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पापोंं से मुक्ति दिलाता है कामिका एकादशी, सावन के 11वें दिन आता है ये व्रत
महाभारत में कहना है कि जब कोई व्यक्ति गलती करता है, तो पाप से छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय भूमिदान करना होता है। यह दान पाप को धो देता है, साथ ही अतीत की सभी अन्य गलतियों को भी धो देता है। लेकिन आधुनिक जीवन काफी व्यस्त और हलचल भरा है। हमारे पास पाप और पुण्य का सही ज्ञान नहीं है। तभी तो हम एक दिन में कई पाप कर डालते हैं और हमें उनका एहसास तक नहीं होता। इसके अलावा, ऐसी हर गलती के लिये भूमि दान करना अंसभव है। लेकिन भूमि के दान के अलावा, हमारे ग्रंथों में एक और उपाय का भी उल्लेख किया गया है, जो पापों को धोने में मदद कर सकता है। इसका उपाय है कामिका एकादशी का उपवास।
कामिका एकादशी 2018
श्रावस मास के 11वें दिन एकादशी होती है। चूंकि हर महीने में दो पक्ष होते हैं इसलिये प्रत्येक महीने में दो एकादशी भी होती हैं। इनमें से प्रत्येक एकादशी को एक अलग नाम दिया गया है। कामिका एकादशी शुक्लपक्ष के दौरान श्रावण मास के 11वें दिन होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु की मूर्ति में एक शंख, सुदर्शन चक्र और उनके हाथों में कमल होना आवश्यक है। इस साल यह एकादशी 7 अगस्त यानि आज मनायी जाएगी।
कामिका एकादशी को देखने के लाभ और पूजन-विधि
भगवान कृष्ण ने कहा था कि जो भी भगवान के सामने घी का दीपक जलाता है, उसे हजारों अन्य गुणों के लाभ मिलते हैं। कामिका एकादशी की तैयारी दशमी तिथि से शुरु हो जाती है।
इस दिन उपवास करने वाले लोग केवल सात्विक भोजन का ही सेवन करते हैं। सात्विक भोजन वे हैं जिनमें प्याज, लहसुन, तला हुआ सामान और मांसाहारी भोजन नहीं आता है।यह व्रत दशमी की शाम से द्वादश की सुबह तक रहता है। जब पारण किया जाता है तब खत्म होता है।
द्वादशी तिथि पर, पारण से पहले ब्रह्मुहुर्त में स्नान करना चाहिए, और श्रीविष्णु की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद, एक पुजारी को भोजन करवाना चाहिए। जो लोग पुजारी नहीं ला सकते हैं वे गरीब व्यक्ति को भोजन के बराबर अनाज दान कर सकते हैं।
पूजन-विधि
भक्तों को जल्दी उठना चाहिए और ब्रह्मुहुर्त(4से6 बजे) के दौरान स्नान करना चाहिए।इस दिन भगवान विष्णु की पूजा धूप-दीप, फूल,फल और नवैद्य से की जाती है। जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें एकादशी की कथा सुनानी चाहिए। इस दिन विष्णु के सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए। इस दिन मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। साथ ही इस दिन किया गया दान और तीर्थयात्रा को भी शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु पापों को क्षमा करते हैं, बशर्ते भक्त उन पापों को दोबारा न दोहराएं।
जो लोग इस दिन उपवास करते हैं उन्हें अनाज नहीं खाना चाहिए। उन्हें मंदिर में पूजा करने के लिए जाना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु को पीले कपड़े पहनाने चाहिए।इस दिन मंदिर के चारों ओर परिक्रमा भी की जानी चाहिए।
ऐसा कहा जाता है कि भक्तों को कामिका एकादशी वाले दिन बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए। कई महिलाएं इस एकादशी वाले दिन अपने बाल नहीं धोती हैं। सभी को जिन्होंने व्रत रखा है या नहीं पूरी रात मंत्रों का जाप और भगवान के गीत गाने चाहिए।
हिंदू धर्म में दान बहुत महत्व रखता है। इसके अलावा, एक पवित्र नदी में स्नान करने से भी लाभ मिलता है। सावन के महीने में लोग हरिद्वार की तीर्थयात्रा पर जाते हैं इसलिये नहीं कि वे व्रतधारी हैं, बल्कि इन सब के माध्यम से भगवान का आशीर्वाद पा सकें।