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बच्चे के बढ़ते वजन को ऐसे करें कंट्रोल
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 0 से 5 वर्ष के 41 मिलियन बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं। वर्ष 2025 तक वैश्विक स्तर पर मोटापे और ओवरवेट बच्चों की संख्या 70 मिलियन तक पहुंच सकती है। बचपन में ही मोटापा होना कई गंभीर बीमारियों जैसे कि डायबिटीज और ह्रदय रोग को बुलावा दे सकता है।
लेकिन इस बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मोटापे का इलाज संभव है। आपको बस अपने बच्चे के वजन को नियंत्रण में रखने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है।
स्टार्चयुक्त कार्बोहाइड्रेट
ब्रेड, सफेद चावल और आलू जैसे स्टार्चयुक्त कार्बोहाइड्रेट खाते ही ग्लूकोज में घुल जाते हैं। बच्चों को नाश्ते में अंडे या अन्य प्रोटीन से प्रचुर चीजें खिलाएं।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर ध्यान दें
इससे पता चलता है कि कोई फूड कितनी जल्दी ग्लूकोस में परिवर्तित होता है। स्टडी के मुताबिक हाई जीआई भोजन करने पर बच्चों का ब्लड ग्लूकोज बढ़ जाता है और उन्हें और ज्यादा भूख लगने लगती है। बच्चे का पेट लंबे समय तक भरा रहे, इसके लिए उन्हें लो जीआई फूड खिलाएं। इससे ब्लड शुगर लेवल भी ठीक रहता है। लो जीआई फूड में ज्यादा फाइबर होता है।
फल और सब्जियां ध्यान से चुनें
इस बात में कोई शक नहीं है कि फल और सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं। हालांकि, कॉर्न और आलू, केला और अनानास जैसी चीज़ों में जीआई लेवल हाई होता है जबकि अंगूर, सेब, किवी, बैरीज और संतरे में कम होता है। हाई जीआई वाली चीजें वजन बढ़ा सकती हैं।
प्रोटीन को करें शामिल
प्रोटीन से हार्मोन रिलीज होने की प्रक्रिया उत्तेजित होती है जिससे शरीर एनर्जी के लिए जमा फैट को इस्तेमाल करता है।
गलत नहीं है वसा
सभी तरह के फैट गलत नहीं होते हैं। हैल्दी फैट जैसे कि अनसैचुरेटेड ऑयल, एवोकैडो, और नट बटर पाचन को धीमा करते हैं। इन्हें फल, सब्जियों और साबुत अनाज के साथ लेने पर पेट भरा रहता है। फैट सेहत के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि ये कोशिकाओं की झिल्ली के निर्माण के लिए आवश्यक माना जाता है।
इन बातों का ध्यान रखें
खाने का असर आपके बच्चे के व्यवहार पर भी पड़ता है। हाई जीआई वाला भोजन करने पर ब्लड शुगर लेवल गिरने से स्ट्रेस हार्मोन एड्रेनलाइन रिलीज होता है जिसकी वजह से बच्चे का मूड खराब या चिड़चिड़ा हो सकता है।
प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें और प्राकृतिक चीजों के विकल्पों को न चुनें।
अपने बच्चे को डाइटिंग ना करवाएं। पूरे परिवार को लो जीआई डाइट पर ध्यान देना चाहिए। इससे बच्चे को भी बुरा नहीं लगता है।