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मनुस्मृति: 4 चीज़ें जो लोगों को नियमित तौर पर करनी चाहिए
हिंदू धर्म के कई धर्म शास्त्रों में से मनुस्मृति सबसे अधिक विवादास्पद और पठित प्राचीन कानूनी ग्रंथ है। यह पहला संस्कृत ग्रंथ था जिसका अनुवाद ब्रिटिश शासन काल में सन 1774 में किया गया तथा इसका उपयोग औपनिवेशिक सरकार ने हिंदू धर्म के कानून बनाने के लिए किया था।
मनुस्मृति
के
अनुसार
व्यक्तियों
द्वारा
अनजाने
में
हुए
पापों
से
मुक्ति
पाने
के
लिए
लोगों
को
ये
चार
यज्ञ
या
पूजा
प्रतिदिन
करनी
चाहिए।
ब्रह्मयज्ञ
मनुस्मृति
के
अनुसार
प्रत्येक
व्यक्ति
को
वेद,
भगवद्गीता,
रामायण
तथा
अन्य
धार्मिक
पुराणों
को
पढ़ना
चाहिए।
ऐसा
करने
से
व्यक्ति
को
उसके
पापों
से
मुक्ति
मिलती
है।
देवयज्ञ
देवताओं
को
प्रसन्न
करने
के
लिए
प्रतिदिन
उचित
विधि
से
पूजा
करके
भी
पापों
से
मुक्ति
मिल
सकती
है।
पितृयज्ञ
मनुस्मृति
के
अनुसार
मृत
पूर्वजों
की
शांति
के
लिए
“श्राद्ध-तर्पण”
अवश्य
करना
चाहिए।
ऐसा
करने
से
व्यक्ति
को
उसके
पापों
से
मुक्ति
मिलती
है।
मनुष्ययज्ञ
दरवाज़े
पर
आए
हुए
किसी
भी
व्यक्ति
को
खाना,
कपड़े
और
पैसे
देने
से
मना
नहीं
करना
चाहिए।