Just In
- 1 hr ago Mukhtar Ansari Networth : मुख्तार अंसारी का निधन, जानें कितनी बेशुमार दौलत के थे मालिक?
- 1 hr ago कौन थे पंजाबी रॉकस्टार अमरसिंह चमकीला? जिनकी मौत के 35 साल बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी
- 3 hrs ago ड्राई स्किन और डार्क सर्कल के लिए कंसीलर खरीदते हुए न करें ये गलतियां, परफेक्ट लुक के लिए ऐसे करें अप्लाई
- 6 hrs ago Lemon Juice Bath : नींबू पानी से नहाने के फायदे जान, रोजाना आप लेमन बाथ लेना शुरु कर देंगे
Don't Miss
- News Lok Sabha Election: राजस्थान के प्रथम चरण में 12 लोकसभा सीटों पर जानिए कितने वोटर करेंगे भाग्य का फैसला...?
- Movies Crew Review: चोर के घर चोरी करती नजर आईं तबू, करीना और कृति, बेबो ने लूट ली सारी लाइमलाइट, कृति पड़ीं फीकी
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
क्या चेहरे के लिए सही है लेजर पीलिंग?
जब आप बूढ़ी नहीं हैं तो बूढ़ी क्यों दिखें? इसका हल लेज़र रिसर्फेसिंग है जिसे लेज़र पील भी कहा जाता है
हम सभी सुंदर त्वचा चाहते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी युवावस्था की त्वचा की चमक बनाये रखना चाहता है। किसी भी प्रकार के मेकअप को अच्छा दिखने के लिए आवश्यक है कि त्वचा दाग धब्बों रहित हो। पर्यावरण में बढ़ते हुए प्रदूषण का प्रभाव आपकी त्वचा पर पड़ता है।
आपको
उम्र
से
पहले
ही
त्वचा
की
विभिन्न
समस्याओं
जैसे
पिगमेंटेशन,
मुंहासे,
फाइन
लाइन्स
और
झुर्रियों
आदि
का
सामना
करना
पड़ता
है।
अधिकांंश
महिलाओं
को
20
से
30
वर्ष
की
उम्र
तक
ही
फाइन
लाइन्स
दिखाई
देने
लगती
है।
त्वचा
की
इस
बढ़ती
हुई
उम्र
को
रोकने
के
लिए
एंटी
ऐजिंग
क्रीम्स
और
फेसलिफ्ट
काफी
नहीं
है।
जब
आप
बूढ़ी
नहीं
हैं
तो
बूढ़ी
क्यों
दिखें?
इसका
हल
लेज़र
रिसर्फेसिंग
है
जिसे
लेज़र
पील
भी
कहा
जाता
है।
लेज़र
पील
एक
त्वचीय
तकनीक
है
जिसमें
त्वचा
की
ऊपरी
सतह
की
कोशिकाओं
को
क्षति
पहुंचाई
जाती
है
जिससे
त्वचा
की
नवीनीकरण
की
प्रक्रिया
तीव्र
होती
है
और
त्वचा
की
ऐजिंग
और
फोटो
ऐजिंग
धीमी
होती
है।
इसे
या
तो
ख़राब
हुए
ऊतकों
को
वाष्पित
कर
दिया
जाता
है
या
त्वचा
पर
छोटे
छोटे
घाव
बनाये
जाते
हैं।
पहली
पद्धति
को
नॉन-एब्लेटिव
कहा
जाता
है
और
दूसरी
को
एब्लेटिव
लेज़र
रिसर्फेसिंग
कहा
जाता
है।
लेज़र पील से होने वाले लाभ
फाइन लाइन्स और झुर्रियां कम होती हैं
मुंहासे और दाग धब्बे कम होते हैं
पिगमेंटेशन कम होता है
चमकती हुई जवान त्वचा मिलती है
मस्से या त्वचा की अन्य प्रकार की वृद्धि कम होती है
लेज़र पील/ रिसर्फेसिंग के प्रकार
एब्लेटिव लेज़र पील: एब्लेटिव लेज़र पील लेज़र रिसर्फेसिंग की पुरानी तकनीक है जिसे पहले लेज़र तकनीक के नाम से जाना जाता था। इसमें त्वचा की ऊपरी सतह को आंशिक रूप से या पूरी तरह निकाल दिया जाता था अत: इसका यह नाम पड़ा। त्वचा के आंशिक रूप से निकालने को फ्रेक्शनल एब्लेटिव लेज़र रिसर्फेसिंग कहा जाता है।
नॉन-एब्लेटिव लेज़र रिसर्फेसिंग: नॉन-एब्लेटिव लेज़र सरफेसिंग में त्वचा को निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसमें माइक्रो पल्सेज़ की सहायता से त्वचा की गहराई से ख़राब ऊतकों को वाष्पित कर दिया जाता है जिससे कोलेजन की प्रतिक्रिया उत्तेजित होती है। नया कोलेजन बनने से त्वचा जवान दिखती है और फाइन लाइन्स तथा झुर्रियां कम हो जाती हैं। हालाँकि यह दाग धब्बों को निकालने में उतनी प्रभावी नही है जितनी एब्लेटिव पद्धति है। नॉन-एब्लेटिव लेज़र रिसर्फेसिंग को आंशिक रूप से किया जाता है और यदि आप ऐजिंग और पिगमेंटेशन दोनों समस्याओं से निपटना चाहते हैं तो इसे आंशिक एब्लेटिव लेज़र पील्स के साथ जोड़ा जा सकता है ।
प्रकिया से पहले ध्यान में रखने वाली बातें
1. अपने डॉक्टर से परामर्श करें और अपना पूरा मेडिकल चेकअप करवाएं तथा सुनिश्चित करें कि आपको कोई संक्रमण या स्वास्थ्य से संबंधित कोई परेशानी न हो जिसके कारण आगे चलकर कोई समस्या न उत्पन्न हो। यदि ऐसा है तो डॉक्टर आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए कहेगा। इसके अलावा कुछ सामान्य दिशानिर्देश होते हैं जैसे दवाईयों (जैसे एस्पिरिन) या अन्य किसी ऐसी दवाई का सेवन न करें जो खून को पतला करती हो या खून को जमने से रोकने में सहायक हो।
2. यदि आप धूम्रपान करते हैं तो आपको एक सप्ताह पहले इसे पूर्ण रूप से बंद करना होगा। यही बात अल्कोहल के लिए भी लागू होती है। अन्यथा आपको ठीक होने में बहुत समय लगेगा और आपको इच्छानुसार परिणाम भी नहीं मिलेगा।
3. यदि आपकी त्वचा का रंग गहरा है तो आपको अधिक सावधानी बरतने की आवशयकता है क्योंकि लेज़र उपचार के बाद प्राकृतिक रूप से पिगमेंटेड त्वचा में पिगमेंटेशन की समस्या और अधिक बढ़ जाती है। इसका एक समाधान यह है कि आपको त्वचा से संबंधित कुछ अतिरिक्त सलाह लेनी होंगी क्योंकि डॉक्टर आपकी त्वचा पर लेज़र के उपयोग से होने वाले परिणामों की जांच करेगा।
4. प्रक्रिया से पहले और बाद में धूप में न जाएँ और पूरी तरह ठीक होने तक भी धूप में न निकलें। पूरी तरह ठीक होने में लगभग दो सप्ताह का समय लगता है। दिन का कोई भी समय हो, सनस्क्रीन अवश्य लगायें।
5. स्वयं को हाईड्रेट रखें।
प्रक्रिया के बाद
प्रक्रिया के बाद कुछ समय तक आपको लालिमा और सूजन दिखाई देगी सामान्यत: एक या दो महीनों तक। डॉक्टर आपको कुछ दर्दनिवारक दवाएं देगा। यह बात महत्वपूर्ण है कि केवल डॉक्टर द्वारा बताई हुई दवाईयों का ही सेवन करें। किसी भी प्रकार की दवाई लेने से समस्या बढ़ सकती है। जब तक डॉक्टर न कहे तब तक मेकअप न करें। उपचार के बाद पहले सप्ताह में बाहर न निकलें। उसके बाद भी पहले अपने डॉक्टर से सलाह कर लें। बहुत अधिक धूप के समय बाहर जाने से बचें अर्थात सुबह देर से लेकर दोपहर तक।
लेज़र पील स्किन उपचार का मूल्य
लेज़र रिसर्फेसिंग का मूल्य 3000 रूपये से लेकर 8000 रूपये प्रति सत्र तक होता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कितने क्षेत्र का उपचार करना है और त्वचा की स्थिति क्या है। एब्लेटिव लेज़र रिसर्फेसिंग की कीमत नॉन-एब्लेटिव से अधिक होती है। सारांश यह है कि लेज़र पील्स प्रभावी होता है और इसमें निवेश करना उचित है यदि उचित प्रक्रिया का अनुसरण किया जाए और साथ ही साथ सावधानियां बरती जाएँ और उपचार के बाद देखभाल ठीक तरह से की जाए।