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दो साल की उम्र में ही इन लक्षण को देख कर ऑटिज्म का पता लगाएं

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Children with Autism: Early Signs | बच्चों में इन लक्षणों को देख कर ऑटिज्म का पता लगाएं | Boldsky

बच्चों में ऑटिज्म का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ज़्यादातर बच्चों में यह समस्या तब तक नहीं पता चलती जब तक वे चार साल यह फिर उसके ऊपर के नहीं हो जाते। वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों के अनुसार इसका पता इसके लक्षणों को देखकर दो साल तक की उम्र में लगाया जा सकता है।

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के माता पिता शुरू में ही उनके अंदर कुछ ऐसे लक्षण देखते हैं जो सामान्य नहीं होते। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो फ़ौरन अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आज इस लेख में हम ऑटिज्म से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आपको देंगे। तो आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

ऑटिज्म क्या है?

ऑटिज्म क्या है?

ऑटिज्म एक मस्तिष्क का विकार है। इस रोग के लक्षण बचपन में ही दिखाई पड़ जाते हैं। इस रोग से पीड़ित बच्चों का मानसिक विकास सामान्य तरीके से नहीं हो पाता बल्कि ऐसे में बच्चा ठीक से बातचीत नहीं कर पाता और न ही दूसरों से आसानी से जुड़ पाता है। इतना ही नहीं वह ठीक से अपनी प्रतिक्रिया भी नहीं दे पाता। यह गंभीर रोग जन्म से लेकर तीन वर्ष की आयु तक विकसित हो जाता है।

ऑटिज्म को ऑटिस्टिक स्पैक्ट्रम डिस्ऑर्डर कहा जाता है क्योंकि प्रत्येक बच्चे में इसके लक्षण अलग-अलग देखने को मिलते हैं। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनका आईक्यू सामान्य बच्चों की तरह होता है, पर उन्हें बोलने और सामाजिक व्यवहार करने में परेशानी होती है। वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जिन्हें सीखने-समझने में परेशानी होती है और वे बार बार एक ही तरह का व्यवहार करते हैं।

सेंट्रल नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचने के कारण ऑटिज्म जैसी बीमारी होती है। इसके अलावा प्रेगनेंसी में माँ की सही देखभाल और अच्छा खान पान न मिलना भी गर्भ में पल रहे शिशु के लिए इस बीमारी का खतरा बढ़ा देता है। गर्भावस्था में स्त्री को थायराइड हार्मोन की कमी को भी इसका कारण माना जाता है।

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ऑटिज्म के लक्षण

ऑटिज्म के लक्षण

1. इस रोग से पीड़ित बच्चे सामने वाले से ठीक से नज़र नहीं मिला पाते।

2. आवाज़ सुनकर भी बच्चा प्रतिक्रिया नहीं देता।

3. रुक रुक कर बोलना।

4. अपने आप में ही खोये रहना।

5. बच्चा नौ महीने का होने के बाद भी कोई प्रतक्रिया न देता हो जैसे की मुस्कुराता भी न हो तो समझ लीजिये आपका बच्चा ऑटिज्म से पीड़ित है।

6. इस बीमारी से पीड़ित बच्चा बोलने की बजाय मुँह से अजीब आवाज़ें निकालता है।

7. बच्चे को प्यार करना पुचकारना पसंद न आए।

8. खेलकूद में कम दिलचस्पी।

9. बेवजह हंसना, रोना या चीखना।

10. इस रोग से पीड़ित बच्चे ज़्यादातर अकेले रहना पसंद करते हैं।

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल

जल्दबाज़ी न करें

इस रोग से पीड़ित बच्चे को कुछ भी सिखाने में जल्दबाज़ी न करें बल्कि बहुत ही प्यार और आराम से उन्हें धीरे धीरे समझाने की कोशिश करें।

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल

छोटे वाक्यों में बात करें

चूंकि इस रोग से पीड़ित बच्चे रुक रुक कर बोलते हैं इसलिए इन्हें जब भी आप बात करना सीखाएं तो बड़े शब्दों का प्रयोग न करके छोटे वाक्यों का प्रयोग करें और शब्दों को तोड़ तोड़ कर उन्हें इशारों से बोलना सीखाएं।

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ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल

गुस्सा न दिलाएं

इस तरह के बच्चों को प्यार की बेहद ज़रुरत होती है इसलिए कोशिश करें कि आपकी किसी बात से ये आहत न हों और न ही इन्हें गुस्सा आए। साथ ही इन पर हर वक़्त नज़र रखना भी बहुत ज़रूरी होता है।

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल

दवाइयों का इस्तेमाल

अगर समस्या ज़्यादा हो तो आप किसी मनोचिकित्सक की सलाह लेकर अपने बच्चे को दवाइयां दे सकते हैं।

English summary

Early Signs Of Autism In Kids

Autism is a disorder that affects the way synapses and nerves interact and connect with each other. The following are a few characteristics of autism in 2-year old that parents need to be aware of.
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