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National Press Day 2022:, जानें इंडियन प्रेस का महत्व और सामने आ रहीं चुनौतियों के बारें में

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राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवंबर को भारत में हर साल मनाया जाता है। भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक है। भारतीय प्रेस परिषद एक अद्वितीय इकाई है भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) को स्वीकार करने और सम्मानित करने के लिए हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। ये दिन देश में एक फ्री और जिम्मेदार प्रेस होने का प्रतीक है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया भी भारतीय प्रेस के रिपोर्ट्स की क्वालिटी चेक करती है और पत्रकारिता गतिविधियों पर नजर रखती है।

फ्रेंच एनजीओ रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स अपने प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के संगठन के आकलन के आधार पर देशों की वार्षिक रैंकिंग संकलित और प्रकाशित करता है। 2022 में, भारत 180 देशों में से 150वें स्थान पर था, जो 2016 में 133वें स्थान से गिर गया है।

इसका इतिहास:

इसका इतिहास:

साल 1956 में, पहली प्रेस आयोग ने वैधानिक अथॉरिटी के साथ एक नई बॉडी बनाने का फैसला लिया, जिसके पास जर्नालिज्म के एथिक्स को बनाए रखने की जिम्मेदारी है। आयोग ने महसूस किया कि प्रेस के लोगों से जुड़ने के लिए और उत्पन्न होने वाले किसी भी मुद्दे पर आरबर्ट्रेट करने के लिए एक मेनेजिंग बॉडी की आवश्यकता थी। 1780 में हिक्की बंगाल गजट, पहला भारतीय समाचार पत्र था।

16 नवंबर 1966 को पीसीआई का गठन किया गया। भारत का राष्ट्रीय प्रेस दिवस तब से हर साल 16 नवंबर को परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में सैलिब्रेट किया जाता है।

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, परिषद की अध्यक्षता पारंपरिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज और 28 अतिरिक्त सदस्य करते हैं, जिनमें से 20 भारत में संचालित मीडिया आउटलेट्स के सदस्य हैं। पांच सदस्यों को संसद के सदनों से नामित किया जाता है और बचे तीन सांस्कृतिक, कानूनी और साहित्यिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का महत्व:

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का महत्व:

परिषद भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका निर्माण लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी स्वतंत्र प्रेस की रक्षा के लिए हुआ था, इसलिए, ये सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम करता है कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता से समझौता नहीं किया गया है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा समाचार पत्र बाजार

भारत दुनिया का सबसे बड़ा समाचार पत्र बाजार

16 नवंबर देश में एक जिम्मेदार और स्वतंत्र प्रेस का प्रतीक है। आज के दिन पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने और इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन किया जाता है।

भारत में 500 से अधिक सैटेलाइट चैनल और 70,000 न्यूज पेपर हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा समाचार पत्र बाजार है जिसकी प्रतिदिन 100 मिलियन से अधिक प्रतियां बिकती हैं।

2022 में भारत की प्रेस फ्रीडम रैंकिंग नीचे गिरी

2022 में भारत की प्रेस फ्रीडम रैंकिंग नीचे गिरी

फ्रेंच एनजीओ रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स अपने प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के संगठन के आकलन के आधार पर देशों की वार्षिक रैंकिंग संकलित और प्रकाशित करता है। 2022 में, भारत 180 देशों में से 150वें स्थान पर था, जो 2016 में 133वें स्थान से गिर गया था। इसमें कहा गया है कि ये प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी और उनके हिंदुत्व के फॉलोवर्स के मीडिया पर अधिक नियंत्रण के कारण था। फ्रीडम हाउस, एक यूएस-आधारित एनजीओ ने अपनी 2021 की रिपोर्ट में कहा कि मोदी के प्रशासन के तहत पत्रकारों का उत्पीड़न बढ़ गया है। भारत के अंग्रेजी भाषा के मीडिया को पारंपरिक रूप से लेफ्टिस्ट झुकाव वाले उदारवादी के रूप में बताया गया है, जो हाल ही में हिंदू राष्ट्रवादी राजनीति की लोकप्रियता में उछाल के कारण विवाद का विषय रहा है।

(Reference- Freedom House, presscouncil.nic.in)

English summary

National Press Day 2022: Date, history, significance, and know about Indian media in Hindi

National Press Day - is celebrated every year in India on 16 November. Symbol of a free and responsible press in India. The Press Council of India is a unique body
Story first published: Wednesday, November 16, 2022, 11:00 [IST]
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