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महाशिवरात्रि 2018: 13 या 14 फरवरी कब करें शिवरात्रि का व्रत?
इस बार शिवरात्रि का पर्व दो दिन यानी 13 व 14 फरवरी को मनाया जाएगा। इन दो दिनों में व्रत किस दिन किया जाए इसे लेकर श्रद्धालु असमंजस में हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार 13 फरवरी को प्रदोष के साथ मध्य रात्रि में चतुर्दशी भी है। ऐसे में 13 फरवरी को व्रत रखना अधिक फलदायक होगा। फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। 13 फरवरी मंगलवार को रात 10:22 बजे के बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी जो अगले दिन 14 फरवरी की रात 12:17 बजे तक रहेगी।
व्रत करने वाले रखें ध्यान
13 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखने वालों को 14 की सुबह पारण करना होगा और 14 को व्रत रखने वाले को 14 तारीख की शाम को ही चतुर्दशी तिथि में पारण करना होगा।
पहले प्रहर की पूजा
13 फरवरी मंगलवार को रात 10:32 बजे से चतुर्दशी का मान शुरू हो जाएगा, यह 14 की रात 12:26 बजे तक रहेगा। इसी दिन भद्रा-जया का योग भी मिलेगा। बताया कि निर्णय सिंधु-स्कंद पुराण का मत है कि त्रयोदशी केअंत समय में आठवें पहर चतुर्दशी वाले समय में ही व्रत उत्तम है। 13 फरवरी को शाम छह बजकर पांच मिनट पर प्रथम पहर की पूजा होगी।
चारो प्रहर की पूजा का मुहूर्त
चारों प्रहरों का मूहूर्त रात्रि के समय भगवान शिव का पूजन एक से चार बार किया जाएगा। यह भक्तों पर निर्भर करता है कि वे किस तरह महादेव की पूजा करना चाहते हैं।
रात्रि पहले प्रहर पूजा का समय : शाम 18:05 से 21:20 तक
रात के दूसरा प्रहर में पूजा का समय : रात 21:20 से 00:35 तक तीसरा प्रहर पूजा का समय = 00:35 से 03:49 तकचौथा प्रहर पूजा का समय = 03:49 से 07:04 तक
पौराणिक मान्यता
मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही सृष्टि का आरंभ हुआ था। भगवान शिवजी के भक्तों के लिए यह त्यौहार बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। महाशिवरात्रि के दिन शिव के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं और पूरी निष्ठा से उनकी भक्ति करते हैं। और शिवजी भी अपने भक्तों को वरदान देतें है।
मांगलिक दोष करें दूर
सोमवार की आधी रात को यानी निशिथ काल में शिव पूजन करने व शिव को प्रिय बेल पत्र, भांग, धतूरा, जल, दूध, दही, घी, शहद आदि अर्पण करने से मांगलिक दोष दूर होता है। याद रहे उपरोक्त पूजन किसी योग्य और विद्वान ब्राह्मण के द्वारा ही किया जाना चाहिए।
विवाह के लिए
यदि विवाह में अड़चन आ रही है तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिला कर दूध चढ़ाएं।
धन प्राप्ति के लिए
मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। इस दौरान भगवान शिव का ध्यान करते रहें।
सुख समृद्धि के लिए
शिवरात्रि पर बैल को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा।