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भारत में सिर्फ 31 फीसदी महिलाएं मोबाइल फोन का करती हैं इस्तेमाल: ऑक्सफैम स्टडी

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women using phone

आज का जो दौर चल रहा है उसमें आप बिना मोबाइल फोन के रहने की कल्पना नहीं कर सकते क्योंकि आपके मोबाइल फोन में सिर्फ कॉल के लिए नंबर ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मौजूद होती है। मोबाइल फोन के बिना जीवन अकल्पनीय है। लेकिन एक अध्ययन के मुताबिक, भारत में महिलाएं आज भी अपने पुरुषों से इस मामले में पीछे हैं।

ऑक्सफैम द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन से ये मालूम चलता है कि भारत में 60 प्रतिशत से अधिक पुरुषों की तुलना में केवल 31 प्रतिशत महिलाओं के पास मोबाइल फोन हैं।भारत असमानता रिपोर्ट 2022, 'डिजिटल डिवाइड' का कहना है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी की पहुंच काफी हद तक पुरुषों तक ही है जबकि महिलाओं के पास अभी भी ऐसे हैंडसेट हैं जो एंड्रॉयड और आईओएस बेस्ड नहीं हैं, बल्कि एक बेसिक फोन है। वो भी जो कम खर्चीले होते हैं। जो सिर्फ फोन कॉल और संदेशों तक ही सीमित हैं।

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि डिजिटल असमानता जाति, आय और शिक्षा पर आधारित है। इसके अलावा, एक घर में एक डिजिटल डिवाइस किसके पास होगा ये भी परिवार के पुरुष द्वारा निर्धारित किया जाता है।

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ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेक्सुअल सोशल बेंचमार्क इस परिदृश्य में पुरुषों और महिलाओं के लिए 'उपयुक्त' क्या है, ये तय करते हैं, और इससे पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए डिजिटल सर्विस का यूज और असिम्लेशन करने का लेवल तुलनात्मक रूप से कम हो गया है।

एक डिजिटल डिवाइस का मालिक होना और उसका यूज करना एक पारिवारिक फैसला बन गया है, जो आदमी द्वारा तय किया जाता है।

इसके अलावा, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) और नेशनल सैंपल सर्वे (NSS) के डेटा का विश्लेषण करने के बाद, रिपोर्ट में एरिया, इनकम, कास्ट और एजुकेशन के आधार पर डिजिटल असमानता पर भी प्रकाश डाला गया है।

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रिपोर्ट में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, देश में प्रति 100 लोगों पर केवल 57.29 इंटरनेट ग्राहक हैं और शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या काफी कम है।

ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति 100 इंटरनेट यूजर की संख्या 34 से कम है। शहरी केंद्रों में यह 101 से अधिक है।

ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने रिपोर्ट में कहा, दुनिया को वास्तव में समान मानने के लिए, डिजिटल चेंज को सामाजिक आर्थिक वास्तविकताओं की स्ट्रक्चरल इनिक्वालिटीज के सल्यूशन के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। एजुकेशन, हेल्थ और फाइनेंस इंक्लूजनके यूनिवर्सल प्रोविजन में स्ट्रक्चरल चैलेंजेस का समाधान करना अनिवार्य है। इसके बाद डिजिटल चेंज होगा

English summary

Only 31 percent of women in India use mobile phones: Oxfam study

Life is unimaginable without mobile phones. But according to a study, women in India are still behind their men in this matter.
Story first published: Thursday, December 8, 2022, 18:15 [IST]
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