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आशा पारेख दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से होंगी सम्मानित, दिग्गज अभिनेत्री के बारें में जानें कुछ फैक्ट्स

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सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आज 27 सितंबर 2022 को घोषणा की, साल 2020 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार महान अभिनेत्री आशा पारेख को प्रदान किया जाएगा। ये पुरस्कार नई दिल्ली में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।

आशा पारेख एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री, निर्देशक और निर्माता और एक कुशल भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं। एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में उन्होंने अपने करियर शुरू की। उन्होंने दिल देके देखो में लीड रोल के रूप में काम किया। आशा पारेख ने 95 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने कटी पतंग, तीसरी मंजिल, लव इन टोक्यो, आया सावन झूम के, आन मिलो सजना, मेरा गांव मेरा देश जैसी सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया है।

आइये जानते हैं आशा पारेख के बारें में कुछ अनजानें फैक्ट्स

आशा पारेख का सुपरस्टारडम

आशा पारेख का सुपरस्टारडम

एक्ट्रेस आशा पारेख ने नासिर हुसैन की फिल्म दिल देके देखो के साथ सफलता पाई। इसमें उन्होने मेन लीड रोल प्ले किया था। तिसरी मंजिल और फिर वही दिल लाया हूं समेत उन्होंने एक ही डायरेक्टर के साथ काम किया। आशा ने तीन दशकों से अधिक समय तक बॉलीवुड पर राज किया

शादी नहीं की-

सुपर स्टार आशा पारेख ने शादी से इनकार किया था। आशा आज भी अविवाहित हैं। उनका भी प्यार प्रेम कहानियों की तरह,अधूरा लगता है। बता दें कि आधी जैन और आधी मुस्लिम हैं।

वहीदा रहमान और हेलेन बेस्ट फ्रैंड-

आज भी आशा पारेख, वहीदा रहमान और हेलेन के साथ इस गर्ल गैंग को फिल्म प्रीमियर और पार्टियों में एक साथ देखा जा सकता है। आशा और शम्मी बेस्ट फ्रैंड हैं। उनकी दोस्ती दर्शकों को चकित करती रहती है। यह वास्तव में कुछ ऐसा है जो युवा पीढ़ी को प्रेरित करता है।

 हिंदी सिनेमा की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्री

हिंदी सिनेमा की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्री

आशा पारेख ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 10 साल की उम्र में की थी। अपने करियर में 95 से अधिक फिल्मों में उन्होंने एक्टिंग की। जिसमें "दिल देके देखो", "कटी पतंग", "तीसरी मंजिल", "बहारों" शामिल हैं। "प्यार का मौसम", और "कारवां" है। उनको हिंदी सिनेमा में अब तक की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। आशा पारेख ने नासिर हुसैन की 1959 की फिल्म "दिल देके देखो" में एक प्रमुख महिला के रूप में अपनी शुरुआत की, जिसमें उन्होंने शम्मी कपूर के साथ अभिनय किया।

एक निर्देशक और निर्माता भी, पारेख ने 1990 के दशक के अंत में प्रशंसित टीवी नाटक "कोरा कागज़" का निर्देशन किया था। स्क्रीन लीजेंड ने 1998-2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। वह 2017 में फिल्म समीक्षक खालिद मोहम्मद द्वारा सह-लिखित अपनी आत्मकथा, "द हिट गर्ल" के साथ सामने आईं।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू देंगी अवॉर्ड

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उन्हें 1992 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। पिछले साल 2019 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार रजनीकांत को प्रदान किया गया था। 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 30 सितंबर, 2022 को आयोजित किए जाएंगे और इसकी अध्यक्षता भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू करेंगी।

दादा साहब फाल्के पुरस्कार सिनेमा के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च पुरस्कार है। 2019 में, यह रजनीकांत को सम्मानित किया गया था। यह दादासाहेब फाल्के की याद में दिया गया है, जिन्हें 'भारतीय सिनेमा का जनक' माना जाता है, जिन्होंने पहली हिंदी फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई थी।

English summary

Veteran Actress Asha Parekh To Be Honored With Dadasaheb Phalke Award; Know Facts about her

The Dadasaheb Phalke Award for the year 2020 will be conferred on legendary actress Asha Parekh, the Ministry of Information and Broadcasting announced today on 27 September 2022. The award will be presented at the National Film Awards ceremony in New Delhi.
Story first published: Tuesday, September 27, 2022, 16:08 [IST]
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