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महाशिवरात्रि 2018: इन 5 अमृत से मिल कर बनता है पंचामृत, भोलेनाथ को चढ़ाएंगे तो पूरे होंगे रूके काम

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Mahashivratri: भगवान् शिव को पंचामृत चढ़ाने का रहस्य, जानें कारण | Boldsky

इस बार शिवरात्रि का पर्व 13 की मध्य रात्रि से लग कर 14 फरवरी की सुबह तक मनाया जाएगा। शिवरात्रि आदि देव भगवान शिव और मां शक्ति के मिलन का महापर्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जानेवाला यह महापर्व शिव भगतों को इच्छित फल, धन, सौभाग्य, समृद्धि, संतान व आरोग्यता देने वाला है। इस दिन भक्त लोग भगवान शिव की स्तुति करते हुए श्लोक और भजन गीत गाते है ताकि उनको उनके पापों से मुक्ति मिल सके। वे परंपरागत रूप से शिवलिंग पर दूध पानी बेल के पत्ते और फलों को चढ़ाते हैं। भक्त गंगा की पवित्र नदी में डुबकी से दिन की शुरूआत करते हैं। इस दिन अविवाहित महिला एक अच्छे पति के लिए पार्वती देवी से प्रार्थना करती हैं और विवाहित महिलाएं अपने पतियों और बच्चों के अच्छे स्वास्थ के लिए प्रार्थना करती हैं।

 Panchamrit

महाशिवरात्री 2018: इस पर्व में तैयार होने वाला प्रसाद
महाशिवरात्रि व्रत में व्रत का बड़ा महत्व होता है। इस दिन शिव भक्त शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का विधि पूर्वक पूजन करते हैं और रात्रि में जागरण करते हैं। भक्तगणों द्वारा लिंग पूजा में बेल-पत्र चढ़ाना, उपवास और रात्रि जागरण करना एक विशेष कर्म की ओर इशारा करता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भोलेनाथ की शादी मां शक्ति के संग हुई थी, जिस कारण भक्तों के द्वारा रात्रि के समय भगवान शिव की बारात निकाली जाती है। इस पावन दिवस पर शिवलिंग का विधि पूर्वक अभिषेक करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

महाशिवरात्री 2018: पंचामृत महत्वपूर्ण क्यों है?
पंचामृत का मतलब होता है पांच अमृत का मिश्रण जो की भगवान को चढ़ाने के बाद भकतो को बांटे जाते है इस पंचामृत में पांच अमृत दूध, दही, शहद , घी व गंगाजल मिलाया जाता है और इन पांचो तत्वों का एक अलग ही महत्व होता है। खाली पेट व्रत या उपवास के समय पूजा के बाद या कथा आदि सुनने के बाद इस को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। भगवान शिव को पंचामृत अभिषेक करने का जिक्र शिवपुराण से लेकर रामायण तक में किया गया है। इस पंचामृत अभिषेक से प्रसन्न होकर शिव ने कई प्राणियों की प्राणों की रक्षा की थी। तो आइये जानते हैं यह कैसे बनाया जाता है।

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इसे बनाने की विधि
भारतीय परंपरा के अनुसार पूजा करते समय भगवान को अर्पित करने के लिये पॉच पदार्थ दूध ,दही, घी शहद और चीनी या बूरा को मिलाकर बनाये गये मिश्रण को पंचामृत कहते हैं, भगवान को अर्पित करने केे बाद पंचामृत को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। आइये जानते हैं इसमें प्रयोग होने वाली सामग्री।
सामग्री

  • 5 चम्मच दही
  • 1 कप दूध
  • 1 चम्मच शहद
  • 1 चम्मच घी
  • 1 चम्मच पाउडर चीनी

बनाने की विधि
एक बड़े कटोरे में ही लेकर उसे हल्के हाथों से फैट लें ताकि उसकी गुठलिया ख़त्म हो जाए। अब इस में बाकी सारी सामग्री दूध, शहद, शुद्ध घी, चीनी या बूरा मिला दे। ध्यान रहे दूध डालने से पहले दही को अच्छे से फैट ले ताकि दूध डालने पर दही और सभी सामिग्री अच्छे से मिल जाए। अगर आप चाहे तो तुलसी के पत्ते तोड़कर डाल ले। इसी समय सारी मेवा भी डाल दे, मखाने तोड कर डालें। अब सब कुछ अच्छे से मिलाये। अब इसे भगवान् शिव को प्रसाद के रूप में अर्पित करें और फिर भगतों में बाटें।

  • दूध को पवित्र और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है
  • शहद मिठास के लिए है
  • घी जीवन में सुख के लिए है
  • चीनी खुशी के लिए है
  • दही समृद्धि और संतान के लिए है

English summary

Mahashivratri 2018: Importance Of Panchamrit And How To Make It At Home

Apart from this, panchamrit is also offered to the God and later served as prasad to the devotees. Panchamrit makes for an important prasad in most Hindu pujas.
Story first published: Monday, February 12, 2018, 11:09 [IST]
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