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विक्रम भट्ट लाइलाज फाइब्रोमायल्गिया से जूझ रहे, जानिए कितनी गंभीर है ये बीमारी
सामंथा रुथ प्रभु के मायोसिटिस से पीड़ित होने की खबर के बाद अब फिल्म मेकर विक्रम भट्ट ने भी अपनी एक बीमारी से पीड़ित होने के बारे में बात शेयर की है। भट्ट ने इसके बारें खुलासा किया है कि वो पिछले 18 सालों से फाइब्रोमायल्गिया नामक बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि ये एक पुरानी बीमारी भी है जिसमें गंभीर मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी होती है।
मायोजिटिस की तरह, ये पुरानी बीमारी फाइब्रोमायल्गिया (Fibromyalgia) भी मांसपेशियों से संबंधित है, लेकिन ये अलग है और इसका कोई इलाज नहीं है। इससे पीड़ित व्यक्ति को गंभीर दर्द, नींद ना आना, याददाश्त और बॉडी पेन जैसी अन्य गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

फाइब्रोमायल्गिया के बारे में विक्रम भट्ट ने क्या बताया-
फिल्म मेकर भट्ट ने खुलासा किया है कि उन्हें बॉडी में तेज दर्द होता है और इसका कोई इलाज नहीं है। उन्होंने शेयर किया कि वो पिछले 18 वर्षों से पीड़ित हैं। सामंथा के मामले में, मायोसिटिस मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनता है, और उनके मामले में, फाइब्रोमायल्गिया से मांसपेशियों में तेज दर्द होता है। आप दर्द को अलग तरह से प्रोसीड करते हैं। एक नॉर्मल व्यक्ति के लिए जो दर्दनाक नहीं हो सकता है वो उनके लिए बहुत दर्दनाक है। इनमें से किसी भी विकार का कोई इलाज नहीं है, क्योंकि इसमें आपका शरीर आप पर हमला करता है। उन्होंने ये खुलासा ईटाइम्स से किया।

इसका बेहतर इलाज है ध्यान या अच्छी नींद- विक्रम भट्ट
ऐसे दिन होते हैं जब आप दर्द से तड़प जाते हैं। ऐसे दिन भी होते हैं जब आप बेहतर होते हैं। ध्यान या अच्छी नींद जैसी स्प्रिचुअल चीजें ही आपकी मदद कर सकती हैं। वो भाग्यशाली हैं कि उन्हे अच्छा सपोर्ट सिस्टम मिला है, लेकिन ये मुश्किल है, ये एक कठिन यात्रा रही है जिसने उनसे बहुत कुछ छीन लिया है लेकिन साथ ही उनको मजबूत भी बनाया है। उन्होंने कहा कि, समांथा के पास जाना चाहते हूं और उसे बताना चाहते हूं कि अगर वो इसे बना सकते हैं, तो वो भी कर सकती हैं।
विक्रम भट्ट ने कहा कि इसका निदान करने में उन्हें लगभग चार साल लग गए। उन्होंने कहा कि मेडिकल फ्रटनिटी (मेडिकल बिरादरी) में कई लोग इसे किसी की कल्पना की उपज भी कहते हैं।
निर्देशक ने आगे कहा कि वो अनावश्यक स्ट्रेस से बचने की कोशिश करते हैं, 7-8 घंटे की नींद लेते हैं, और किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए शराब या धूम्रपान नहीं करते हैं।

नेल्सन मंडेला की कविता से मिला विक्रम भट्ट को सहारा
'पहले चार सालों में जब इसका पता चला, तो उनको खुद नहीं पता था कि क्या हो रहा है। आप माइग्रेन, शरीर में दर्द और डिप्रेशन का अनुभव करते हैं। आपको लगता है कि वे सभी अलग-अलग बीमारियां हैं, और आप उन्हें अलग-अलग ठीक करने की कोशिश करते हैं, भट्ट ने ये बात कही।
विक्रम ने उन दो कविताओं का भी खुलासा किया, जिन्होंने इस कठिन समय में उनकी बहुत मदद की - हरिवंश राय बच्चन की 'अग्निपथ', और इनविक्टस, वो कविता जिसने नेल्सन मंडेला को जेल में जीवित रखा।