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क्या पांचों पांडवों के अलग-अलग पिता थे, जानिये क्या है सच्चाई
हम सब जानते हैं कि पांडव, कुरु राजवंश के राजा पांडु के पुत्र थे। युधिष्टर, भीम और अर्जुन कुंती के पुत्र थे जब कि नकुल और सहदेव उनकी दूसरी पत्नी मादरी की संतान थे।
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फिर भी, यह पूरा सच नहीं है। हकीकत यह है कि हर पांडव का एक दैवीय पिता है क्योंकि एक श्राप के कारण पांडु पिता बनने में असमर्थ थे।
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युधिष्टर का जन्म कैसे हुआ
युधिष्टर का जन्म पांडु के पिता बनने की असमर्थता के बाद एक असामान्य तरीके से हुआ। उनकी माता कुंती को युवावस्था में ऋषि दुर्वाशा द्वारा देवताओं का आह्वान करने का वरदान दिया गया। जब भी वह किसी देवता का आह्वान करेगी वह उसे पुत्र रत्न देगा। पांडु द्वारा कुंती को अपने वरदान का इस्तेमाल करने आग्रह किया गया, इसके बाद न्याय के देवता धर्म के आह्वान पर युधिष्टर का जन्म हुआ।
कैसे हुआ भीम का जन्म
भीम का जन्म इसी प्रकार कुंती ने हवा के देवता वायु का आह्वान कर भीम को जन्म दिया। अपने अन्य पांडव भाइयों के साथ ही भीम को भी धर्म, विज्ञान, राजकाज और सैन्य काला की शिक्षा कुरु वंश के गुरु कृपाचार्य और द्रोणाचार्य द्वारा प्रदान की गई। भीम गदा चलाने में पारंगत थे। भीम की शक्ति का जिक्र पूरे महाभारत में छाया रहा है।
अर्जुन का जन्म
अर्जुन का जन्म महाभारत में बताया गया है कि अर्जुन के जन्म पर देवताओं ने बधाई गीतों का गायन किया क्यों कि अर्जुन देवताओं के राजा यानि देवराज इन्द्र के पुत्र थे। उन्हें भी शिक्षा कुरु वंश के गुरु कृपाचार्य और द्रोणाचार्य द्वारा धर्म, विज्ञान, राजकाज और सैन्य कला की शिक्षा द्वारा प्रदान की गई (अर्जुन उनके सबसे अच्छे शिष्य थे)।
नकुल और सहदेव का जन्म
ऐसा कहा गया है कि नकुल और सहदेव के पुत्र अश्विन थे। क्या आप जानते हैं कि ये अश्विन कौन थे? शायद अधिकतर लोगों को यह पता नहीं है। ऋग्वेद के अनुसार अश्विनो का पुराना घर गंगा नदी पर था इस प्रकार भीष्म की माता और सत्यबती की माता की तरह ये भी गंगेय या मत्सय हो सकते हैं।
कौन हैं नकुल के पिता
इस प्रकार नकुल और सहदेव में भी वही खून है जो कि भीष्म में था। ये गंगा से कनैक्शन होने के कारण किसी पुरुवंशी ऋषि के पुत्र भी हो सकते हैं, ऋग्वेद में इनका संबंध भारद्वाज और दिवोदशा से बताया गया है। द्रौपदी ने नकुल को काले रंग के कारण (श्याम-कालेबरा) भी कहा है। इस तरह उसके पिता कोई ‘भूमि पुत्र' ऋषि भी हो सकते हैं। उनके शरीर के रंग के अनुसार उनके पिता वशिष्ठ हो सकते हैं।
पांडु को क्यूं मिला श्राप
पांडु को एक साधु ने श्राप दिया था कि यदि वह अपनी पत्नी या किसी अन्य महिला से यौन संबंध बनाएगा तो वह तुरंत मर जाएगा। इस श्राप के पीछे तथ्य यह है कि पांडु ने गलती से हिरण समझते हुये साधु और उनकी पत्नी को सहवास के दौरान मार दिया था। मरते समय साधु ने राजाओं के लिए अशोभित इस जघन्य अपराध के लिए पांडु को श्राप दिया। साधु के अनुसार कोई बुरे से बुरा आदमी भी सहवास कर रहे पशुओं को भी नहीं मारता। पांडु ने उसे बिना किसी कारण के मारा था। उसने उसे यह भी श्राप भी दिया कि यदि वह अपनी पत्नी से भी प्यार
करेगा तो वह तुरंत मर जाएगा।
जब जुए में हार गए पांडु
जुए (पासे) में हार के कारण पांडुओं को देश निकाला दे दिया गया, इस खेल में उन्होने अपना सब कुछ खो दिया यहाँ तक कि अपनी पत्नी को भी दाव पर लगा दिया। इस निष्कासन के दौरान उन्हें श्राप मिला था कि उन्हें एक एकांत और निर्जन स्थान पर रहना होगा और यदि किसी ने उन्हें देख लिया तो तो उन्हें वापस से अपने 13 वर्षों के निष्कासन की शुरुआत करनी होगी।