जश्न मनाया जाता है। कहीं ढोल-नगाड़े बजते हैं तो कहीं लोक नृत्य और गीतों की धुन गूंजती है। गुरुद्वारों में विशेष इंतजाम किये जाते हैं। भजन कीर्तन के साथ घर घर में पकवान बनते हैं।
इस वर्ष जब लॉकडाउन के कारण देश में स्थिति ठीक नहीं है तो आपको भी इसका अनुसरण करना चाहिए। सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करें। आप दोस्तों और रिश्तेदारों को संदेशों के जरिए बधाई दें। घर पर ही कुछ अच्छा बनाएं। जरूरतमंदों की मदद करें।