For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

तीर्थ स्थल या पवित्र नदी में नहीं जा सकते हैं तो इस आसान विधि से घर पर ही करें श्राद्ध कर्म

|

हिंदू धर्म में यह बात बताई गयी है कि देवी-देवताओं को प्रसन्न करने से पहले व्यक्ति को अपने पितरों अर्थात पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहिए।

पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म और तर्पण करके पूर्वजों का स्मरण किया जाता है और उनसे घर परिवार पर कृपा बनाये रखने की प्रार्थना की जाती है। इस साल कोरोना वायरस के कारण तीर्थ स्थान, पवित्र नदी या संगम आदि पर जाकर पूजा करना संभव नहीं है तो आप इस विधि का पालन करके घर पर ही श्राद्ध कर्म कर सकते हैं।

श्राद्ध पूजा विधि

श्राद्ध पूजा विधि

जातक को सुबह समय पर उठकर स्नानादि करना चाहिए। इसके बाद देव स्थान और पितृ स्थल को गाय के गोबर से लीपें और पूरे घर को गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।

श्राद्ध और ब्राह्मण से तर्पण आदि कार्य सब सूर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजे के बीच ही करवा लेने चाहिए।

घर की महिलाओं को शुद्ध होकर पितरों के लिए खुश मन से भोजन बनाना चाहिए। श्रेष्ठ ब्राह्मण को न्यौता देकर बुलाएं। ब्राह्मणों के घर आने पर उनके पैर धोएं। अब पितरों के लिए पूजा तथा तर्पण करवाएं। इस बात का ध्यान रखें कि आप पिण्ड दान अथवा तर्पण के लिए किसी योग्य पंडित को ही बुलाएं। उनके मार्गदर्शन और उचित मंत्रों के साथ ही श्राद्ध की प्रक्रिया पूरी करें।

तांबे के चौड़े बर्तन में काले तिल, गाय का कच्चा दूध, गंगाजल और पानी डालें। उस जल को दोनों हाथों में भरकर सीधे हाथ के अंगूठे से उसी बर्तन में गिरा दें। इस तरह 11 बार करते हुए पितरों का ध्यान करें।

पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध, दही, घी एवं खीर का अर्पण करें।

ब्राह्मण भोजन से पहले पंचबलि यानी गाय, कुत्ते, कौए, देवता और चींटी के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकाल दें। दक्षिणाभिमुख होकर कुश, तिल और जल लेकर संकल्प करें। इसके बाद एक या तीन ब्राह्मण को भोजन कराएं। थाली अथवा पत्ते पर ब्राह्मण हेतु प्रसन्न मन से भोजन परोसें।

दान-दक्षिणा

दान-दक्षिणा

भोजन के बाद यथाशक्ति दक्षिणा और अन्य सामग्री दान करें। इस दिन ब्राह्मणों और गरीबों को दान अवश्य करना चाहिए। आप गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, अनाज, गुड़, चांदी तथा नमक का दान करें। इसके बाद ब्राह्मण को स्वस्तिवाचन तथा वैदिक पाठ करना चाहिए। साथ ही गृहस्थ एवं पितर के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त करनी चाहिए।

Pitru Paksha 2020: पितृ पक्ष पर घर में कैसे करें तर्पण | Pitru Paksha Puja At Home | Boldsky
श्राद्ध की अहम तिथियां

श्राद्ध की अहम तिथियां

पिता का श्राद्ध अष्टमी के दिन और माता का नवमी के दिन किया जाता है। वहीं जिन परिजनों की अकाल मृत्यु, किसी दुर्घटना या आत्महत्या के कारण मृत्यु हुई हो उनका श्राद्ध चतुर्दशी के दिन किया जाता है। साधु और संन्यासियों का श्राद्ध द्वाद्वशी के दिन किया जाता है। जिन पितरों के मरने की तिथि याद नहीं है, उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन किया जाता है।

English summary

Pitru Paksha: How to Perform Shradh Puja at Home in Hindi

How to do Pitrupaksha Shradh pooja at home? Check out the details.
Desktop Bottom Promotion