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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस: सेहत और सम्मान के लिए इस बार नहीं होगा प्लास्टिक तिरंगों का इस्तेमाल

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कई वर्षों तक अंग्रेज़ों की गुलामी करने के बाद हमारा भारत देश आखिरकार 15 अगस्त, 1947 को आज़ाद हुआ था। इस आज़ादी को पाने के लिए हमारे देश के कई वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी इसलिए एक सच्चा हिंदुस्तानी होने के नाते हमारा यह फ़र्ज़ बनता है कि हम अपने देश की गरिमा को बनाए रखें और अपनी स्वंत्रता का दुरुपयोग ना ही स्वयं करें और ना ही दूसरों को करने दें।

इस बार यानी साल 2018 में हम सब अपना 72वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं। पूरा देश इस उत्सव की तैयारी में व्यस्त है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा लेकिन कई बार इन सबके बीच हम में से कुछ लोग ऐसी गलती कर देते हैं जो हमारे देश के मान सम्मान के खिलाफ होता है।

ban on plastic flag

जी हाँ हम बात कर रहे हैं हमारे राष्ट्र ध्वज की। स्वतंत्रता दिवस हो या फिर गणतंत्र दिवस हम में से अधिकांश लोग हमारा राष्ट्रीय ध्वज खरीद कर उसे अपनी गाड़ी में या फिर अपने घर की छतों पर लगा देते हैं। कई बार बच्चे भी इसे हाथ में लेकर खेला करते हैं। उसके बाद यह हमें सड़कों पर इधर उधर गिरा हुआ मिलता है। यह सिर्फ हमारे राष्ट्रीय ध्वज का नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान होता है। उन शहीदों का अपमान होता है जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में अपने खून का एक एक कतरा बहा दिया था।

आजकल बाज़ारों में प्लास्टिक से बने झंडे भी उपलब्ध हैं। जहां एक ओर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर दुकानदार खुलेआम प्लास्टिक के झंडे बेच रहे हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए 9 जनवरी, 2018 को हमारे देश की सरकार ने प्लास्टिक से बने तिरंगों पर बैन लगा दिया है। साथ ही देश के सभी राज्यों की सरकारों को सख्त हिदायत भी दी है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरीके से हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान ना हो। इसके अलावा जो कोई भी तिरंगे का अपमान करता हुआ पाया जाएगा उसे सख्त से सख्त सज़ा दी जाएगी। दोषी पाए जाने वाले लोगों को तीन साल की सज़ा या फिर जुर्माना भरना पड़ सकता है। कुछ मामलों में अपराधी को दोनों ही सज़ा मिल सकती है।

सरकार ने यह भी आदेश जारी किया है कि किसी भी तरह के राष्ट्रीय, सांस्कृतिक या फिर खेलकूद के कार्यक्रम में केवल कागज़ के बने तिरंगों का ही इस्तेमाल होगा और कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद पूरे मान सम्मान के साथ उसे डिस्पोज़ किया जाएगा। एक भी झंडा ज़मीन पर गिरा नहीं होना चाहिए।

इतना ही नहीं लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सरकार ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्लास्टिक के तिरंगों का इस्तेमाल ना करने की अपील की है।

आइए इस मौके पर प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में जानते हैं। ये भी जानकारी हासिल करें कि ये पर्यावरण और सेहत के लिए कितना खतरनाक है।

प्लास्टिक से प्रदूषण बहुत ही तेज़ी से बढ़ रहा है और इसका दुष्प्रभाव आम जनजीवन पर हो रहा है इसलिए सरकार ने इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। प्लास्टिक के बैग या थैलों की जगह कपड़े या पेपर से बने बैग का प्रयोग करने का आदेश दिया गया है।

प्लास्टिक से पर्यावरण को खतरा

प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल से सबसे बड़ा खतरा पर्यावरण को है। इससे ज़मीन, हवा और पानी सब कुछ दूषित हो रहे हैं। प्लास्टिक पानी को तो ज़हरीला बना ही रहा है, साथ ही ज़मीन की उर्वरता को भी नष्ट कर रहा है। इसके जलने से जो ज़हरीली गैस निकलती है वह हवा को भी ज़हरीला बना देती है। हवा प्रदूषित होने से दर्जनों रोग होते हैं, साथ ही कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

नॉन बायोडिग्रेडेबल

प्लास्टिक प्राकृतिक रूप से विघटित नहीं होते हैं। इन्हें विघटित होकर समाप्त होने में लगभग 1000 साल लग जाते हैं। ऐसे में यह पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं।

जानवरों की मृत्यु

प्लास्टिक केवल इंसानों के लिए नुकसानदेह नहीं है बल्कि जानवरों के लिए भी यह उतना ही खतरनाक है। लोग कचरों को प्लास्टिक की थैली में डाल कर फेंक देते हैं जिसे जानवर कचरे के साथ ही खा जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है।

नदी, तालाब को बर्बाद कर रहा है प्लास्टिक

प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के साथ साथ प्रकृति के संतुलन को भी बिगाड़ रहा है। इसके उपयोग से हमारे नदी तालाब सभी बर्बाद हो रहे हैं उनका पानी दूषित हो रहा जिसे पीकर इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी तरह तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

प्रदूषण की समस्या बेहद गंभीर समस्या है यदि हमें इसे संभालना है तो हमे प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करना होगा।

English summary

bans on plastic national flags on 15 august independence day

Ahead of Independence Day, the Centre has urged all citizens not to use national flag made up of plastic and asked states and UTs to ensure strict compliance of the flag code. Also read to know what are the side effects of plastic.
Story first published: Tuesday, August 14, 2018, 12:15 [IST]
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