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मार्केट में आई ईको-फ्रेंडली राखी, गाय के उपले से बनकर हुई है तैयार

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रक्षाबंधन के त्‍योहार की खुशी में बाजारों में राखियों का ढ़ेर लग गया है। अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधने के लिए सभी लड़कियां सबसे सुंदर राखी की तलाश में जुट गई हैं। वैसे तो मार्केट में कई तरह की राखियां मौजूद हैं लेकिन आजकल सबसे ज्‍यादा चलन में है 'गाय के गोबर से बनी राखी’। फिलहाल इस राखी की खूब डिमांड है और ये पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की 'श्री कृष्‍ण गौशाला’ ने गाय के गोबर से राखी बनाने की शुरुआत की है। यहां पर एनआरआई अल्‍का लहोती के नेतृत्‍व में ये अनोखा काम किया जा रहा है। अल्‍का इंडोनेशिया से नौकरी छोड़कर अपने पिता के साथ इस गौशाला में काम कर रही हैं।

cow dung rakhis

कैसे की शुरुआत

अल्‍का बताती हैं कि “मैं जूना अखाड़ा से जुड़ी हुई हूं और इस साल कुंभ मेले में मैंने अपनी राखियों को दिखाया। वहां के संतों ने हमारी राखी की खूब तारीफ की और आम लोगों के लिए भी इसे बनाने की गुजारिश की। इसके बाद मैंने मैन्‍यूफैक्‍चरिंग एक्‍सपर्ट और उनके साथ इस विषय पर बातचीत की। बहुत जल्‍द मुझे यूपी, कर्नाटक, उड़ीसा और उत्तराखंड से राखी बनाने के ऑर्डर आने लगे। अब रक्षाबंधन के त्‍योहार के लिए हजारों राखियां बनाने के ऑर्डर आ रहे हैं।”

अल्‍का ने बताया कि पहले उन्‍होंने कई अगल-अलग शेप और साइज में राखियां बनाई थीं और फिर उन्‍हें गाय के गोबर में रखने के बाद किसी अंधेरी ठंडी जगह पर रखा था। इनके सूखने के बाद इन पर इको-फ्रेंडली रंग और धागे लगाए गए और सजाया गया। अल्‍का कहती हैं कि उन्‍होंने राखी पर प्‍लास्टिक की जगह धागा इस्‍तेमाल किया है। वहीं चीनी राखियों की तुलना में हमारी राखी इको-फ्रेंडली है। इसे इस्‍तेमाल के बाद आसानी से नष्‍ट किया जा सकता है।

श्री कृष्‍ण गौशाला को क्‍या आ रही है दिक्‍कत

अल्‍का ने मीडिया को बताया कि चूंकि गाय के गोबर से बनी राखियां आसानी से खराब हो जाती हैं इसलिए उनकी राखियों के निर्माण के आखिरी चरण तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल था। हालांकि, वो लोग विशेषज्ञों के साथ मिलकर कोशिश करते रहे और तब कहीं जाकर राखी बनाने का काम पूरा हुआ। राखी को ठंडी जगह पर रखने से वो थोड़ी सख्‍त हो पाईं। ये राखियां किफायती दाम पर बाजार में उपलब्‍ध हैं। अल्‍का कहती हैं कि अगर बाजार में कुछ राखियां बच जाती हैं तो उन्‍हें हम इको-फ्रेंडली राखियों को बढ़ावा देने के लिए फ्री में वितरित कर देंगें।

श्री कृष्‍ण गौशाला का पर्यावरण को तोहफा

गाय के गोबर से बनी राखी बनाने का ये अनोखा विचार खूब वायरल हो रहा है। इसके अलावा श्री कृष्‍ण गौशाला में गाय के गोबर से और भी कई चीजें बनाई जा रही हैं जैसे कि फूलों का गुलदस्‍ता, कीटाणुनाशक और गोमूत्र (गोमूत्र जिसे एक दवा माना जाता है)।

English summary

Are Cow Dung Rakhis The New Trend This Raksha Bandhan

Cow dung rakhis are the new trend this Raksha Bandhan. Yes, you heard it right. This eco-friendly product from Bijnor (UP) is winning hearts by the idea behind it. Alka Solati (52) who owns ‘Shri Krishna Gaushala’ headed this initiative with the help of other experts.
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