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ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का संगम : पठानकोट
माघी पूर्णिमा 2020: 9 फरवरी को करें स्नान दान, इस दिन होगा कल्पवास का समापन
हिंदू कैलेंडर में माघी पूर्णिमा को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। माघ महीने की पूर्णिमा के दिन स्नान और व्रत का बड़ा पुण्य बताया गया है। इस दिन तीर्थ स्थलों की यात्रा और स्नान-दान का भी लाभ मिलता है। ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन श्री हरी विष्णु गंगाजल में वास करते हैं इसलिए इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। इस मौके पर तीर्थराज प्रयाग में स्नान, दान तथा यज्ञ आदि के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं।

माघी पूर्णिमा 2020 तिथि
फरवरी 8, 2020 को 16:03:05 से पूर्णिमा आरंभ
फरवरी 9, 2020 को 13:04:09 पर पूर्णिमा समाप्त
माघी पूर्णिमा का स्नान 9 फरवरी के दिन किया जाएगा।

माघी पूर्णिमा पर कल्पवास का समापन
संगमस्थल पर एक मास तक कल्पवास करने वाले साधकों के लिए माघी पूर्णिमा एक विशेष पर्व है। इन तीर्थयात्रियों के कल्पवास का समापन माघ पूर्णिमा के दिन ही होता है। इस दिन कल्पवास करने वाले साधक मां गंगा की पूजा के बाद अपनी कुटियां में आकर हवन करते हैं। साधु, संयासियों, ब्राह्मणों तथा भिक्षुओं को भोजन कराकर स्वयं भोजन करते हैं। कल्पवास के दौरान रखी खाने पीने की वस्तुओं में से यदि कुछ बच गया है तो उसका दान कर देते हैं। गंगा मां को प्रणाम करके उनका आशीर्वाद लेने के पश्चात् वो अपने अपने घर के लिए निकल जाते हैं।

माघ पूर्णिमा का महत्व
ऐसी मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर आकर मनुष्य रूप धारण करते हैं और प्रयाग में स्नान-दान और जप करते हैं। लोगों की आस्था है कि इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

माघ पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए। इस खास दिन पर पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को समर्थ अनुसार दान देना चाहिए।
माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी, झरने, कुआं आदि में स्नान करना चाहिए। अगर ऐसा करना संभव न हो तो नहाने के जल में गंगाजल मिला लें। स्नान के पश्चात् सूर्य मंत्र का जप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए। दोपहर के समय जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें। दान में तिल और काला तिल अवश्य दें।

गौदान का विशेष महत्व
माघ पूर्णिमा के दिन दान करना काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो इस दिन गौदान करना काफी महत्वपूर्ण होता है। लोग इस दिन सोने-चांदी का भी दान करते हैं। गरीब लोगों की मदद करने से भी भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं।