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इन आसान उपायों से जल्द पूरी होगी आपकी संतान प्राप्ति की इच्छा
कहते हैं एक औरत माँ बनकर पूर्ण हो जाती है। माँ बनने के बाद उसका जीवन सफल हो जाता है क्योंकि संतान सुख संसार का सबसे बड़ा सुख होता है। लेकिन कई शादीशुदा दंपत्ति इस सुख को पाने के लिए तरसते रह जाते हैं क्योंकि किसी कारण से उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाता। आज ऐसे ही निःसंतान दंपत्तियों के लिए हम अपना यह लेख लेकर आए हैं जिसमें संतान प्राप्ति के कुछ आसान उपाय हम आपको बताएंगे।
तो आइए जानते हैं कैसे आप इन सरल उपायों को अपनाकर अपनी गोद हरी भरी कर सकती हैं।
बृहस्पतिदेव की उपासना
यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर है तब भी आपको संतान प्राप्ति में बाधाएं आ सकती हैं। इसके लिए ज़रूरी है कि सबसे पहले आप इन्हें प्रसन्न करें। अपनी कुंडली में बलहीन बृहस्पति को बलवान बनाने के लिए आप गुरूवार के दिन पूजा अर्चना करें। इस दिन गरीबों को गुड़ का दान करने से आपकी इच्छा जल्द पूरी होगी। साथ ही हर गुरूवार को इन मन्त्रों से बृहस्पतिदेव की पूजा करें।
देवानां च ऋषिणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। ह्रीं गुरवे नमः। बृं बृहस्पतये नमः।
बाल गोपाल की पूजा करें
यदि आप जल्द से जल्द संतान सुख पाना चाहते हैं तो फ़ौरन अपने घर में बाल गोपाल की मूर्ति की स्थापना करें। यदि मूर्ति की स्थापना नहीं कर सकते तो बाल गोपाल के चित्र की ही पूजा प्रतिदिन करें। अगर दोनों पति पत्नी मिलकर इनकी आराधना करेंगे तो जल्द ही आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। रोज़ाना आप बाल गोपाल को कुछ मीठे का भोग लगाएं और एक बच्चे की तरह ही उनकी सेवा और ध्यान रखें। याद रखिये यदि आप बाल गोपाल को घर में रखते हैं तो उनकी प्रतिदिन उनकी पूजा करना न भूलें।
स्कन्द माता को करें प्रसन्न
स्कन्द माता देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक है। इन्हें संतान देने वाली माता भी कहा जाता है। माता के इस रूप में माता की गोद में भगवान कार्तिक विराजमान है। स्कन्द माता की प्रतिदिन पूजा अर्चना करने से आपको माता का आशीर्वाद ज़रूर प्राप्त होगा। इसके लिए आप षष्ठी पर इन देवी के साथ कार्तिक जी की भी उपासना करें। इससे आपके रास्ते की सभी बाधाएं दूर हो जाएगी।
पितृ दोष दूर करें
कई बार पितृ दोष के कारण भी कुछ जोड़े संतान प्राप्ति के सुख से वंचित रह जाते हैं। इसके लिए इस दोष का निवारण करना बहुत ही ज़रूरी हो होता है। अपने किसी पूर्वज के अंतिम संस्कार में आपने कोई अनुष्ठान ठीक से नहीं किया होगा इसके लिए आप पितृपक्ष में पूरे विधि विधान से और ठीक से अपने पूर्वजों का श्राद्ध करें। कहते हैं संतान प्राप्ति का यह सबसे श्रेष्ठ उपाय है।
राहु केतु की शांति
कुंडली में राहु केतु की स्थिति यदि अशुभ है तो उसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ेगा जिसके कारण आपके बनते कार्य बिगड़ जाएंगे, शुभ फल की प्राप्ति में विलम्ब होगा और ऐसी कई मुश्किलों का सामना आपको करना पड़ सकता है। इसके अलावा इन दोनों का रिश्ता अन्य ग्रहों से यदि ठीक नहीं है तो संतान प्राप्ति में अड़चनें आती है। इसलिए इनकी शांति के लिए आप से जितना बन पड़े उतने परोपकारी कार्य करें जैसे दान पुण्य आदि। साथ ही इनकी शांति के लिए इन मंत्रों का जाप करें।
राहु को शांत करने के लिए ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः मंत्र का जाप करें।
केतु को शांत करने के लिए ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः मंत्र का जाप करें।