Just In
- 1 hr ago Lemon Juice Bath : नींबू पानी से नहाने के फायदे जान, रोजाना आप लेमन बाथ लेना शुरु कर देंगे
- 2 hrs ago Lok Sabha Election 2024: हर परिवार के लिए गाय, सभी के लिए बियर, जब चुनाव जीतने के लिए किये अजीबोगरीब वादे
- 3 hrs ago Good Friday के पवित्र दिन ईसाई क्यों खाते हैं मछली जबकि मांस खाना है मना, ये है वजह...
- 6 hrs ago Good Friday: इस दिन सूली पर चढ़ाए गए थे ईसा मसीह फिर क्यों कहा जाता है 'गुड फ्राइडे'
Don't Miss
- News Shivpuri News: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी में रावत समाज के सम्मेलन में धारा 370 पर दिया बड़ा बयान
- Movies ईशा अंबानी ने 508 करोड़ में बेचा अपना 38,000 स्कवेयर फुट का बंगला, इस हसीना ने चुटकी बजाकर खरीदा?
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Education BSEB Bihar Board 10th Result 2024: बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट 2024 इस हफ्ते के अंत तक आयेगा
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
बेबी ब्वॉय के यौन अंग की कैसे करें सफाई?
जन्म के समय शिशु बहुत नाज़ुक होता है। उसके शरीर का हर एक हिस्सा बहुत कोमल और सेंसेटिव होता है। जन्म के बाद शिशु को गोद में उठाने तक में माता-पिता को डर लगता है। ऐसे में पहली बार माता-पिता बने लोगों को अपने बच्चे को नहलाने तक में मुश्किल आती है।
शिशु की त्वचा बाहरी पर्यावरण के लिए बहुत संवेदनशील होती है। गर्भ में शिशु सुरक्षित होता है और उसे वहां के वातावरण की आदत होती है लेकिन बाहर आने पर उसकी दुनिया बिल्कुल ही बदल जाती है। शिशु को संभालने में बहुत सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है।
हाईजीन और सफाई को लेकर शिशु के यौन अंगों पर ध्यान देना सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है। अगर आपका शिशु लड़का है तो आपको ऐसे अंगों का ख्याल रखना है जिनके बारे में आपको ज़्यादा पता नहीं है।
शिशु का पेनिस बहुत संवेदनशील होता है। इस अंग की देखभाल में आपको बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। बच्चे को खुश और स्वस्थ रखने के लिए आपको उसकी देखभाल से जुड़ी कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आज हम आपको बेबी ब्वॉय के यौन अंगों का ध्यान रखने के लिए कुछ ज़रूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।
खतना करना है या नहीं
खतना सबसे ज़्यादा धर्म और निजी मान्यताओं पर निर्भर करता है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि पेनिस की चमड़ी हटाने की कोई ज़रूरत नहीं है। जो लोग खतना करते हैं वे कहते हैं कि चमड़ी को हटाने से स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिलती है।
इस विषय पर चर्चा होती है और इसके फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। आखिरकार, ये आपकी मर्ज़ी है कि आप अपने शिशु का खतना करवाना चाहते हैं या नहीं। आप चाहें तो अपने बच्चे के बड़े होने पर इस चीज़ का निर्णय उसी पर छोड़ सकते हैं। बच्चे के यौन अंग की देखभाल के लिए अलग दिशा-निर्देश होते हैं।
खतना किए गए मेल बॉडी पार्ट की सफाई
कई माता-पिता जितना जल्दी हो सके अपने बच्चे का खतना करवा सकते हैं। ऐसे में पेनिस को पानी से साफ करना चाहिए। शिशु के यौन अंग को केमिकल या किसी साबुन से साफ नहीं करने चाहिए। बेबी सोप या प्रॉडक्ट का इस्तेमाल भी ना करें। इससे बच्चे की त्वचा पर सूजन, जलन या घाव भी बन सकता है। नहाने के बाद पेनिस पर हल्की से पेट्रोलियम जैली लगा सकते हैं।
खतने के बाद डायपर कैसे पहनाएं
डायपर पहनाने से पहले शिशु की पेनिस अच्छी तरह से सूखी होनी चाहिए। प्यूबिक एरिया में शिशु की पेनिस साइड या नीचे की ओर होनी चाहिए। डायपर पहनाते समय पेनिस की मूवमेंट से बच्चे को दर्द या असहजता हो सकती है।
हो सके तो अपने शिशु को डायपर के बिना ही रहने दें। इससे उसे हवा लगती रहेगी। घाव भी जल्दी भरेगा और कोई इंफेक्शन भी नहीं होगा।
खतने के बाद घाव भरने में कितना समय लगता है
खतना की गई पेनिस का घाव भरने में एक हफ्ते से 10 दिन का समय लगता है। 10 दिन के भीतर पेनिस लाल या सूजी हुई रहती है। कभी-कभी इससे पीले रंग का पानी भी निकलता है। ये सब घाव भरने के सामान्य लक्षण हैं। अगर 100 दिनों से ज़्यादा समय तक ये लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की ज़रूरत है।
बिना खतने के बेबी ब्वॉय की स्किन
खतने के बिना भी बेबी ब्वॉय की पेनिस पर स्किन होता है। इसका अंदरूनी हिस्सा संक्रमित हो सकता है इसलिए इसकी सफाई बहुत ज़रूरी है लेकिन आपको इस स्किन को खींचना नहीं चाहिए।
ये त्वचा अपने आप साफ हो जाती है और इसे ज़्यादा पानी से धोने की ज़रूरत नहीं है लेकिन इसे दबाव के साथ खींचना नहीं चाहिए। इससे घाव हो सकता है। शिशु के यौन अंग में इससे संक्रमण भी फैल सकता है।
बिना खतने वाले बच्चे के यौन अंग कैसे करें साफ
शिशु की त्वचा के अंदरूनी हिस्से को साफ करने की ज़रूरत नहीं है। बच्चे की पेनिस पर एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन या साबुन भी ना लगाएं। गुनगुने पानी और मुलायम कपड़े से शिशु की पेनिस और त्वचा के बाहरी हिस्से को साफ करें।
साबुन या अन्य कोई बेबी क्लींज़र का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे शिशु के यौन अंगों से दूर ही रखें।
किस तरह के बेबी वाइप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं और कैसे
शिशु के पेशाब और मल को साफ करने के लिए हर वक्त पानी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यात्रा के दौरान डायपर बदलने के लिए आपको कुछ बेबी वाइप्स खरीदकर रखने चाहिए। ये खुशबूदार और एल्कोहोलिक नहीं होने चाहिए। इससे शिशु की त्वचा सूख जाती है और इंफेक्शन और जलन का खतरा रहता है।
बेबी वाइप्स से सिर्फ बाहरी त्वचा की सफाई करें। बाहर से इसे साफ करने से मल त्वचा पर नहीं चिपकता है और इससे संक्रमण और जलन का खतरा नहीं रहता है।
गलती से त्वचा खींच जाए तो क्या करें
शिशु की देखभाल के समय अचानक से त्वचा खींच सकती है। ये त्वचा बहुत टाइट होती है बिल्कुल रबड़ बैंड की तरह। इससे रक्तप्रवाह रूक सकता है और सूजन भी हो सकती है।
इस त्वचा को वापस अपने स्थान पर लाने के लिए तुरंत डॉक्टर के पास शिशु को लेकर जाएं।
शिश्नमल क्या होता है
ये एक स्राव होता है जोकि सफेद रंग का होता है। इसमें पेनिस की मृत कोशिका होती है। ये सामान्य होता है। अगर आपको स्मेग्मा यानि शिश्नमल के बारे में पता होगा तो आपको इसे लेकर चिंता नहीं होगी। अगर संक्रमण का कोई लक्षण जैसे लालपन, सूजन नज़र आता है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। गुनगुने पानी से रोज़ाना सफाई करने से स्मेग्मा साफ हो जाता है। तेज़ी से इसे ना हटाएं।