Just In
- 51 min ago Hashimoto : एक्ट्रेस स्मृति खन्ना को प्रेग्नेंसी में हुई ये खतरनाक बीमारी, सीधा गर्भाशय पर करती है हमला
- 2 hrs ago नींद में आंखे खोलकर बोलते हैं विक्की कौशल, कितना खतरनाक हो सकता है ये स्लीपिंग डिसऑर्डर!
- 4 hrs ago ये शख्स हैं चलता-फिरता शराबखाना, इस अनोखी बीमारी की वजह से पेट में बनती है शराब
- 5 hrs ago Suhana Khan Beauty Tips : खुल गया सुहाना खान की खूबसूरती का राज, बेदाग त्वचा के लिए रखती हैं ऐसे ख्याल
Don't Miss
- News अंबाला-कैंट सानेह खंड के शम्भू स्टेशन पर चल रहे किसान आंदोलन के कारण बदला इन ट्रेनों का मार्ग, देखें पूरी List
- Movies मलाइका अरोड़ा के इन 8 कटिंग ब्लाउज को करें ट्राई, 500 की साड़ी में भी लगेगी हजारों की डिजाइनर साड़ी
- Education UPSC CSE Result 2023: यूपीएससी सीएसई रिजल्ट में कितने मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए, देखें सूची
- Automobiles KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
महाशिवरात्रि 2018 : रात के चारों प्रहर इस बार कर सकते है भगवान शिव की पूजा..
इस साल 13 फरवरी और 14 फरवरी को महाशिवरात्री का त्योहार आ रहा हैं। महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसे हर साल फाल्गुन माह में 13वीं रात या 14वें दिन मनाया जाता है। इस त्योहार में श्रद्धालु पूरी रात जागकर भगवान शिव की आराधना में भजन गाते हैं।
व्रत और उपवास भी करते हैं। शिव लिंग को पानी और बेलपत्र चढ़ाने के बाद ही वे अपना उपवास तोड़ते हैं। शिवरात्री मनाने के पीछे मुख्यतः दो मान्यताएं मानी जाती है। पहली की सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था।
जबकि कुछ का मानना है की इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ था। इस बार शिवरात्रि में खास बात यह है कि भक्तजन रात के चार प्रहर भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं। आइए जानते है शिवरात्री के मूहूर्त के बारे में।
क्या आप जानते हैं कैसे हुआ है भगवान शिव का जन्म ?
महाशिवरात्रि का निशिता काल मुहूर्त
महाशिवरात्रि का पर्व 13 फरवरी 2018 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 13 फरवरी की आधी रात से शुरू होकर 14 फरवरी तक रहेगा। शिवरात्रि निशिता काल पूजा का समय रात 12:0 9 बजे से 13:01 am तक रहेगा। मुहूर्त की अवधि कुल 51 मिनट की है।
पारण का समय
14 फरवरी को महाशिवरात्रि का पारण होगा। पारण या विश्राम का समय सुबह 07:04 से दोपहर 15:20 तक रहेगा।
चारों प्रहरों का मूहूर्त
रात्रि के समय भगवान शिव का पूजन एक से चार बार किया जाएगा। यह भक्तों पर निर्भर करता है कि वे किस तरह महादेव की पूजा करना चाहते हैं।
- रात्रि पहले प्रहर पूजा का समय : शाम 18:05 से 21:20 तक
- रात के दूसरा प्रहर में पूजा का समय : रात 21:20 से 00:35 तक
- तीसरा प्रहर पूजा का समय = 00:35 से 03:49 तक
- चौथा प्रहर पूजा का समय = 03:49 से 07:04 तक
मनचाहा मिलता है वर
वैसे तो वर्ष भर में 12 शिवरात्रियां आती है लेकिन इन सभी में फाल्गुन माह की शिवरात्रि को सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण माना जाता है। वैसे तो इस व्रत को कोई भी रख सकता है लेकिन महिलाएं और लड़कियां इस व्रत को बड़े शौक से रखती है। माना जाता है, इस व्रत के प्रभाव से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है और जिन महिलाओं का विवाह हो चुका है उनके पति का जीवन और स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है।
पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद अपने प्रिय देवता के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं। शिव भक्त इस दिन देवता का अभिषेक करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन अभिषेक को काफी अहम माना जाता है। इस दिन शिव भक्त "ओम नम: शिवाय" मंत्र के उच्चारण के साथ शिवलिंग का दूध, शहद, दही और चंदन से अभिषेक करते हैं। इसके अलावा बेर, बेलपत्र और फूल आदि भी भगवान को अर्पित किए जाते हैं
मोक्ष रात्रि
पुराणों में बताया गया है कि फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी साल की सभी रातों में खास है। इस रात को कालरात्रि और सिद्धि की रात भी कहते हैं क्योंकि सृष्टि में इस दिन एक बड़ी घटना हुई थी जिसका इंतजार सभी देवी-देवता और ऋषि मुनि कर रहे थे। महाशिवरात्रि की रात में भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए इस रात का सृष्टि में बड़ा महत्व है। भगवान शिव और देवी पार्वती सृष्टि में भोग और मोक्ष प्रदान करने वाले माने गए हैं। इसलिए महाशिवरात्रि को मोक्ष की रात्रि और मुक्ति की रात्रि भी कहा गया है।