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यौन अस्वच्छता और स्मोकिंग से हो सकता है पुरुषों को पेनिस या लिंग का कैंसर, जाने लक्षण और बचाव
पेनिस कैंसर (Penile cancer) पुरुषों की एक बहुत बड़ी समस्या है, जिसका समय पर इलाज किया जाना आवश्यक हो जाता है। पेनिस कैंसर जिसे पेनाइल कैंसर भी कहा जाता है लिंग के कार्यों को प्रभावित कर सकता है। यह समस्या यौन कार्यों में रूकावट, मूत्रपथ संक्रमण और अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बनती है। यदि समय पर इस समस्या का निदान किया जाये तो इसका इलाज करना बहुत सरल हो सकता है।
पेनिस कैंसर वह बीमारी है, जिसमें लिंग की कोशिकाएं अनियंत्रित वृद्धि कर ट्यूमर का निर्माण करती हैं। जिससे लिंग की त्वचा और ऊतकों को नुकसान पहुंचता है। वैसे ये बहुत ही दुर्लभ प्रकार का कैंसर है। लेकिन पुरुषों को ये कैंसर के कारणों के बारे में मालूम होना चाहिए।
लिंग का कैंसर सामान्यतः लिंग की त्वचा या फोरस्किन की कोशिकाओं से शुरू होता है, जो शरीर के अन्य क्षेत्रों जैसे लिम्फ नोड्स, ग्रंथियां और अन्य अंगों में फैल सकता है। इस प्रकार का कैंसर काफी कम देखने को मिलता है। यदि पेनिस कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता लगा लिया जाये तो इसका इलाज काफी सरल होता है।
कारण
फिमोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिंग की फोरस्किन बहुत सख्त हो जाती है और इसे मूल अवस्था में लाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। फिमोसिस वाले पुरुषों में स्मेग्मा को विकसित करने का जोखिम बढ़ जाता है। स्मेग्मा एक पदार्थ है जो मृत त्वचा कोशिकाओं, और फोरस्किन के नीचे नमी और तेलीय त्वचा होने के वजह से निर्मित होती है। यह दोनों ही स्थितियां पेनिस कैंसर (Penile cancer) का कारण बनती हैं।
60 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में पेनिस कैंसर के जोखिम अधिक होते है
सिगरेट या धूम्रपान का सेवन भी कैंसर को बढ़ावा देता है
यौन स्वच्छता के प्रति कमी
यौन संक्रमण, जैसे ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी)
इन सभी कारणों की वजह से पेनिस (लिंग) की कोशिकाओं और यौन सम्बन्धी हार्मोन्स पर प्रभाव पड़ता है, जिससे पेनिस का कार्य पर प्रभाव पड़ता है और कैंसर के अलावा ही दूसरी समस्याओं होने की सम्भावना रहती है।
पेनिस कैंसर का लक्षण
लिंग के कैंसर का पहला लक्षण आमतौर पर लिंग पर एक गांठ, या अल्सर दिखने लगता है और इसकी वजह से अक्सर दर्द होता है, आइए जानते है और भी लक्षणों के बारे में
- लिंग में जलन होना
- लिंग की त्वचा के रंग में परिवर्तन
- पेनिमल या लिंग की त्वचा का मोटा होना
- लिंग की लिम्फ नोड्स में सूजन
- पेनिस में खुजली होना
- फोरस्किन के नीचे गंध युक्त पदार्थ का बहाव होना-लिंग में दर्द,
- लिंग से खून बहना
- ग्रोन क्षेत्र (पेट और जांघ के बीच का भाग) में त्वचा के नीचे गांठ
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ऐसे मालूम चलेगा पेनिस कैंसर के बारे में
यदि किसी व्यक्ति को लिंग के ऊपर किसी भी प्रकार की गांठ नजर आती है या ऊपर बताए लक्षण दिखाएं देते है तो उस व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि कैंसर का संदेह होता है तो डॉक्टर बायोप्सी परीक्षण की सलाह दे सकता है। बायोप्सी में नमूना का विश्लेषण कर कैंसर कोशिकाओं की मौजूदगी का पता लगा लिया जाता है।
कुछ मामलों में, लिंग का एमआरआई जांच के जरिए भी किया जा सकता है, जो लिंग के ऊतकों में कैंसर की सम्भावना के बारे में बताता है।
इलाज
पेनिल (लिंग) कैंसर के प्रकार और चरणों के आधार पर कैंसर की इलाज किया जाता है। पेनिस कैंसर दो प्रकार का होता है इनवेसिव पेनिस कैंसर और नॉन इनवेसिव पेनिस कैंसर। पेनिस कैंसर की जांच कर उनका पता लगाया जाता है। फिर इसका उपचार किया जाता है।
नॉन इनवेसिव पेनिस कैंसर (Noninvasive penile cancer)
डॉक्टर इलाज के लिए दवा का प्रयोग करने की सलाह दे सकता है, जिसे सीधे तौर पर त्वचा पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
लेजर थेरेपी -
उच्च तीव्र प्रकाश विकरण का प्रयोग कर ट्यूमर और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए लेजर थेरेपी का प्रयोग किया जाता है।
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कीमोथेरेपी
कीमोथेरेपी के जरिए एंटी-कैंसर दवाओं का प्रयोग शरीर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
विकिरण या रेडिएशन थेरेपी
इस थेरेपी में उच्च ऊर्जा विकिरण का उपयोग कर ट्यूमर को कम किया जाता है। इस प्रक्रिया से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में भी सहायता मिलती है।
क्रायोसर्जरी -
यह एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें बेहद ठंडे तरल पदार्थ जैसे द्रव नाइट्रोजन का उपयोग कैंसर युक्त ऊतक की वृद्धि को रोकने और उनको नष्ट किया जाता है।
इनवेसिव पेनिस कैंसर (invasive penile cancer)
इस प्रकार के कैंसर में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि यह पेनिस कैंसर का तीसरा या चौथा चरण 4 हो सकता है। इस कैंसर की सर्जरी में ट्यूमर, पूरा लिंग या लिम्फ नोड्स ) को हटाया जा सकता है। इनवेसिव पेनिस कैंसर में लिंग से ट्यूमर को हटाने के लिए एक्सीजनल सर्जरी, मोहस सर्जरी और पार्शियल पेनेक्टोमी सर्जरी का सहारा लिया जाता है। ये कैंसर के प्रकार और खतरे को देखते हुए कैंसर को खत्म करने के लिए इनमें से किसी एक सर्जरी का सहारा लिया जाता है।