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मंगला गौरी व्रत: पति का हर कदम पर साथ पाने के लिए इस विधि से करें व्रत-पूजा

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भगवान विष्णु के चार महीनों के लिए निद्रा में चले जाने के बाद सृष्टि की जिम्मेदारी भगवान शिव निभाते हैं और इसके साथ ही उनका प्रिय सावन का महीना आते ही विशेष शिव पूजा का आयोजन होने लगता है। सावन के सोमवार के अगले दिन मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है और देवी पार्वती की खास पूजा की जाती है।

Sawan Mangla Gauri Vart 2019

ये व्रत विवाहित औरतें अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। वहीं युवतियां अपने विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए मां पार्वती की उपासना करती हैं। इस लेख में जानते हैं मंगला गौरी व्रत की तिथि, मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।

मंगला गौरी व्रत का महत्व

मंगला गौरी व्रत का महत्व

हिंदू शास्त्रों में मंगला गौरी व्रत का महत्व बताया गया है। सुहागन महिलाएं वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए ये व्रत करती हैं। संतान सुख की चाह रखने वाले दंपत्तियों को भी लाभ मिलता है। पति के साथ संतान की लंबी उम्र के लिए भी ये व्रत किया जाता है।

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इस सावन मंगला गौरी व्रत

इस सावन मंगला गौरी व्रत

सावन का महीना सिर्फ भगवान शिव को नहीं बल्कि उनकी पत्नी माता पार्वती का भी प्रिय है। इस वजह से सावन के मंगलवार उन्हें समर्पित माने जाते हैं। इस साल सावन के कुल चार मंगलवार हैं। इसमें पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई, दूसरा 30 जुलाई, तीसरा 6 अगस्त और चौथा 13 अगस्त को रखा जाएगा। 13 अगस्त का मंगलवार इस सावन का आखिरी मंगलवार होगा।

विवाहित महिलाएं इस विधि से करें मंगला गौरी व्रत

विवाहित महिलाएं इस विधि से करें मंगला गौरी व्रत

सुबह उठकर सबसे पहले स्नानादि करें और फिर साफ़ सुथरे कपड़े धारण कर लें। इस व्रत में महिलाएं सिर्फ एक ही समय पर अन्न ग्रहण कर सकती हैं। व्रत करने वाली महिला को पूरे दिन माता पार्वती की आराधना और ध्यान करना चाहिए। घर के पूजा स्थान पर मंगला गौरी अर्थात माता पार्वती का चित्र रखें और व्रत का संकल्प लें। संकल्प के समय 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये' मंत्र का जाप करें। माता मंगला गौरी का पूजन करें। इस पूजन में ध्यान रखने वाली बात होती है कि माता की पूजा में सोलह संख्या में वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। आप फूल की 16 मालाएं, 16 लौंग, 16 चूड़ियां चढ़ाएं। इसी संख्या में आप सुपारी, इलायची, फल, पान, सूखे मेवे, मिठाई, अनाज, लड्डू, सुहाग क‍ी अन्य चीजें आदि रखें। पूजन के बाद मंगला गौरी की कथा अवश्य सुनें।

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English summary

Sawan Mangla Gauri Vart 2019: Date, Vrat, Puja Vidhi, Mantra, importance

Married women worship Goddess Parvati for happily married life. Mangla Gauri Vrat is observed on every Tuesday of Shravan month.
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