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रोज सुबह वॉक करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। ऐसे में अगर आप रोज एक जैसी बॉक करके बोर हो गए हैं, तो आज हम आपके लिए एक अलग मोर्निंग वॉक लेकर आए हैं। आप अपने मोर्निंग वॉक में रेट्रो वॉक करने की कोशिश कर सकते हैं। इसे करना बहुत आसान होता है। इस वॉक में आपको बस एक पैर को दूसरे पैर के पीछे रखकर चलना होता है। आसान शब्दों में कहें तो आपको उल्टा चलना है। रेट्रो वॉक करते समय लोग आपको पागल समझ सकते हैं। लेकिन आपको दूसरों से पहले खुद के हेल्थ के बारे में सोचनी है।
कॉर्डिनेशन में सुधार
रिवर्स वॉकिंग के लिए आपको अपनी सामान्य गति के खिलाफ जाने की जरूरत होती है। रेट्रो वॉक में आपकोअपने शरीर के बेहतर कॉर्डिनेशन को बनाएं रखने की जरूरत होती है। इस दौरान आपका दिमाग अपको रास्ता दिखाने का काम करता है। क्योंकि आप पीछे चलते हुए देख नही सकते हैं। आप सिर्फ अपने दिमाग औप पैरों के बेलेस पर ही भरोसा करके इस वॉक को कर सकते हैं। यह आपके दिमाग और शरीर में सुधार करने में मदद करता है।
घुटनों पर पड़ता है कम दबाव
जिन
रोगियों
के
घुटनों
में
ऑस्टियोआर्थराइटिस
है,
उनके
लिए
रेट्रो
लोकोमोशन
दर्द
को
कम
करने
और
पैर
की
ताकत
में
सुधार
करने
में
फायदेमंद
हो
सकता
है।
रिवर्स
वॉकिंग
घुटने
के
दर्द
को
कम
करने
में
मदद
करता
है।
जब
आप
पीछे
की
ओर
चलते
हैं।
जिसके
कारण
घुटने
में
दर्द
की
तीव्रता
कम
हो
जाती
है।
कैलोरी होती है बर्न
रेट्रो वॉक करने से 40 प्रतिशत ज्यादा कैलोरी बर्न होने लगती है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो इस वॉक को जरूर ट्राई करें।
कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस में करता है सुधार
उल्टा चलने से आपका दिल ज्यादा तेज पंप करने लगता है। जिसके कारण आपको कार्डियो फिक्स मिलता है, मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। जिसके कारण कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। पीछे की ओर चलने से युवा महिलाओं में शरीर की संरचना में जरूरी परिवर्तन होता हैं।
पैरों को मजबूती देने में मददगार
रिवर्स वॉकिंग पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने के सबसे प्रभावी प्राकृतिक तरीकों में से एक है। जब आप पीछे की ओर चलते हैं, तो यह आपके क्वाड्रिसेप्स के उलटे आपके हैमस्ट्रिंग को फ्लेक्स करता है। मांसपेशियों को मजबूत करता है जो आमतौर पर आगे की ओर चलते समय बैकसीट लेती हैं।