For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

भारत के लिए क्या महत्व रखता है चंद्रयान 2, जानें इससे जुड़ी खास बातें

|

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का नाम और 22 जुलाई, 2019 की ये तारीख हमेशा याद रखी जाएगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार की दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। चांद की तरफ उड़ चले चंद्रयान-2 को मिशन पूरा करने में करीब 50 दिन लगेंगे।

Chandrayaan 2

इस प्रोजेक्ट के तहत इसरो चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान को उतारेगा। गौरतलब है कि चांद के इस क्षेत्र की ज्यादा जानकारी फिलहाल दुनिया के पास नहीं है। चंद्रयान-2 की मदद से चांद की भौगोलिक स्थिति, वहां के वायुमंडल की बाहरी परत, खनिज तत्व और पानी की मौजूदगी जैसी जानकारी हासिल करने का प्रयास किया जाएगा।

15 जुलाई को होना था लॉन्च

15 जुलाई को होना था लॉन्च

चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण पहले 15 जुलाई को किया जाना था लेकिन तकनीकी खराबी के कारण आखिरी वक्त में इसकी लॉन्चिंग को टाल दिया गया था। चंद्रयान 2 के चांद पर उतरने की तारीख 6 सितंबर बताई गयी है।

Most Read:लोगों को पैसों से बढ़कर किसी दूसरी चीज से मिलती है खुशी, सर्वे में हुआ खुलासाMost Read:लोगों को पैसों से बढ़कर किसी दूसरी चीज से मिलती है खुशी, सर्वे में हुआ खुलासा

चंद्रयान-2 के निर्माण में हुए 978 करोड़ खर्च

चंद्रयान-2 के निर्माण में हुए 978 करोड़ खर्च

चंद्रयान-2 को पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है और इसकी लागत लगभग 978 करोड़ आयी है। इसमें कई तरह के कैमरे और रडार लगाए गए हैं जिससे चांद का सूक्ष्म अध्ययन करने में काफी मदद मिल सकेगी।

भारत बन जाएगा दुनिया का चौथा देश

भारत बन जाएगा दुनिया का चौथा देश

चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग का काम श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पूरी की जाएगी। 48 दिन में चंद्रयान चांद पर पहुंच पाएगा। इस मिशन की कामयाबी के बाद भारत चौथा देश बन जाएगा जो चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करा पाया हो। सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया कितनी जटिल है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इस कारनामे को अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही अंजाम दे पाए।

Most Read:खुशखबरी: बैंक में 50 हजार से ज्यादा की नगद लेनदेन पर अब कर सकते हैं आधार कार्ड का इस्तेमालMost Read:खुशखबरी: बैंक में 50 हजार से ज्यादा की नगद लेनदेन पर अब कर सकते हैं आधार कार्ड का इस्तेमाल

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा चंद्रयान-2

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा चंद्रयान-2

अब तक किसी भी देश ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग नहीं की है और भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती है। वहां अंधेरा होने के कारण कोई भी देश चांद के उस हिस्से में नहीं पहुंच पाया है।

पानी मिलने की उम्मीद

पानी मिलने की उम्मीद

चांद के इस हिस्से का तापमान काफी कम है और इस वजह से वैज्ञानिकों को यहां बर्फ या पानी मिलने की उम्मीद है। चंद्रयान-1 की मदद से चांद पर पानी के सबूत मिले थे।

Most Read:पति पत्नी का जुड़ा होता है भाग्य, ऐसे काम करने से बीवी को तुरंत रोकेंMost Read:पति पत्नी का जुड़ा होता है भाग्य, ऐसे काम करने से बीवी को तुरंत रोकें

बाहुबली रॉकेट भी है खास

बाहुबली रॉकेट भी है खास

चंद्रयान-2 को बाहुबली रॉकेट से चंद्रमा पर भेजा जाएगा। GSLV Mk 3 नाम के इस रॉकेट को बाहुबली रॉकेट के नाम से भी जाना जाता है। ये सबसे ताकतवर रॉकेट में शुमार है। बाहुबली रॉकेट की लंबाई 44 मीटर और वजन 640 टन है।

चंद्रयान-2 के साथ भेजे गए 13 स्वदेशी पे-लोड

चंद्रयान-2 के साथ भेजे गए 13 स्वदेशी पे-लोड

इस मिशन में चंद्रयान-2 के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे जा रहे हैं। इसमें भारत के 5, यूरोप के 3, अमेरिका के 2 और 1 बुल्गारिया का पे-लोड शामिल है।

Most Read:चाणक्य नीति: मर्द अपनी इन चार बातों को राज ही रखें, ना करें किसी से भी साझाMost Read:चाणक्य नीति: मर्द अपनी इन चार बातों को राज ही रखें, ना करें किसी से भी साझा

English summary

Chandrayaan 2: Know every thing about ISRO Moon Mission 2019

Chandrayaan 2, India's high-profile lunar mission, lifted off from Sriharikota in Andhra Pradesh today.
Desktop Bottom Promotion