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आर्थिक समानता भी है महिलाओं का अधिकार, खुद को फाइनेंशियली स्‍ट्रॉन्‍ग बनाने के ल‍िए उठाए ये कदम

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दुनियाभर में महिलाओं ने अपनी आजादी और अधिकारों के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है और इस दौरान महिलाओं ने कई मुश्किलें भी झेली हैं। उन महिलाओं और उनके बलिदानों को याद करने के लिए महिला समानता दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। आज के समय में महिलाओं को कई तरह के अधिकार प्राप्त हैं और इसलिए यह माना जाता है कि महिलाएं पुरूषों के समकक्ष हैं। लेकिन वास्तविकता इससे परे हैं। अब महिलाओं को भले ही घर से बाहर निकलकर काम करने की अनुमति मिल गई हो या फिर विभिन्न क्षेत्रों में उनके लिए जगह आरक्षित हो, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार प्राप्त हैं। आज भी महिलाएं वित्तीय रूप से पूरी तरह से आत्मनिर्भर नहीं हैं और कई तरह के वित्तीय फैसले लेने की अनुमति उन्हें नहीं है।

इसलिए, अगर सच में महिला समानता दिवस को सेलिब्रेट करना है, तो पहले महिलाओं को कुछ फाइनेंशियल पावर देनी भी आवश्यक हैं। तो चलिए जानते हैं इन्हीं के बारे में-

पुरूषों के बराबर वेतन मिलना है जरूरी

पुरूषों के बराबर वेतन मिलना है जरूरी

महिला चाहे किसी भी क्षेत्र में हो, लेकिन एक बात यह सच है कि महिलाओं को पुरूषों के बराबर वेतन नहीं मिलता है। जब एक समान काम के लिए स्त्री व पुरूष दोनों को अलग-अलग वेतन दिया जाता है, तो यह कहीं ना कहीं स्त्री की वित्तीय स्वतंत्रता व उसके अधिकारों का हनन है। ऐसा कई बार हुआ है, जब महिलाओं ने खुलकर इस विषय पर अपनी आवाज उठाई है, लेकिन फिर भी यह सिलसिला आज तक बदस्तूर जारी है। अगर बात समानता की हो तो सैलरी में फर्क क्यों?

घर के वित्तीय मामलों में बोलना शुरू करें

घर के वित्तीय मामलों में बोलना शुरू करें

चाहे एक महिला कामकाजी हो या फिर वह हाउसवाइफ हो, अक्सर यह देखा जाता है कि महिला को हाउसहोल्ड फाइनेंस में बोलने की अनुमति नहीं मिलती है। अगर वह अपनी राय रखती हैं तो इसे बदतमीजी समझा जाता है या फिर उन्हें ही यह अहसास करवाया जाता है कि वह इन विषयों के लिए बहुत अधिक समझदार नहीं है। लेकिन अब वक्त आ गया है कि आप घर के वित्तीय निर्णयों में अपनी राय प्रमुखता के साथ रखें। हो सकता है कि शुरुआत में आपसे गलतियां हों, लेकिन कुछ समय के बाद आप पर्याप्त रूप से फाइनेंशियली मैच्योर हो जाएंगी। ऐसा करने से आपकी फाइनेंशियल डिपेंडेंसी भी खत्म होगी। एनसीएडीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू हिंसा पीड़ित में से से 94 फीसदी से 99 फीसदी के बीच महिलाएं आर्थिक शोषण का शिकार भी थी।

एक अलग बैंक खाता बनाएं

एक अलग बैंक खाता बनाएं

अधिकतर महिलाएं अपने पार्टनर के साथ ज्वॉइंट अकाउंट खुलवाती हैं। यकीनन रिश्ते में फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी होना अच्छी बात है, लेकिन फिर भी महिला को केवल आपके नाम पर एक अलग खाता रखना ही चाहिए। एक अलग बैंक खाता वित्तीय स्वतंत्रता की भावना प्रदान करता है। एक अलग बैंक खाता आपको यह अनुमति देता है कि आप अपनी अलग सेविंग्स को अपनी मर्जी से खर्च कर सकें। इसके लिए, आपको अलग से पैसे मांगने की जरूरत नहीं है और ना ही हर छोटे-छोटे खर्च का ब्यौरा देने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं, एक अलग बैंक खाता आपको पैसों को अच्छी तरह से मैनेज करने में भी मदद करेगा।

निवेश करने के लिए खुद पर करें भरोसा

निवेश करने के लिए खुद पर करें भरोसा

अक्सर यह देखने में आता है कि महिलाएं जल्द निवेश नहीं करती हैं, क्योंकि उन्हें इस मामले में खुद पर भरोसा ही नहीं होता है। वह कुछ सिक्योर ऑप्शन के जरिए बचत करना अधिक आरामदायक महसूस करती है। अगर आप भी ऐसा ही सोचती हैं, तो अब समय आ गया है कि आप साहसी बनें और जोखिम उठाएं। कभी भी यह ना सोचें कि पुरुष महिलाओं की तुलना में बेहतर निवेशक हैं। हालांकि यह सच है कि पुरुष आमतौर पर अधिक जोखिम उठाते हैं और महिलाएं बेहतर रिटर्न की अपेक्षा रखती हैं। बेहतर होगा कि आप निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार की मदद से कुछ ज्ञान अर्जित कर लें। इससे आपके लिए बेहतर ढंग से निवेश करना अधिक आसान हो जाएगा।

English summary

Woman's Equality Day: Financial Power That Makes Really Equal To Woman in hindi

On the woman equality day, we are talking about some such financial power, which really gives women equal status to men.
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