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बकरीद 2019: इस साल 12 अगस्त को मनाया जाएगा ईद-उल-अजहा
दुनियाभर में मुस्लिम धर्म के अनुयायी अपने पवित्र त्योहार ईद-उल-अजहा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस्लामिक कैलेंडर में ये दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ये दिन मुसलमानों के लिए बेहद खास माना जाता है। पारंपरिक आयोजनों के साथ परिवार के साथ मेल-मिलाप और तोहफों का लेन-देन शामिल है। आइए जानते हैं ईद-उल-अजहा के बारे में और इसे कैसे मनाते हैं।
क्या है ईद-उल-अजहा
इसे 'बड़ी ईद' के नाम से भी जाना जाता है। ये दिन हज यात्रा के अंत का प्रतीक है। ईद-उल-अजहा का त्योहार उस दिन की याद दिलाता है जब सपने में अल्लाह ने इब्राहिम से उसके बेटे इस्माइल की कुर्बानी मांगी थी और इब्राहिम ने अल्लाह की मर्जी को नकारा नहीं था।
इब्राहिम अपने बेटे को मारने ही वाले थे कि अल्लाह ने उनके बेटे को हटाकर एक मेमने को रख दिया। इस प्रकार इब्राहिम के हाथों उसके बेटे की नहीं बल्कि मेमने की बलि दी गई।
ये कहानी अल्लाह के प्रति श्रद्धा और बलिदान को दर्शाता है। इस दिन को ही मुस्लिम धर्म में ईद-उल-अजहा के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
ईद-उल-अजहा से कैसे अलग है ईद-उल-फितर
रमदान के अंत में ईद-उल-फितर मनाई जाती है। इस पवित्र महीने में मुस्लिम धर्म के लोग पूरे दिन रोजा रखते हैं। इस दिन सभी अपने परिवार के साथ मिलकर स्वादिष्ट पकवान खाते हैं और गरीबों को दान देते हैं।
कब है ईद-उल-अजहा
इस साल ईद-उल-अजहा रविवार 11 अगस्त से गुरुवार 15 अगस्त तक मनाई जाएगी। इस्लामी कैलेंडर में चंद्रमा के चक्र के अनुसार ईद-उल-अजहा की तारीख हर साल बदलती है। इस साल भारत में ईद-उल-अजहा 12 अगस्त को मनाया जाएगा।
हज यात्रा के शुरु होने के दो दिन बाद ही इस त्योहार की तैयारियां शुरु हो जाती हैं।
कैसे मनाते हैं ईद-उल-अजहा
इस दिन ईद पर मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए लोगों की भीड़ पहुंचती है और सभी अल्लाह को शुक्रिया अदा करते हैं। इसके बाद सभी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और स्वादिष्ट पकवान खाते हैं।
इस त्योहार का प्रतीक है बलिदान और इसलिए कुछ मुसमलान इस दिन पर बकरी या भेड़ की बलि चढ़ाते हैं। इस दिन गरीबों में कपड़े और खाने का भी दान किया जाता है।