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रात में नहीं दिन में होता है डेंगू, होम्‍योपैथी है इसका कारगार इलाज

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बरसात के साथ ही बरसाती बीमारियां भी हमारे सामने हैं। हर साल की तरह इस साल भी मच्छरों से होने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खौफ हर तरफ छाया हुआ है। मानसून के बाद ही डेंगू तेजी से फैलता है हाल ही में कुछ राज्‍यों में डेंगू के मामले सामने आएं हैं। इसल‍िए डेंगू से कोताही बरतनी जरुरी है। जरुरी नहीं है कि आप एलोपैथी के जरिए ही इलाज कराएं।

डेंगू का इलाज एलोपैथी के अलावा होम्‍योपैथी चिकित्‍सा पदति से भी किया जा सकता है। खास बात यह कि इसका कोई साइ‍ड इफैक्‍ट भी नहीं है।

दिन में होता है डेंगू

दिन में होता है डेंगू

डेंगू मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय, खासकर सुबह में डंक मारते हैं। डेंगू, जुलाई से अक्टूबर के बीच सबसे ज्यादा फैलता है। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। इसलिए अपने आसपास पानी जमा नहीं होने देंगे तो इससे बचाव आसान हो जाएगा।

डेंगू की बीमारी

डेंगू की बीमारी

डेंगू की बीमारी ठहरे हुए साफ़ पानी में पैदा होने वाले एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से होती है। हालांकि डेंगू का इलाज संभव है और हर साल डेंगू के लाखों मरीज़ों को इलाज के ज़रिये स्वस्थ भी किया जाता है। आमतौर पर डेंगू के इलाज के लिए मरीज़ एलोपैथी का सहारा लेते हैं, लेकिन होम्योपैथी भी डेंगू के इलाज में बेहद ही कारगर सिद्ध होती है।

नहीं होता साइड इफैक्‍ट

नहीं होता साइड इफैक्‍ट

होम्योपैथी पद्धति बेहद ही भरोसेमंद है और इसमें किसी तरह के साइड-इफेक्टस भी नहीं होते। होम्योपैथिक इलाज के दौरान मरीज़ को नियमित दवाओं के साथ-साथ रक्त जांच के ज़रिये प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइट्स काउंट करवाते रहना चाहिए। होम्योपैथिक दवाओं में किसी तरह का साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलता लिहाज़ा होम्योपैथिक दवाएं डेंगू से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को भी दी जा सकती हैं। डेंगू के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा सिद्ध हो सकती है इसलिए ये ज़रूरी है कि आप किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से ही अपना इलाज कराएं।

 खुद ही न लें दवाई

खुद ही न लें दवाई

तीन जांचें जो डेंगू के रोगी के लिए सबसे अहम हैं वे ब्लडप्रेशर, हिमैटोक्रिट और प्लेटलेट्स काउंट। केवल प्लेटलेट पर ध्यान देना काफी नहीं होता है। डेंगू की शुरुआत में होने वाले बुखार और बदन दर्द के लिए कोई दवा खुद से नहीं खानी चाहिए। पैरासिटामॉल के सिवा कोई भी अन्य दवा हानिकारक हो सकती है।

मच्छरों से बचाव के उपाय

मच्छरों से बचाव के उपाय

  • एक बात याद रखें डेंगू का मच्‍छर दिन के वक्‍त ज्‍यादा सक्रिय होते हैं, इसल‍िए दिन में भी सर्तक रहें।
  • छत या घर के बाहर रखे खुले बर्तनों, पुराने टायर या पानी के गडढ़ों में पानी जमा न होने दें। बाल्टी या किसी बर्तन में भरे हुए पानी को ढ़कें। मच्छर साफ और ठहरे पानी में ही पैदा होते हैं।
  • कूलर के पानी को हर हफ़्ते बदलना चाहिए या उसमें कीटनाशक डालना चाहिए, अगर घर में कीटनाशक न हो तो आप पेट्रोल या मिट्टी का तेल भी डाल सकते हैं। जिससे इस पानी में मच्छर पैदा न हों।
  • घर के कोनों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें और घर में साफ़ सफ़ाई रखें।
  • खिड़कियों में जाली लगाएं जिससे मच्छर खिड़की के ज़रिये घर में दाखिल न हो सकें।
  • रात को सोते वक़्त मच्छरदानी या मॉस्किटो रेपलेंट का इस्तेमाल करें।

English summary

Could Homeopathy Become An Alternative Therapy In Dengue Fever?

Homeopathic treatment is quite effective not only for Dengue fever but also for all other types of fevers.
Story first published: Tuesday, September 11, 2018, 14:28 [IST]
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