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माइग्रेन में क्‍या करें और क्‍या नहीं

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माइग्रेन एक आम बीमारी है जो दिमाग में नर्व की सूजन से पैदा होती है। इसका दर्द बहुत ही भीषण होता है जो कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्‍यादा प्रभावित करता है। माइग्रेन पड़ने पर कई ऐसी बातें हैं जो ध्‍यान में रखने वाली हैं। अगर आप भी माइग्रेन के दर्द से जूझ रहें हैं तो प्रस्‍तुत है आपके लिये कुछ महत्‍वपूर्ण बिन्‍दू।

Migraine

इन बातों का रखें ध्‍यान

1. ऐसे मरीज जिन्‍हें माइग्रेन की बीमारी बता दी गई है, उन्‍हें डॉक्‍टर द्रारा बताई गई दवाएं नियमित रुप से लेनी चाहिये।

2. मिनट-मिनट पर बदलने वाले मौसम से माइग्रेन पेशेंट को हमेशा दूर रहना चाहिये और अपना ख्‍याल रखना चाहिये।

3. घर पर कोई भी और किसी तरह का उपचार करने से बचना चाहिये।

4. आपको पता होना चाहिये कि कभी-कभी माइग्रेन की बीमारी बहुत बढ़ जाती है जिस वजह से मेडिकल एडवाइस लेना बहुत जरुरी है।

5. तेज़ इत्र या पर्फ्यूम से बचें।

6. इस बात को सुनिश्चित करें कि आप 6-8 घंटों की गहरी नींद ले रहे हैं।

7. योगा, मेडिटेशन और मार्निंग वॉल्‍क, कुछ ऐसी अच्‍छी आदते हैं जिन्‍हें आपको जरुर अपनानी चाहिये। खासकर नियमित रुप से व्‍यायाम भी करना चाहिये।

8.
एक गलत दिनचर्या भी माइग्रेन को बढ़ावा दे सकती है। खासतौर पर भोजन समय पर ना खाया या फिर छोड़ देना। माइग्रेन पेशेंट को कभी भी व्रत नहीं रखना चाहिये और ना ही ऐसा भोजन करना चाहिये जिसमें वसा हो।

9. दबाव या स्‍ट्रेस से भी माइग्रेन बढ़ जाता है।

10. जब भी घर से बाहर निकले तब हाथ में छाता लें और डायरेक्‍ट सूरज की रौशनी से बचें।

11. माइग्रेन अटैक आने पर पैरासीटामॉल ओर एसप्रिन की टेबलेट अच्‍छा असर करती है। 16 साल की कम उम्र वाले बच्‍चों को एसप्रिन नहीं लेनी चाहिये।

English summary

Migraine do's and don'ts | माइग्रेन में क्‍या करें और क्‍या नहीं

If You are suffering from Migraine than here are the top list of do's and don'ts.
Story first published: Tuesday, May 15, 2012, 10:10 [IST]
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