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21 अगस्त को पूर्ण सूर्यग्रहण, ज्योतिष गणना के अनुसार नहीं पड़ेगा भारतीयों पर कोई बुरा असर
मैदनीय ज्योतिष शास्त्र की मैदनीय संहिता में वर्णन है कि चन्द्र ग्रहण के बाद सूर्य ग्रहण आता। चन्द्र ग्रहण पूर्णिमा को हो चुका है, अमावस्या को सूर्य ग्रहण होगा।
पिछले 99 वर्षों में ऐसा पहली बार होगा कि 21 अगस्त को सिर्फ अमरीकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा। खंडग्रास चंद्र ग्रहण के बाद अब 21 अगस्त को सूर्य ग्रहण है। चंद्र ग्रहण के दो सप्ताह बाद सूर्य ग्रहण लगता है।
इस बार चंद्र ग्रहण की तरह ही सूर्य ग्रहण भी सोमवार को पड़ रहा है। मैदनीय ज्योतिष शास्त्र की मैदनीय संहिता में वर्णन है कि चन्द्र ग्रहण के बाद सूर्य ग्रहण आता। चन्द्र ग्रहण पूर्णिमा को हो चुका है, अमावस्या को सूर्य ग्रहण होगा।
भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण
21 अगस्त 2017 को सूर्य ग्रहण होगा लेकिन वह भारत में दिखाई नहीं देगा। खग्रास सूर्य ग्रहण की अधिकतम स्थिति दो मिनट पैंतालीस सैकंड की रहेगी तथा भारतीय समयानुसार यह 21 बजकर 16 से 26 बजकर 34 मिनट के बीच अलग अलग समय पर खग्रास व खण्ड ग्रास सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
कोई खास प्रभाव नहीं
जैसा कि ये सूर्य ग्रहण सिर्फ अमेरिकी महाद्वीप में ही दिखेगा इसलिए ये भारत में मान्य नहीं है। भू मडंलीय ग्रहण गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक, स्नान , दान पुण्य की मान्य नहीं है।
कर सकते है दान पुण्य
जैसा कि यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा तो, इसका भारतीयों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। पंडितों के मुताबिक जो लोग ग्रहण को मानते हैं उन्हें आज के दिन खास तौर पर पूजा-अर्चना करनी चाहिए और उसके बाद गरीबों को दान करना चाहिए, गाय को रोटी खिलानी चाहिए ऐसा करने से साल भर से आ रही सारी परेशानियों का अंत होता है।
यहां दिखेगा
कनाडा, अलास्का, मैक्सिको, आईसलैंड, उतरी अमरीका, अटलांटिक महासागर, अफ्रीका व दक्षिणी अमरीकी के उत्तरी पश्चिमी भाग में स्थित कुछ नगरों में ही दिखाई देगा।