Just In
- 10 hrs ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 11 hrs ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
- 13 hrs ago रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- 14 hrs ago Gajalakshmi Yog April 2024: 12 वर्षों के बाद मेष राशि में बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, इन 3 राशियों पर बरसेगा पैसा
Don't Miss
- News VASTU TIPS : घर में समृद्धि लाना है तो इन उपायों पर गौर फरमाइए
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 कल 2 बजे आयेगा, यहां देखें UPMSP Result डाउनलोड लिंक
- Movies OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
कूल्हे में मवाद वाली गांठ की वजह होती है ये बीमारी, पुरुषों को अधिक होती है ये दिक्कत
पिलोनाइडल साइनस या गांठ एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें रीढ़ की हड्डी के अंतिम सिरे पर छोटा सा छेद हो जाता है और इसका आकार बढ़ता जाता है। बैक्टीरिया से संक्रमित होने पर सूजन व दर्द होता है। इसके बाद साइनस के भीतर ही मवाद से भरा फोड़ा बनने लगता है। जिससे कच्चे खून के साथ हल्का मवाद हर समय रिसता रहता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये समस्या वयस्क पुरुषों में अधिक देखी जाती हैं।
हर पांच में से चार पुरुष इस समस्या से परेशान होता हैं। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों में पाइलोनाइडल साइनस की समस्या सबसे ज्यादा सामने आई थी क्योंकि वे लंबे समय तक ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर जीप में सवारी करते थे। आइए जानते है इस बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।
इसके लक्षण क्या होते हैं?
इस रोग को प्रभावित हिस्से की त्वचा पर छोटे से धंसाव के रूप में महसूस किया जा सकता है। जब साइनस संक्रमित हो जाता है तो इसमें सूजन आती है और दर्द, त्वचा में लालिमा, साइनस से मवाद या रक्त निकलने और बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं।
Most Read :क्या मास्टरबेट करने से पुरुष हो जाते है गंजे, जाने सच है या मिथक
इसका कारण क्या है?
इसके कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। कई लोगों का मानना नहीं है कि ये समस्या बाल टूटने के कारण होता है। टूटा हुआ बाल त्वचा के अंदर चला जाता है। कुछ लोगों को जन्म से ही मामूली दोष होता है जिसके कारण उनके नितंबों की बीच की त्वचा कुछ हद तक धंस जाती है और इसके कारण टूटा हुआ बाल त्वचा के अंदर आसानी से चला जाता है। इससे रोग की शुरूआत होती है।
पाइलोनाइडल सिस्ट एक थैली की तरह संरचना होती है, जोकि कोक्सीक्स या टेलबोन (coccyx or the tailbone) के किनारे पर, कूल्हों को बांटने वाली लाइन पर हो जाती है। अल्सर पर आमतौर पर बाल होते हैं और ये मृत त्वचा कोशिकाओं का मलबा इकट्ठा होने से बनते हैं।
इन वजह से भी हो सकती है समस्या
मोटापा, शरीर पर औसत से अधिक बालों का होना, फैमिली हिस्ट्री आदि। इसके अलावा लंबे समय तक ड्राइविंग करने या बैठे की वजह से भी ये समस्या हो सकती हैं।
Most Read :लिंग पर सफेद दाग-धब्बे, जाने पेनाइल विटिलिगो के वजह और इलाज के बारे में
इसका इलाज कैसे होता है?
अगर पिलोनाइडल साइनस के भीतर संक्रमण हो तो साइनस को खोलने और मवाद, बैक्टीरिया व पदार्थों को निकालने के लिए ऑपरेशन करते हैं। सर्जन त्वचा के प्रभावित हिस्से को काट देते हैं और टांके की मदद से घाव को सिलते हैं। इस तकनीक से घाव को काफी जल्द ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा यह बेहद जरूरी है कि ऑपरेशन के बाद घाव की जगह को साफ रखा जाए।