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गणेश पूजा की विधि और रस्‍में

By Super
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गणेश चतुर्थी, पूरे भारत में धूमधाम से मनाएं जाने वाले त्‍यौहारों में से एक है। इस त्‍यौहर को न सिर्फ मंदिरों और पंडालों में बल्कि घरों में भी मनाया जाता है। कई लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्‍थापित करते है।

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गणेश पूजा में कई रोचक रस्‍में भी होती है। हर परिवार और समुदाय गणेश पूजा की इन रस्‍मों को अनुष्‍ठान के दौरान निभाता है। लेकिन कुछ रस्‍में और परंम्‍पराएं सभी के लिए कॉमन होती है।

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गणेश चतुर्थी एक दिन का त्‍यौहार नहीं होता है इसे लगातार दस दिनों तक धूमधाम और उत्‍साह से मनाया जाता है। आप चाहें तो भगवान गणेश को अपनी सुविधा के अनुसार, ड़ेढ दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन या नौ दिन भी रख सकते है। यहां गणेश पूजा से जुड़े कुछ बुनियादी हिंदू अनुष्‍ठानों के बारे में बताया जा रहा है :

 1 ) मूर्ति की स्‍थापना

1 ) मूर्ति की स्‍थापना

सबसे पहले, भगवान गणेश की मूर्ति को ऊंचे स्‍थान पर सिहांसन पर स्‍थापित किया जाता है। परिवार के सदस्‍य, खासकर बच्‍चे इस मंच को सजाते है। आप इसकी साज - सज्‍जा में फूलों और रंगीन पन्न्यिों का इस्‍तेमाल भी कर सकते है। आप कई तरह के क्राफ्ट भी कर सकते है, झरना आदि से भी मूर्ति को आकर्षित बना सकते है।

2 ) पवित्र जल

2 ) पवित्र जल

मूर्ति को रखने के बाद, भगवान गणेश पर पवित्र जल जैसे - गंगाजल को छिडका जाता है और इस प्रक्रिया को प्राणप्रतिष्‍ठा कहा जाता है। हिंदू में मानते है कि इस प्रक्रिया से मूर्ति में प्राण आते है, इस दौरान वैदिक मंत्रों का उच्‍चारण भी किया जाता है।

3) रिद्धि और सिद्धि

3) रिद्धि और सिद्धि

कई परिवार भगवान गणेश की मूर्ति के साथ रिद्धि और सिद्धि की मूर्ति की स्‍थापना भी करते है। इन दो महिला देवियों की पूजा भी लगातार नौ दिन तक की जाती है।

4) गणपति आरती

4) गणपति आरती

गणेश पूजा के साथ आरती करना एक सबसे महत्‍वपूर्ण रस्‍म है। आरती वास्‍तव में कई गानों का संग्रह होती है जिसे भक्तिमय तरीके से लय में गाया जाता है। गणेश पूजा के सभी दिनों में सुबह और शाम को गणेश आरती का आयोजन किया जाता है। इस दौरान थाली में घी के दीए जलाकर रखे जाते है।

5) मोदक और लड्डू

5) मोदक और लड्डू

भगवान गणेश, मोदक और लड्डुओं के सबसे बड़े शौकीन है। मिठाई को उनकी कमजोरी माना जाता है। यही कारण है कि भगवान गणेश की पूजा के दौरान मोदक और लड्डुओं का विशेष इंतजाम किया जाता है।

6) कडुवा मोदक

6) कडुवा मोदक

गणेश भगवान की आरती के दौरान थाली में सभी मोदकों को रखा जाता है, इसमें एक मोदक कडुवा मोदक भी रखते है। आरती के बाद इन मोदकों को सभी में बांटा जाता है। मानते है कि जिस व्‍यक्ति को यह मोदक मिलता है, उसका पूरा साल बहुत भाग्‍य वाला होता है।

7) विसर्जन

7) विसर्जन

गणेश पूजा का अंतिम पडाव विर्सजन होता है। इस चरण में, भगवान गणेश की स्‍थापित मूर्ति को पास में स्थित जल स्‍त्रोत में प्रवाहित कर दिया जाता है, इस दौरान युवा नाचते गाते है और गुलाल से रंग खेलते है। इस यात्रा में भगवान गणेश के सभी मंगलमय गानों को बैंड बाजे के साथ गाया जाता है।

English summary

Rituals Associated With Ganesha Puja

Many people place Ganapati idols in their house to celebrate this festival. Many interesting rituals are associated with Ganesh Puja. Every family or community has its own rituals for Ganesh puja.
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