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इस शिवरात्रि है 51 मिनट का शुभ मूहूर्त, भूलकर भी न करना ये काम..

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Mahashivratri: शिवरात्रि के दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम | Shivratri ke Upay | Boldsky

इस साल 13 फरवरी और 14 फरवरी को महाशिवरात्री का त्‍यो‍हार आ रहा हैं। महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसे हर साल फाल्गुन माह में 13वीं रात या 14वें दिन मनाया जाता है। इस शिवरात्रि ऐसा दुलर्भ योग बन रहा हैं।

जिसमें रात के चारों प्रहर शिवभक्‍त शिवजी की आराधना कर सकते हैं, लेकिन ध्‍यान दे कि इस बार शिवरात्रि पर आराधना करते समय भूलकर भी ये गलतियां न करें। जिस वजह से आपको सौभाग्‍य की जगह तकलीफों का सामना करना पड़े।

सिर्फ 51 मिनट है मुहूर्त

सिर्फ 51 मिनट है मुहूर्त

महाशिवरात्रि का निशिता काल मुहूर्त महाशिवरात्रि का पर्व 13 फरवरी 2018 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 13 फरवरी की आधी रात से शुरू होकर 14 फरवरी तक रहेगा। शिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस साल मंगलवार की रात 10 बजकर 35 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ होगा। 14 फरवरी की रात 12 बजकर 46 मिनट तक चतुर्दशी रहेगा। इसलिए महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 13 फरवरी की आधी रात से शुरू होकर 14 फरवरी तक रहेगा। क्या है महाशिवरात्रि का महत्व?

भोलेनाथ को पसंद हैं सफेद फूल

भोलेनाथ को पसंद हैं सफेद फूल

माना जाता है कि भगवान शंकर को सफेद फूल बहुत पसंद हैं। इसीलिए पूजा में लोग धतूरे का फूल चढ़ाते हैं। लेकिन केतकी का फूल भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

शिव को न चढ़ाए तुलसी

शिव को न चढ़ाए तुलसी

तुलसी एक ऐसा पौधा है जिसका प्रयोग सभी तरह की पूजा में और सभी देवताओं में चढ़ाया जाता है। लेकिन भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित है। खासकर शिवलिंग में तुलसी नहीं चढ़ाई जानी चाहिए। तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है।महाशिवरात्रि व्रत में क्‍या-क्‍या करें

आखे चावल ही चढ़ाए

आखे चावल ही चढ़ाए

शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए जल में चावल के कुछ दाने डालना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि टूटे चावल भूलकर भी न चढ़ाएं। मान्यता है जलाभिषेक के साथ टूटे चावल अशुभ फल देने वाले होते हैं।

खंडित बिल्‍व पत्र न चढ़ाए

खंडित बिल्‍व पत्र न चढ़ाए

बिल्व पत्र चढ़ाएं पर खंडित नहीं- जो चीजें भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय हैं उनमें से बिल्व पत्र या बेलपत्र है। लेकिन ध्यान रखें कि यह तीन पत्तियों या इससे ज्यादा पत्तियों वाला ही चढ़ाएं। खंडित बिल्व पत्र या कीड़े का खाया बिल्वपत्र भूलकर भी न चढ़ाएं।

English summary

Shivaratri 2018 : don't make these mistake on this Shivaratri

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