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जाने, दिवाली की सुबह लोग क्‍यूं स्‍नान करते हैं तेल से

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हर साल दीपावली के दिन सुबह उठकर ऑयल बाथ यानि तेल से स्‍नान करने का रिवाज़ है। चेन्‍नई में लोग दीपावली के दिन अभ्‍यांग स्‍नान की पंरपरा का पूरी तरह से पालन करते हैं।

इस स्‍नान के कई लाभ हैं जैसे कि इससे शरीर की गर्मी दूर होती है और ये त्‍वचा और आंखों के लिए भी फायदेमंद रहता है एवं इससे बाल बढ़ते हैं और रक्‍तचाप नियमित रहता है।

दीपावली के दिन स्‍नान से पूर्व चेन्‍नई में लोग नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाते हैं। प्राचीन मान्‍यता है कि इस पानी से स्‍नान करने से मन और मस्‍तिष्‍क दोनों ही शुद्ध हो जाते हैं।

 WHAT IS THE SIGNIFICANCE OF THE OIL-BATH DURING DEEPAVALI?

नही आती बुरी शक्‍ति नज़दीक -

इस पवित्र जल से बुरी शक्‍तियों का नाश होता है। सूर्योदय से पूर्व अभ्‍यांग स्‍नान करने से गंगा नदी में डुबकी लगाने जितना पुण्‍य मिलता है।

दीवाली के मौके पर विशेष प्रकार के लेहिग्‍यम का प्रयोग कर 'दीपावली मरूंधु’ बनाया जाता है। दीपावली मरूंधु को बड़ी आसानी से घर में ही उपलब्‍ध सामग्री से बनाया जा सकता है।

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पेट की परेशानिया दूर होती हैं

अपच को दूर करने वाली ये डिश नैचुरल चीज़ों और हर्बल मसालों से बनी होती है। ओवरईटिंग करने पर ये हमारे पाचन तंत्र का ख्‍याल रखते हैं।

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अभ्‍यांग स्‍नान के बाद महिलाएं अपने घर के बरामदे में रंगोली बनाती हैं और दीपक जलाती हैं। बच्‍चे पटाखे जलाते हैं। परिवार के सभी सदस्‍य एकसाथ बैठकर मिठाई और स्‍नैक्‍स खाते हैं। बच्‍चे, बूढ़े और जवान सभी मंदिर जाकर भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं। दीवाली के अवसर पर हर दिल खुशियों से भर जाता है।

English summary

WHAT IS THE SIGNIFICANCE OF THE OIL-BATH DURING DEEPAVALI?

Every year you wake up early in the morning on Deepavali and take the customary oil-bath.
Story first published: Wednesday, October 18, 2017, 9:21 [IST]
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