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गर्भावस्था में होने वाले संकुचन का समझे मतलब
गर्भावस्था के नौ महीने स्त्री के लिए उतार चढ़ाव से भरा होता है। कई तरह की मुश्किलों को पार कर के एक औरत माँ बनती है। इस दौरान किसी भी महिला का प्रसव के संकुचन से घबराना आम बात है।
कई महिलाओं का मानना होता है कि संकुचन का दर्द आम किसी भी दर्द से बेहद अलग होता है लेकिन गर्भावस्था के दौरान एक महिला हर उस दर्द से घबरा जाती है जो उसे संकुचन की तरह लगता है।
सच तो यह है कि इन नौ महीनो में हर स्त्री को संकुचन जैसे अनुभव होते हैं जो वास्तव में कई बार संकुचन होते नहीं है इसलिए आपके लिए यह बेहद ज़रूरी है कि आपको इस बात की जानकारी हो कि असल में संकुचन कैसा महसूस होता है क्योंकि कई बार गर्भावस्था में यह समय से पहले हो जाता है और आपको फ़ौरन डॉक्टर के पास जाने की ज़रुरत होती है। ख़ास तौर पर उन महिलाओं के लिए यह जानना और भी ज़रूरी होता है जो पहली बार माँ बनने वाली होती हैं।
आज हम इस लेख में संकुचन और संकुचन जैसे अनुभवों के विषय में बात करेंगे जिनसे गर्भावस्था के दौरान आपका सामना होता है।
संकुचन के प्रकार
1.
संकुचन
पहले
तिमाही
में
2.
डिहाइड्रेशन
के
कारण
संकुचन
3.
कब्ज़
के
कारण
संकुचन
4.
पहली
तिमाही
में
होने
वाले
संकुचनों
से
आपको
रहना
चाहिए
सावधान
5.
ब्रेक्सटन
हिक्स
संकुचन
6.
सेक्स
के
बाद
संकुचन
7.
प्रोड्रोमोल
लेबर
संकुचन
8.
प्रारंभिक
प्रसव
संकुचन
9.
सक्रिय
प्रसव
10.
संक्रमण
के
दौरान
11.
प्रसव-
जन्म
के
बाद
संकुचन
12.
नर्सिंग
के
दौरान
संकुचन
1. संकुचन पहली तिमाही में
गर्भावस्था की पहली तिमाही में औरतों को हल्का फुल्का संकुचन महसूस होता है। यह पीरियड्स के दौरान होने वाले ऐंठन या दर्द की तरह होता है। पीरियड्स में ऐंठन तब होता है जब आपके शरीर को गर्भाशय से अप्रयुक्त अस्तर को हटाने की ज़रुरत होती है ताकि आपका गर्भ अगले महीने के लिए तैयार हो सके है।
यही कारण है कि पहले तिमाही में होने वाले संकुचनों से आप घबरा जाती हैं क्योंकि यह गर्भपात का भी संकेत हो सकता है। लेकिन यह संकुचन आपके गर्भाशय के बढ़ने की वजह से भी हो सकता है ताकि आपके गर्भ में पल रहे भ्रूण को जगह मिल सके। इसके अलावा यह आपके गर्भाशय के लिगामेंट्स में खींचाव के कारण भी हो सकता है।
2. डिहाइड्रेशन के कारण संकुचन
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि गर्भावस्था में अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए। यह सिर्फ आपके होने वाले बच्चे के सही विकास के लिए ही ज़रूरी नहीं है बल्कि आपका शरीर सही ढंग से काम करे उसके लिए भी पानी बेहद ज़रूरी है।
अगर आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो आपके गर्भाशय की मांसपेशियों में (शरीर की अन्य मांसपेशियों में भी) सिकुड़न शुरू हो जाती है। यदि गर्भावस्था के शुरुआती दौर में आपको संकुचन की समस्या होती है तो यह पानी की कमी के कारण हो सकती है। इसलिए ऐसे संकुचन को कम करने के लिए आप अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीएं। इसके अलावा ज़्यादा कैफीन और मीठे ड्रिंक्स से परहेज़ करें क्योंकि ये डिहाइड्रेशन को बढ़ाते हैं।
3. कब्ज़ के कारण संकुचन
गर्भवती महिलाओं को शुरुआत के दिनों में कब्ज़ की शिकायत रहती है। कब्ज़ के कारण संकुचन और उसके साथ गैस की वजह से दर्द भी हो सकता है इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप गर्भावस्था में अधिक मात्रा में ताज़ी सब्ज़ियों, फलों और पानी का सेवन करें।
अगर आपको कब्ज़ की समस्या ज़्यादा हो रही हो तो ऐसे में आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर दवाइयां ले सकती हैं जिससे आपको आराम मिल सके।
4. पहली तिमाही में होने वाले संकुचनों से आपको रहना चाहिए सावधान
यदि आपको ब्लीडिंग के साथ संकुचन की समस्या हो रही है तो फ़ौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें। गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में स्पॉटिंग की समस्या आम बात है लेकिन ध्यान रहे यह गर्भपात या फिर एक्टोपिक प्रेगनेंसी का भी संकेत हो सकता है।
5. ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन
प्रेगनेंसी के दूसरे या तीसरे तिमाही में होने वाले संकुचन को ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन कहते हैं। इसमें गर्भाशय में हल्का फुल्का संकुचन होता है। यह संकुचन आपको प्रसव की तरह अनुभव कराता है लेकिन यह अनियमित तरीके से होता है। कुछ महिलाओं के अनुसार ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन से कभी पेट में समस्या होती है तो कभी नहीं। वहीं दूसरी ओर कई महिलाओं का यह कहना है कि ऐसे में उन्हें पीरियड्स की तरह ऐंठन महसूस होती है।
अगर यह संकुचन दर्द भरा और लंबे समय तक रहे तो फ़ौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
6. सेक्स के बाद संकुचन
गर्भावस्था में अकसर डॉक्टर्स आपको सेक्स न करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह आपके बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकता है लेकिन कई बार खुद पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाता है और ऐसे में संकुचन होना आम बात है। स्पर्म में प्रोस्टाग्लैंडीन भी सेक्स के बाद के संकुचन का कारण होती है। आप घबराइए नहीं और थोड़ा इंतज़ार करें। धीरे धीरे आपको इससे राहत ज़रूर मिलेगी।
7. प्रोड्रोमोल लेबर संकुचन
यह वह संकुचन है जो आखिरी तिमाही में प्रसव से कुछ दिनों पूर्व महसूस होता है। ये संकुचन गर्भाशय ग्रीवा को आने वाले प्रसव के लिए तैयार करते हैं। कुछ महिलाओं को यह बहुत ही हल्के तरीके से महसूस होता है तो कुछ औरतों को यह बहुत ही तेज़ महसूस होता है जिससे वह इसे असली संकुचन समझने की गलती कर देती है। इस तरह के संकुचन कभी कभार थोड़ी देर में गायब भी हो जाते हैं तो कई बार कम से कम दो दिनों तक रहते हैं।
प्रोड्रोमल लेबर संकुचन के लिए कोई वास्तविक पैटर्न नहीं होता। आप अपनी पीठ में भी दबाव महसूस कर सकती हैं।
8. प्रारंभिक प्रसव संकुचन
यह वह संकुचन है जिन्हें आप तब महसूस कर सकती हैं जब आप प्रसव में जा रहे हैं। प्रारंभिक प्रसव संकुचन तेज़ और दर्दनाक महसूस करेंगी। प्रत्येक गुज़रते संकुचन से यह नियमित और इसकी अवधि में भी वृद्धि होगी। ऐसे में आपको गुलाबी रंग का डिस्चार्ज भी दिखाई देगा जो इस बात का संकेत होता है कि आप लेबर के सक्रिय चरण के करीब हैं।
यदि पांच मिनट से ज़्यादा यह संकुचन रहे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें या फिर अस्पताल जाएं। यदि आपका घर अस्पताल से लंबी दूरी पर है तो ज़्यादा इंतज़ार करना ठीक नहीं होता।
9. सक्रिय प्रसव
यह वह चरण है जहां गर्भाशय ग्रीवा लगभग 7 सेंटीमीटर तक फ़ैल जाती है। साथ ही संकुचन मज़बूत और लंबे समय तक जारी रहता है। ऐसे में आप अपने दर्द पर ज़्यादा ध्यान न देकर लंबी लंबी सांसें लें और अपने डॉक्टर की बातों को ध्यान से सुनें। साथ ही इस बात को याद रखें कि आप नन्हे मुन्ने से जल्द ही मिलने वाली हैं।
10. संक्रमणाल के दौरान
इस दौरान संकुचन बहुत ही तीव्र होता है लेकिन इस चरण में यह अधिक देर तक नहीं रहता। यह संकुचन कम से कम आधे घंटे तक ही रहता है। इस समय गर्भाशय पूरी तरह फैला हुआ होता है। अब आप को धक्का लगाने की ज़रुरत महसूस होगी। आपको हर संकुचन के साथ आपके डॉक्टर के अनुसार ज़ोर लगाना चाहिए। जल्द ही बच्चा बाहर आ जाएगा और प्रसव पूरा हो जाएगा।
11. प्रसव (बच्चे के जन्म) के बाद संकुचन
प्रसव के बाद भी आपको संकुचन महसूस होगा जो आपको शरीर से प्लेसेंटा को हटाने में मदद करता है। बच्चे को हटाने में मदद करने के लिए नर्स आपके पेट की मालिश कर सकती है।
12. नर्सिंग के दौरान संकुचन
आपका प्रसव समाप्त हो चुका है। आपके गर्भाशय को अपने सही आकार में लाने के लिए संकुचन मदद करता है। नर्सिंग के दौरान जारी हार्मोन संकुचन उभारता है। ये मासिक धर्म के ऐंठन की तरह महसूस होता है और दर्दनाक हो सकता है।