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किशोरों में पेरासिटेमॉल के सेवन से अस्थमा!

By Super
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Teens
लंदन। न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक दर्दनाशक दवा पैरासिटेमॉल से किशोरों को अस्थमा होने का खतरा दोगुना हो सकता है। चिकित्सक की सलाह के बिना इस दवा का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। शोध में कहा गया कि साल में कम से कम एक बार पेरासिटेमॉल लेने वाले किशोरों में अस्थमा का खतरा, दवा ना लेने वाले किशोरों की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा होता है।

अध्ययन में एक महीने में इस दवा का ज्यादा उपयोग करने वाले, एक साल में कम से कम एक बार उपयोग करने वाले और इस दवा का उपयोग न करने वाले किशोरों की स्वास्थ्य जांच के निष्कर्षो का अध्ययन किया गया है। जिन किशोरों ने एक महीने की अवधि में इस दवा का उपयोग किया था उनमें अस्थमा का खतरा दूसरों से दोगुना ज्यादा पाया गया।

डेली मेल समाचार पत्र में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्षो के मुताबिक कुल 50 देशों के तीन लाख किशोरों पर किए गए इस अध्ययन में पाया गया है कि पेरासिटेमॉल दवा लेने वाले किशोरों में नाक में खुजली और एलर्जी की स्थितियां पाई गईं हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि पेरासिटेमॉल से बच्चों में शारीरिक बदलाव के कारण सूजन और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन में दर्दनाशक और अस्थमा में सीधा संबंध स्थापित किया गया है। इससे पहले के शोधों में इस दवा से वयस्कों और बच्चों में बीमारियां बढ़ने का खतरा जताया जा चुका है।

एक प्रतिष्ठित अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया कि इस दवा के ज्यादा उपयोग से अस्थमा के विकास की स्थितियां पैदा हो सकती हैं। इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले न्यूजीलैंड के चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के चिकित्सक रिचर्ड बीसली ने 13 से 14 वर्ष की उम्र के तीन लाख किशोरों के साक्षात्कार की वीडियो रिकार्डिग की है।

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