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सेफ्टी टिप्स: स्तनपान कराते हुए माएं पहने मास्क, जानें कैसे अपने नवजात शिशु को कोरोना से बचाएं
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण के केस देखने को मिल रही है और माना जा रहा है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चें प्रभावित होंगे, ऐसे में माएं चिंतित हैं जो अभी-अभी ही मां बनी हैं या जिनके दुधमुंहे बच्चें हैं। आइए जानते है कि न्यूबोर्न और ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों को कैसे कोरोना के प्रकोप से बचाएं।
न्यू बोर्न बेबी को हो सकता है इन्फेक्शन का खतरा?
पहले तो कहा जा रहा था कि नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की इम्युनिटी मजबूत होती है। इस वजह से उन्हें कोरोना इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं है। लेकिन छोटे बच्चों में भी इंफेक्शन का खतरा देखा गया है कि चिंता की बात है। जो महिलाएं नई-नई मां बनी हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी रखनी जरूरी है।
नवजात शिशुओं को इन्फेक्शन से बचाने के लिए क्या करें?
नई माएं ज्यादा लोगों के संपर्क में आने से रोकें। बच्चे को जितने कम लोग हाथ में लेंगे, उतना अच्छा होगा। अगर कोई मिलने-जुलने वाले या मेहमान आ भी रहे हैं तो उन्हें सख्ती से हाथों को सैनिटाइज करने और मास्क पहनने को कहें। उसके बाद ही उन्हें बच्चे को छूने की इजाजत दें। मां के लिए भी यह बेहद जरूरी है कि वह अपने हाथों को बार-बार धोती रहे। नवजात शिशु को दूध पिलाते समय भी मां मास्क पहने ताकि उसे इन्फेक्ट होने से बचाया जा सके।
ब्रेस्टफीडिंग करवाते हुए किन बातों का रखें ध्यान
नई मां के लिए यह बेहद जरूरी है कि बच्चे को दूध पिलाने से पहले और उसके बाद अपने स्तनों को अच्छे से साफ कर लें। यह शिशु को इन्फेक्शन से बचाने में मदद करेगा। पर इसका मतलब यह नहीं है कि ब्रेस्ट को सैनिटाइजर या बॉडी वॉश से धोना है। बार-बार पानी से सफाई, साफ-सुथरी रुई से पोंछना ही काफी है। साथ ही नई मां को यह सलाह दी जाती है कि वह नवजात शिशु से सीधे संपर्क से बचे और मास्क पहने।
भीड़ में जानें से बचें
कई महिलाएं प्रेगनेंसी के बाद न्यू बोर्न बेबी के साथ ट्रेवल करना शुरु कर देती है। भीड़ में री-इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। किसी महिला को वैक्सीन लगी है या नहीं, उसे बच्चे के जन्म से पहले कोरोना हुआ है या नहीं हुआ है, यह कोई मायने नहीं रखता। री-इन्फेक्शन का खतरा तो बना ही हुआ है। सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।